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भारतीय सेना ने मनाया 79वां इन्फैंट्री डे

हर वर्ष 27 अक्टूबर को भारतीय सेना इन्फैंट्री डे (Infantry Day) के रूप में मनाती है। यह दिन स्वतंत्र भारत के रक्षा इतिहास के एक ऐतिहासिक क्षण को याद करने के लिए समर्पित है। वर्ष 2025 में 79वां इन्फैंट्री डे मनाया जा रहा है, जिसमें उन बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई जिन्होंने 1947 में जम्मू-कश्मीर में एयरलैंडिंग कर भारतीय क्षेत्र की रक्षा में अहम भूमिका निभाई थी।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

भारत की स्वतंत्रता के कुछ ही महीनों बाद, जम्मू-कश्मीर रियासत पर कबायली हमलावरों और पाकिस्तान समर्थित तत्वों ने आक्रमण कर दिया।

26 अक्टूबर 1947 को महाराजा हरि सिंह ने भारत के साथ विलय पत्र (Instrument of Accession) पर हस्ताक्षर किए, जिससे भारतीय सैनिकों को राज्य में प्रवेश करने की अनुमति मिली।

इसके तुरंत बाद, 27 अक्टूबर 1947 को 1st Battalion, The Sikh Regiment के सैनिकों को डकोटा विमान के जरिए श्रीनगर एयरफील्ड पर उतारा गया।

यह स्वतंत्र भारत की धरती पर पहली पूर्ण सैन्य कार्रवाई मानी जाती है, जिसने देश की एकता और सीमाओं की रक्षा में निर्णायक भूमिका निभाई।

इन्फैंट्री डे (Infantry Day) का महत्व

इन्फैंट्री डे के निम्नलिखित उद्देश्य हैं —

  • यह पैदल सेना (Infantry) के उन वीर सैनिकों के साहस, बलिदान और समर्पण को सम्मानित करता है जिन्हें सेना की “रीढ़” कहा जाता है।
  • यह देश की संप्रभुता की रक्षा में इन्फैंट्री की रणनीतिक भूमिका को उजागर करता है, विशेषकर जम्मू-कश्मीर जैसे कठिन इलाकों में।
  • यह हमें स्वतंत्र भारत के प्रारंभिक दिनों की चुनौतियों और भारतीय सशस्त्र बलों की अखंडता की रक्षा में निभाई गई भूमिका की याद दिलाता है।

इन्फैंट्री डे (Infantry Day) समारोह और आयोजन

79वें इन्फैंट्री डे के अवसर पर, डायरेक्टर जनरल ऑफ इन्फैंट्री लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार ने सभी पूर्व सैनिकों और वर्तमान इन्फैंट्रीमैन को शुभकामनाएं दीं।

उन्होंने राष्ट्र की सीमाओं की रक्षा और आंतरिक सुरक्षा में इन्फैंट्री के अटूट साहस, पेशेवर दक्षता और समर्पण की सराहना की।

इस अवसर पर देशभर में श्रद्धांजलि समारोह, सैनिक स्मारकों पर पुष्पांजलि, वीर जवानों का सम्मान, तथा कैडेट्स और नागरिक समुदायों के साथ संवाद जैसे आयोजन किए गए।

इन्फैंट्री डे हमें याद दिलाता है कि भारत की सीमाएं सिर्फ हथियारों से नहीं, बल्कि अपने वीर सैनिकों के साहस और त्याग से सुरक्षित हैं।

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