अगस्त में कोर सेक्टर ग्रोथ रेट 14 महीने के उच्च स्तर पर आ गया है। आठ प्रमुख बुनियादी उद्योग (कोर सेक्टर) की ग्रोथ रेट इस साल अगस्त में 14 महीनों के उच्च स्तर 12.1 फीसदी पर पहुंच गई। इसके पहले जुलाई महीने में इन प्रमुख उद्योगों की विकास दर 8.4 फीसदी रही थी। वहीं एक साल पहले इसी महीने यानी अगस्त 2022 में कोर सेक्टर ग्रोथ रेट 4.2 फीसदी रहा था।
अगस्त में पिछले 14 महीनों का सबसे ज्यादा ग्रोथ रेट रहा है। इससे पिछला उच्च स्तर जून 2022 में था और उस समय 8 कोर सेक्टर की ग्रोथ रेट 13.2 फीसदी रही थी। कोर सेक्टर में आठ प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र को शामिल किया जाता है। इनमें कोयला, कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, खाद, स्टील, सीमेंट व बिजली शामिल हैं। कोर सेक्टर का उत्पादन अर्थव्यवस्था की औद्योगिक मांग को दर्शाता है।
मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने जारी किया आंकड़ा
मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने आधिकारिक आंकड़ों में कहा है कि कोयले, क्रूड ऑयल और नैचुरल गैस के उत्पादन में बढ़ोतरी से अगस्त महीने में बुनियादी सेक्टर की तेजी को सपोर्ट मिला है जिसके दम पर ये महीना कोर सेक्टर की ग्रोथ के लिहाज से बेहतरीन साबित हुआ है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि अगस्त में रिफाइनरी प्रोडक्ट्स, स्टील, सीमेंट और इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर का उत्पादन भी बढ़ा है।
8 में से 5 कोर सेक्टर में रही डबल डिजिट ग्रोथ रेट
अगस्त में देश के 8 मेन सेक्टर्स में से 5 इंडस्ट्रीज में डबल डिजिट ग्रोथ दर्ज की गई है। सीमेंट सेक्टर में 18.9 फीसदी ग्रोथ रेट, कोयला सेक्टर में 17.9 फीसदी ग्रोथ रेट, इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर में 14.9 फीसदी, स्टील सेक्टर में 10.9 फीसदी और नैचुरल गैस सेक्टर में 10.0 फीसदी की कोर सेक्टर ग्रोथ रेट दर्ज की गई है। हालांकि चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों (अप्रैल-अगस्त) में आठ कोर सेक्टर की उत्पादन वृद्धि दर 7.7 फीसदी रही है। इससे पिछले साल की समान अवधि में ये रेट 10 फीसदी रही थी।
पिछले एक साल में सबसे अधिक बढ़ोतरी
कोयले व बिजली के उत्पादन में भी पिछले एक साल में सबसे अधिक बढ़ोतरी रही। चालू वित्त वर्ष में माह बढ़ोतरी दर अप्रैल 4.6 प्रतिशत मई में 5.2 प्रतिशत जून में 8.3 प्रतिशत जुलाई के महीने में 8.4 प्रतिशत और अगस्त में12.1 प्रतिशत रही।
आगामी आईआईपी डेटा
अगस्त के लिए औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) डेटा 12 अक्टूबर को जारी होने वाला है। यह डेटा आने वाले महीनों में भारत के औद्योगिक क्षेत्र के समग्र स्वास्थ्य और इसके प्रक्षेपवक्र के बारे में और जानकारी प्रदान करेगा।