भारत सरकार और जर्मनी विकास बैंक- KfW (Kreditanstalt fur Wiederaufbau) ने गुजरात में 40.35 किलोमीटर की सूरत मेट्रो रेल (Surat Metro Rail) परियोजना के लिए 26 मिलियन यूरो के ऋण पर हस्ताक्षर किए। परियोजना की कुल लागत 1.50 अरब यूरो है, जिसमें से केएफडब्ल्यू 442.26 मिलियन यूरो का वित्तपोषण कर रहा है। इस परियोजना को फ्रांसीसी विकास एजेंसी, एएफडी (एजेंस फ्रांसेइस डी डेवेलोपमेट) द्वारा 250 मिलियन यूरो के साथ सह-वित्तपोषित किया गया है।
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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने इस साल जनवरी में अहमदाबाद मेट्रो रेल परियोजना चरण- II और सूरत मेट्रो रेल परियोजना का शुभारंभ किया था। इस परियोजना का उद्देश्य सूरत शहर और शहरी क्षेत्रों में प्रमुख यात्रा गलियारों पर यातायात की भीड़ और लंबी देरी को कम करना है।
सूरत मेट्रो परियोजना के बारे में:
40.35 किलोमीटर लंबी सूरत मेट्रो परियोजना का उद्देश्य सूरत के शहरी हिस्से के परिवहन बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है। इसमें दो कॉरिडोर शामिल हैं। जबकि कॉरिडोर-1 21.61 किमी लंबा है और सरथाना से ड्रीम सिटी तक है। कॉरिडोर-2 18.74 किमी लंबा है और भेसन से सरोली तक है।