भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 7 मार्च 2025 को समाप्त सप्ताह में $15.267 अरब की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई, जिससे कुल भंडार बढ़कर $653.966 अरब हो गया। यह वृद्धि पिछले दो वर्षों में सबसे तेज रही, जिसका मुख्य कारण भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा 28 फरवरी 2025 को किया गया $10 अरब का फॉरेक्स स्वैप रहा। इस कदम के तहत, RBI ने रुपये के मुकाबले डॉलर खरीदे ताकि वित्तीय प्रणाली में तरलता (Liquidity) को बढ़ाया जा सके।
मुख्य बिंदु:
- कुल विदेशी मुद्रा भंडार: $653.966 अरब
- साप्ताहिक वृद्धि: $15.267 अरब (2 वर्षों में सबसे अधिक)
- पिछले सप्ताह का भंडार: $638.698 अरब
- अब तक का उच्चतम स्तर: $704.885 अरब (सितंबर 2024)
विदेशी मुद्रा भंडार का वर्गीकरण:
| घटक | साप्ताहिक परिवर्तन | वर्तमान मूल्य |
|---|---|---|
| विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां (FCA) | $13.993 अरब की वृद्धि | $557.282 अरब |
| स्वर्ण भंडार | $1.053 अरब की गिरावट | $74.325 अरब |
| विशेष आहरण अधिकार (SDR) | $212 मिलियन की वृद्धि | $18.21 अरब |
| IMF में भंडार स्थिति | $69 मिलियन की गिरावट | $4.148 अरब |
विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि के कारण:
- RBI का $10 अरब का फॉरेक्स स्वैप, जिससे तरलता बढ़ी।
- रुपये की अस्थिरता को नियंत्रित करने के लिए RBI का हस्तक्षेप।
- डॉलर, यूरो, येन और पाउंड जैसी प्रमुख मुद्राओं में मूल्य परिवर्तन से पुनर्मूल्यांकन प्रभाव।
भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव:
- वित्तीय प्रणाली में तरलता में सुधार।
- रुपये की स्थिरता में वृद्धि।
- निवेशकों का भरोसा बढ़ा।
- आयात सुरक्षा और बाहरी स्थिरता में सुधार।
| श्रेणी | विवरण |
| क्यों खबर में? | भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में दो वर्षों की सबसे तेज वृद्धि: RBI डेटा |
| कुल विदेशी मुद्रा भंडार (7 मार्च 2025) | $653.966 अरब |
| साप्ताहिक वृद्धि | $15.267 अरब |
| मुख्य कारण | RBI द्वारा $10 अरब का फॉरेक्स स्वैप |
| विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां (FCA) | $557.282 अरब |
| स्वर्ण भंडार | $74.325 अरब |
| विशेष आहरण अधिकार (SDRs) | $18.21 अरब |
| IMF में भंडार स्थिति | $4.148 अरब |
| अब तक का उच्चतम स्तर | $704.885 अरब (सितंबर 2024) |


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