रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों (डीपीएसयू) द्वारा आयात को कम करने के लिए, रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन विभाग (डीडीपी) ने देश में ही निर्मित 346 वस्तुओं की पांचवीं सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची (पीआईएल) अधिसूचित की है।
मुख्य हाइलाइट्स
पांचवीं सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची
नवीनतम सूची में 346 आइटम शामिल हैं, जिनमें रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण प्रणालियाँ और हथियार शामिल हैं।
स्वदेशीकरण के प्रयास
पिछले तीन वर्षों में 12,300 से अधिक वस्तुओं का स्वदेशीकरण किया गया है।
आयात प्रतिस्थापन का मूल्य
इन 346 वस्तुओं का स्वदेशीकरण 1,048 करोड़ रुपये का है।
उत्पादन और विकास
इन आइटम्स का उत्पादन रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (DPSUs) द्वारा किया जाएगा, जिसमें घरेलू विकास सहित विभिन्न रूपों के माध्यम शामिल होंगे।
आर्थिक प्रभाव
अर्थव्यवस्था को बढ़ावा
यह पहल रक्षा में निवेश को बढ़ाने और आयात पर निर्भरता को कम करने का उद्देश्य रखती है।
डिज़ाइन क्षमता
इससे घरेलू रक्षा उद्योग की डिज़ाइन क्षमता को बढ़ाया जाएगा जिसमें शैक्षणिक संस्थानों और अनुसंधान संस्थानों की भागीदारी होगी।
पिछली सूचियाँ और उपलब्धियां
पहले सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियां
पहले चार सूचियों में सम्मिलित 4,666 आइटमों में से 2,972 आइटमों का स्थानीयकरण हो चुका है, जिनका मूल्य 3,400 करोड़ रुपये है।
सरकार का विजन
भविष्य के खर्च और लक्ष्य
भारतीय सशस्त्र बलों को अगले पांच-छह वर्षों में पूंजीगत खरीद में लगभग 130 बिलियन अमरीकी डालर खर्च करने का अनुमान है। सरकार का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में रक्षा विनिर्माण में 25 बिलियन अमरीकी डालर (1.75 लाख करोड़ रुपये) का कारोबार हासिल करना है।
निर्यात लक्ष्य
सरकार की योजना 2028-29 तक सैन्य हार्डवेयर के निर्यात को मौजूदा 21,083 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50,000 करोड़ रुपये करने की है।