भारत के सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने अप्रैल 2025 के लिए संशोधित आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) का पहला मासिक बुलेटिन जारी किया है। यह नया प्रारूप भारत के श्रम डेटा पारिस्थितिकी तंत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (CWS) ढांचे के तहत उच्च आवृत्ति, ग्रामीण और शहरी रोजगार-बेरोजगारी संकेतक प्रदान करता है।
समाचार में क्यों?
15 मई 2025 को MoSPI ने परिवर्तित आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) के तहत पहला मासिक बुलेटिन जारी किया। जनवरी 2025 से लागू नई पद्धति के साथ यह पहली मासिक रिपोर्ट है, जिससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार-बेरोजगारी की नियमित निगरानी संभव होगी।
नई कार्यप्रणाली और ढांचा
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जनवरी 2025 से लागू किया गया नया डिज़ाइन।
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मासिक रोटेशनल पैनल सैंपलिंग दृष्टिकोण अपनाया गया।
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प्रत्येक परिवार को लगातार 4 महीनों तक 4 बार सर्वेक्षण किया जाता है।
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स्थिरता के लिए 75% नमूना इकाइयाँ हर माह पुनः प्रयुक्त की जाती हैं।
अप्रैल 2025 श्रम बाज़ार संकेतक (आयु 15 वर्ष से अधिक, CWS के अनुसार)
संकेतक | कुल भारत | ग्रामीण क्षेत्र | शहरी क्षेत्र |
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1. श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) | 55.6% | 58.0% | 50.7% |
पुरुष LFPR | – | 79.0% | 75.3% |
महिला LFPR | – | 38.2% | – |
2. कार्यबल जनसंख्या अनुपात (WPR) | 52.8% | 55.4% | 47.4% |
महिला WPR | – | 36.8% | 23.5% |
कुल महिला WPR | 32.5% | – | – |
3. बेरोज़गारी दर (UR) | 5.1% | – | – |
पुरुष UR | 5.2% | – | – |
महिला UR | 5.0% | – | – |
नमूना डिज़ाइन और आकार (अप्रैल 2025)
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कुल प्राथमिक नमूना इकाइयाँ (FSUs): 7,511
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ग्रामीण: 4,140
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शहरी: 3,371
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सर्वेक्षित परिवार: 89,434 (ग्रामीण: 49,323 | शहरी: 40,111)
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सर्वेक्षित व्यक्ति: 3,80,838
महत्वपूर्ण परिभाषाएँ (प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु)
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LFPR: जो लोग काम कर रहे हैं या काम की तलाश में हैं, उनकी कुल जनसंख्या में प्रतिशत।
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WPR: कुल जनसंख्या में कार्यरत व्यक्तियों का प्रतिशत।
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UR: श्रम बल में बेरोज़गार व्यक्तियों का प्रतिशत।
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CWS: पिछले 7 दिनों की गतिविधियों पर आधारित कार्य स्थिति।
महत्व
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ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए समयबद्ध और सटीक डेटा प्रदान करता है।
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महिला-पुरुष रोजगार अंतर पर नज़र रखने में सहायक।
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नई कार्यप्रणाली से नीति निर्माण में तत्परता और सांख्यिकीय पारदर्शिता में वृद्धि होती है।