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भारत-न्यूजीलैंड ने एफटीए वार्ता शुरू करने की घोषणा की

भारत और न्यूजीलैंड ने “व्यापक और परस्पर लाभकारी” मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के लिए औपचारिक रूप से वार्ता शुरू कर दी है, जिससे द्विपक्षीय संबंधों को एक नई गति मिलेगी। यह समझौता भारत का ओशिनिया क्षेत्र में दूसरा FTA होगा, जो भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (ECTA) के बाद हो रहा है, जिसे अप्रैल 2022 में संपन्न किया गया था। इस FTA का उद्देश्य आपूर्ति श्रृंखला एकीकरण (Supply Chain Integration) को मजबूत करना, बाजार पहुंच का विस्तार करना और दोनों देशों के लिए आर्थिक समृद्धि एवं मजबूती को बढ़ावा देना है।

मुख्य बिंदु:

आधिकारिक घोषणा:
FTA वार्ता की घोषणा 16 मार्च 2025 को नई दिल्ली में हुई, जहां भारतीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और न्यूजीलैंड के व्यापार मंत्री टॉड मैक्ले (Todd McClay) के बीच बैठक हुई।

रणनीतिक समय:
यह घोषणा न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन (Christopher Luxon) की भारत यात्रा से पहले हुई, जो अपने पहले आधिकारिक दौरे पर भारत पहुंचे हैं।

वर्तमान व्यापार परिदृश्य:

  • अप्रैल 2024 से जनवरी 2025 के बीच भारत और न्यूजीलैंड के बीच द्विपक्षीय व्यापार $1 बिलियन को पार कर गया।
  • 2023-24 में:
    • भारत से न्यूजीलैंड को निर्यात: $538 मिलियन
    • न्यूजीलैंड से भारत को आयात: $335 मिलियन
    • $203 मिलियन का व्यापार अधिशेष भारत के पक्ष में।
  • 2024-25 (31 दिसंबर तक):
    • भारत का निर्यात 21.49% बढ़कर $496 मिलियन हो गया।
    • भारत का आयात 78.72% बढ़कर $463 मिलियन हो गया, जिससे व्यापार घाटा सिर्फ $33 मिलियन रह गया।

प्रमुख आयात और निर्यात:

  • भारत के आयात: ऊन, लोहा एवं इस्पात, फल एवं मेवे, एल्यूमिनियम।
  • भारत के निर्यात: दवाएं, मशीनरी, वस्त्र, मोती, कीमती पत्थर एवं धातु।

भारत की व्यावसायिक उपस्थिति न्यूजीलैंड में:

  • आईटी कंपनियाँ: HCL, इंफोसिस और टेक महिंद्रा।
  • बैंकिंग और वित्तीय सेवाएँ: बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, न्यू इंडिया एश्योरेंस।

FTA के उद्देश्य:

  • संतुलित व्यापार को सुनिश्चित करना।
  • आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना और व्यापार सहयोग बढ़ाना।
  • व्यवसायों और उपभोक्ताओं के लिए बाजार पहुंच का विस्तार करना।
  • आर्थिक लचीलापन (Resilience) और समृद्धि को बढ़ावा देना।

भारत और न्यूजीलैंड के बीच यह FTA दोनों देशों के बीच व्यापारिक और निवेश संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिससे भारतीय व्यवसायों को ओशिनिया क्षेत्र में नए अवसर प्राप्त होंगे।

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