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औद्योगिक उत्पादन मार्च 2025 में मासिक आधार पर 3 प्रतिशत बढ़ा

भारत की फैक्ट्री उत्पादन दर, जिसे औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) के माध्यम से मापा जाता है, मार्च 2025 में मामूली रूप से 3% बढ़ी, जो फरवरी के छह महीने के निचले स्तर से थोड़ी बेहतर रही, लेकिन पिछले वर्ष की 5.5% वृद्धि से कम रही। पूरे वित्त वर्ष 2024–25 में औद्योगिक उत्पादन में 4% की वृद्धि हुई, जो FY24 में दर्ज 5.9% वृद्धि से धीमी रही। विनिर्माण और बिजली क्षेत्रों में हल्के सुधार के बावजूद, खनन क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन ने समग्र वृद्धि को सीमित कर दिया।

समाचारों में क्यों?

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने नया डेटा जारी किया है, जिसमें दिखाया गया है कि भारत का फैक्ट्री उत्पादन, जिसे औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) से मापा जाता है, मार्च 2025 में 3% बढ़ा — जो फरवरी की तुलना में हल्का सुधार है, लेकिन पिछले वर्ष के मुकाबले काफी कम है। पूरे वित्त वर्ष 2024–25 के लिए कुल औद्योगिक वृद्धि 4% तक सीमित रही, जिससे भविष्य के निवेश और खपत प्रवृत्तियों को लेकर चिंता और आशावाद दोनों के मिश्रित संकेत मिल रहे हैं।

फैक्ट्री उत्पादन वृद्धि
मार्च 2025 में फैक्ट्री उत्पादन 3% बढ़ा, जो फरवरी के छह महीने के निचले स्तर 2.7% से थोड़ा ऊपर है, हालांकि मार्च 2024 में दर्ज 5.5% वृद्धि की तुलना में यह अब भी काफी कम है।

पूरे वर्ष का औद्योगिक विकास
वित्त वर्ष 2024–25 में समग्र औद्योगिक उत्पादन वृद्धि 4% रही, जो FY24 के 5.9% से घट गई। इस गिरावट का मुख्य कारण कमजोर खनन गतिविधि और विनिर्माण क्षेत्र में मध्यम वृद्धि रहा।

प्रारंभिक डेटा जारी होने का प्रभाव
मार्च का IIP डेटा पहले (28 अप्रैल को) जारी किया गया था, क्योंकि NSO ने अपना शेड्यूल बदल दिया था, जिससे डेटा संग्रहण अवधि कम हो गई। इससे आंकड़े अपेक्षा से थोड़े कम आ सकते हैं। अर्थशास्त्री भविष्य में आंकड़ों में संशोधन की उम्मीद कर रहे हैं।

विनिर्माण क्षेत्र
IIP में 77.6% हिस्सेदारी रखने वाला विनिर्माण क्षेत्र मार्च में 3% बढ़ा, जो फरवरी के 2.8% से थोड़ा बेहतर है, लेकिन एक साल पहले के 5.9% की तुलना में कम है।

बिजली और खनन क्षेत्र
बिजली उत्पादन मार्च में 6.3% बढ़ा (फरवरी में 3.6% था), हालांकि पिछले मार्च के 8.6% से कम रहा।
खनन उत्पादन में मुश्किल से 0.4% की वृद्धि हुई, जो फरवरी के 1.6% से भी कम है।

इन्फ्रास्ट्रक्चर उद्योग
इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्रों ने 17 महीनों में सबसे तेज 8.8% की वृद्धि दर्ज की, जो सरकार द्वारा त्वरित खर्च और वर्षांत पूंजीगत व्यय (capex) लक्ष्यों को पूरा करने के प्रयासों से प्रेरित थी।

कैपिटल गुड्स और निवेश
कैपिटल गुड्स उत्पादन की वृद्धि दर फरवरी के 8.2% से घटकर मार्च में 2.4% रह गई, जो निवेश-आधारित क्षेत्रों में धीमी गति का संकेत देती है।

उपभोग प्रवृत्तियां
कंज्यूमर ड्यूरेबल्स (टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुएं) का उत्पादन मार्च में 6.6% बढ़ा (फरवरी में 3.7% था), जिसे गर्मियों के मौसम में बढ़ती मांग जैसे मौसमी कारकों से मदद मिली।
कंज्यूमर नॉन-ड्यूरेबल्स (गैर-टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुएं) लगातार दूसरे महीने (-)4.7% की गिरावट के साथ कमजोर बनी रहीं, जो एफएमसीजी क्षेत्र में स्थायी कमजोरी को दर्शाती है।

भविष्य की दिशा
अर्थशास्त्री अनुमान लगा रहे हैं कि निवेश और उपभोग में सुधार औद्योगिक वृद्धि को फिर से गति दे सकता है, लेकिन अमेरिका से संभावित टैरिफ जोखिम निर्यात को प्रभावित कर सकते हैं। आगे चलकर घरेलू खपत और वैश्विक भू-राजनीतिक जोखिमों पर निगरानी बनाए रखना महत्वपूर्ण होगा।

सारांश/स्थिर विवरण विवरण
समाचारों में क्यों? मार्च 2025 में फैक्ट्री उत्पादन वृद्धि मामूली रूप से 3% तक सुधरी
मार्च 2025 IIP वृद्धि 3.0%
फरवरी 2025 IIP वृद्धि 2.7%
मार्च 2024 IIP वृद्धि 5.5%
वित्त वर्ष 2024-25 की IIP वृद्धि 4.0%
वित्त वर्ष 2023-24 की IIP वृद्धि 5.9%
विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि (मार्च 2025) 3.0%
बिजली क्षेत्र की वृद्धि (मार्च 2025) 6.3%
खनन क्षेत्र की वृद्धि (मार्च 2025) 0.4%
बुनियादी ढांचा उद्योगों की वृद्धि 8.8%
पूंजीगत वस्तुओं की वृद्धि (मार्च 2025) 2.4%
उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं की वृद्धि (मार्च 2025) 6.6%
उपभोक्ता गैर-टिकाऊ वस्तुओं की वृद्धि (मार्च 2025) (-)4.7%
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