जलवायु परिवर्तन का असर पूरी दुनिया में दिखने लगा है। खासकर यूरोप में अब इसका सबसे बुरा प्रभाव दिख रहा है। यह पूरा महाद्वीप 500 साल के अपने सबसे बुरे सूखे की तरफ बढ़ रहा है। यहां तक कि आमतौर पर बारिश से भीगा रहने वाला इंग्लैंड तक सूखे से गुजर रहा है। यहां सरकार ने इतिहास में पहली बार आधिकारिक तौर पर सूखे से गुजरने का घोषणा किया। इससे पहले फ्रांस और स्पेन के नेताओं ने भी कहा कि उनका देश अब तक की सबसे खतरनाक सूखे की स्थिति से गुजर रहा है।
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रिपोर्ट्स की मानें तो यूरोप में पिछले दो महीने से खास बारिश नहीं हुई, जिसके कारण आगे भी स्थिति के सुधरने की कोई खास उम्मीद नजर नहीं आ रही। इतना ही नहीं अमेरिका के कई राज्य भी पानी की भारी कमी से जूझ रहे हैं। इनमें कैलिफोर्निया से लेकर हवाई जैसे राज्य भी शामिल हैं। ब्रिटेन और यूरोप के जलस्रोतों में पानी की कमी का असर अब इन देशों की ऊर्जा उत्पादन क्षमता पर भी दिखने लगा है। हाइड्रोपावर क्षेत्र में इस वक्त ऊर्जा उत्पादन 20 फीसदी तक नीचे गिरा है। उधर परमाणु संयंत्रों से भी ऊर्जा उत्पादन काफी कम हो गया है, क्योंकि इन प्लांट्स को ठंडा रखने के लिए नदी के पानी की जरूरत होती है।