घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा (ICRA) ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के आर्थिक वृद्धि दर अनुमान को 6.2 फीसदी से बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर दिया। हालांकि, यह आरबीआई के सात फीसदी के संशोधित वृद्धि दर अनुमान की तुलना में कम है। एजेंसी ने कहा, जिंसों के दाम में कमी का सिलसिला कायम रहने से अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में वृद्धि दर पिछले अनुमान से बेहतर रहने की उम्मीद है। बिजली की मांग में वृद्धि, वाहनों के दैनिक पंजीकरण में तेजी व अन्य कारोबारी गतिविधियों में उछाल का भी असर दिखेगा।
वैश्विक कारक
एजेंसी चालू तिमाही में वैश्विक कमोडिटी कीमतों की निरंतर स्थिरता पर प्रकाश डालती है, इसके लिए चीन से बढ़ती मांग, कच्चे तेल जैसी वस्तुओं की पर्याप्त आपूर्ति और आपूर्ति श्रृंखलाओं के सामान्यीकरण के बारे में चिंताएं जिम्मेदार हैं।
दिसंबर रुझान
जबकि अक्टूबर और नवंबर में गतिविधि में वृद्धि देखी गई, ICRA की रिपोर्ट में दिसंबर के शुरुआती रुझान मिले-जुले रहे। इनमें बिजली की मांग में कमी, दैनिक वाहन पंजीकरण में वृद्धि और डीजल की बिक्री में कमी शामिल है।
आरबीआई के अनुमान से तुलना
ऊपर की ओर संशोधन के बावजूद, वित्त वर्ष 2014 की जीडीपी वृद्धि के लिए आईसीआरए का 6.5% का पूर्वानुमान आरबीआई के 7% के अधिक आशावादी अनुमान से काफी कम है। अलग-अलग दृष्टिकोण आर्थिक प्रदर्शन और योगदान देने वाले कारकों के आकलन में भिन्नता का सुझाव देते हैं।