भारत की अंतरिक्ष निगरानी क्षमताओं को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने एक रणनीतिक साझेदारी की है। इस समझौते को औपचारिक रूप से एक समझौता ज्ञापन (MoU) के माध्यम से अंतिम रूप दिया गया, जिसे आर्यभट्ट प्रेक्षणीय विज्ञान अनुसंधान संस्थान (ARIES), नैनीताल और इंस्ट्रूमेंट्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (IRDE), देहरादून के बीच हस्ताक्षरित किया गया। इस सहयोग का उद्देश्य भारत की भूमि-आधारित अंतरिक्ष स्थिति जागरूकता (Space Situational Awareness – SSA) को अत्याधुनिक प्रेक्षणीय सुविधाओं और अनुसंधान विशेषज्ञता के संयुक्त उपयोग के माध्यम से मजबूत करना है।
समाचार में क्यों?
13 मई 2025 को, आर्यभट्ट प्रेक्षणीय विज्ञान अनुसंधान संस्थान (ARIES), नैनीताल और इंस्ट्रूमेंट्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (IRDE), देहरादून के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता भारत की अंतरिक्ष सुरक्षा और निगरानी क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो ज़मीनी-आधारित स्पेस सिचुएशनल अवेयरनेस (SSA) तकनीकों पर केंद्रित है।
मुख्य उद्देश्य
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ARIES की प्रेक्षणीय संरचनाओं का उपयोग अंतरिक्ष वस्तुओं की निगरानी के लिए करना।
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खगोल विज्ञान और SSA के लिए इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स आधारित प्रणालियों का संयुक्त विकास।
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कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और मशीन लर्निंग (ML) के माध्यम से छवि प्रोसेसिंग और डाटा विश्लेषण में प्रगति।
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ज्ञान साझा करना, क्षमता निर्माण करना, और संयुक्त अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देना।
संबंधित संस्थान
ARIES, नैनीताल (DST के अंतर्गत):
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खगोल विज्ञान, खगोलभौतिकी और वायुमंडलीय विज्ञान में अग्रणी अनुसंधान संस्थान।
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एशिया की सबसे बड़ी दूरबीनों में से एक 3.6 मीटर की देवस्थल ऑप्टिकल टेलीस्कोप का संचालन करता है।
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ST रडार जैसे उन्नत वायुमंडलीय निगरानी प्रणालियों से लैस।
IRDE, देहरादून (DRDO के अंतर्गत):
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रक्षा प्लेटफॉर्म (जमीनी, नौसेना, वायु और अंतरिक्ष) के लिए इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल निगरानी प्रणालियों में विशेषज्ञता।
समझौते की मुख्य बातें
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ARIES की वैज्ञानिक संरचनाओं का उपयोग करते हुए SSA अनुप्रयोगों का संयुक्त विकास।
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छवि और डाटा प्रोसेसिंग में AI/ML आधारित विश्लेषण को बढ़ावा देना।
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वैज्ञानिक आदान-प्रदान और तकनीकी प्रशिक्षण को प्रोत्साहित करना।
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दोनों संस्थान उत्तराखंड में स्थित हैं, जिससे सहज समन्वय और कार्य-समन्वय संभव होता है।
महत्त्व
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भारत की अंतरिक्ष निगरानी क्षमताओं को मज़बूत करता है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है।
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भारत की अंतरिक्ष अन्वेषण और उपग्रह निगरानी महत्वाकांक्षाओं को समर्थन देता है।
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नागरिक और रक्षा संस्थानों के बीच वैज्ञानिक सहयोग का एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करता है।
विवरण / स्थैतिक जानकारी | हिंदी में विवरण |
समाचार में क्यों? | DST और DRDO ने भारत की अंतरिक्ष निगरानी को मजबूत करने के लिए साझेदारी की |
समझौता ज्ञापन (MoU) किनके बीच? | ARIES (DST) और IRDE (DRDO) के बीच |
हस्ताक्षर की तिथि | 13 मई 2025 |
उद्देश्य | ज़मीनी-आधारित अंतरिक्ष स्थिति जागरूकता (SSA) को मजबूत करना |
मुख्य क्षेत्र | इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स, एआई/एमएल, खगोल विज्ञान, डाटा एनालिटिक्स |
इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग | ARIES की दूरबीनें और रडार प्रणाली |
स्थान | ARIES: नैनीताल, IRDE: देहरादून (उत्तराखंड) |