भारत और मलेशिया ने संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘हरिमाऊ शक्ति’ के पाँचवे संस्करण की शुरुआत राजस्थान के महाजन फील्ड फ़ायरिंग रेंज में की है। यह अभ्यास 5 से 18 दिसंबर 2025 तक आयोजित किया जा रहा है। दो सप्ताह तक चलने वाला यह सैन्य अभ्यास उप-पारंपरिक अभियानों में अंतरसंचालनीयता, समन्वय और सामरिक कौशल बढ़ाने पर केंद्रित है, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र के अध्याय VII के तहत किए जाने वाले अभियानों में।
एक्सरसाइज़ हरिमाऊ शक्ति के बारे में
हरिमाऊ शक्ति भारत और मलेशिया की सेनाओं के बीच 2012 में शुरू किया गया एक वार्षिक द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास है। यह दोनों देशों में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है। इसका उद्देश्य विभिन्न वातावरणों में रणनीतियों, संचालन तकनीकों और संयुक्त अभियानों का अभ्यास करना है।
पिछले संस्करण मुख्य रूप से मलेशिया के घने जंगलों में जंगल युद्ध और काउंटर-इंसर्जेंसी पर केंद्रित रहे। लेकिन 2025 का संस्करण भौगोलिक और युद्धक परिदृश्यों में बदलाव लाता है, क्योंकि इसमें अर्ध-शुष्क और रेगिस्तानी क्षेत्रों में प्रशिक्षण शामिल है।
2025 संस्करण की मुख्य विशेषताएँ
इस बार का अभ्यास राजस्थान में आयोजित हो रहा है, जो विभिन्न इलाकों में संचालित होने की भारत की तैयारियों को दर्शाता है।
भाग लेने वाली इकाइयाँ:
-
भारतीय सेना – डोगरा रेजिमेंट
-
रॉयल मलेशियन आर्मी – 25वीं बटालियन
अभ्यास का दायरा शामिल करता है:
-
संयुक्त राष्ट्र अध्याय VII के तहत उप-पारंपरिक अभियान, जिसमें शांति प्रवर्तन और आतंकवाद-रोधी अभियानों की तैयारी शामिल है।
-
हेलिबोर्न ऑपरेशन, सामरिक घुसपैठ, और युद्ध के दौरान हेलिपैड की सुरक्षा।
-
कॉर्डन और सर्च ऑपरेशन, कमरे की सफाई (रूम क्लियरिंग), और घायलों को निकालने की ड्रिल।
-
क्लोज-क्वार्टर लड़ाई के लिए कॉम्बैट रिफ्लेक्स शूटिंग।
-
शारीरिक और मानसिक क्षमता बढ़ाने के लिए AMAR (Army Martial Arts Routine) और योग प्रशिक्षण।
अभ्यास का रणनीतिक महत्व
संयुक्त संचालन क्षमता में वृद्धि
यह अभ्यास दोनों सेनाओं को उच्च जोखिम और वास्तविक समय के परिदृश्यों में साथ मिलकर काम करने की क्षमता बढ़ाने में मदद करता है।
शांति प्रवर्तन और संयुक्त राष्ट्र अभियानों पर ध्यान
अध्याय VII के तहत किए जाने वाले अभियानों में बल प्रयोग की अनुमति होती है। इससे स्पष्ट होता है कि दोनों देशों की सेनाएँ जटिल शांति प्रवर्तन मिशनों के लिए तैयारी कर रही हैं।
भारत–मलेशिया रक्षा संबंध मजबूत करना
यह अभ्यास दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग का एक प्रमुख उदाहरण है। यह आपसी भरोसा बढ़ाता है, कूटनीतिक संबंध मजबूत करता है और इंडो-पैसिफ़िक क्षेत्र में स्थिरता को बढ़ावा देता है।
इस वर्ष क्या नया है?
पिछले वर्षों में अभ्यास घने जंगलों में होता था, जबकि 2025 में इसे रेगिस्तान में आयोजित किया जा रहा है, जहां चुनौतियाँ अलग हैं—जैसे तेज गर्मी, लंबी दृश्य दूरी, और अलग प्रकार की लॉजिस्टिक मांग।
हेलिपैड सुरक्षा, हेलिबोर्न ऑपरेशन, और रिफ्लेक्स शूटिंग जैसे नए तत्व उच्च गति प्रतिक्रिया मिशनों और आधुनिक खतरों से निपटने की तैयारी को दर्शाते हैं।
मुख्य तथ्य (Key Takeaways)
-
अभ्यास का नाम: हरिमाऊ शक्ति
-
संस्करण: 5वाँ
-
तारीख: 5–18 दिसंबर 2025
-
स्थान: महाजन फील्ड फ़ायरिंग रेंज, राजस्थान
-
भारतीय इकाई: डोगरा रेजिमेंट
-
मलेशियाई इकाई: रॉयल मलेशियन आर्मी की 25वीं बटालियन
-
मुख्य फोकस: आतंकवाद-रोधी अभियानों, हेलिबोर्न ऑपरेशन, और UN अध्याय VII के तहत प्रशिक्षण


DRDO ने सात स्वदेशी टेक्नोलॉजी सशस्त्र ब...
S-500 मिसाइल सिस्टम: फीचर्स, रेंज, स्पीड...
भारतीय सेना ने ब्रह्मोस मिसाइल का सफल पर...

