भारत ने शंघाई में आयोजित आर्चरी वर्ल्ड कप स्टेज 2 में शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल 7 पदक जीते, जिनमें 2 स्वर्ण, 1 रजत और 4 कांस्य शामिल हैं। स्टार तीरंदाज दीपिका कुमारी ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर वापसी करते हुए अपना 18वां वर्ल्ड कप पदक जीता, जबकि युवा प्रतिभा पार्थ सालुंखे ने सीनियर स्तर पर पहला कांस्य पदक जीतकर भारत की बढ़ती ताकत और गहराई को प्रदर्शित किया।
क्यों चर्चा में?
आर्चरी वर्ल्ड कप स्टेज 2 (मई 2025) हाल ही में शंघाई, चीन में संपन्न हुआ, जहां भारत ने 7 पदक जीतकर अपने अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनों में से एक किया। यह आयोजन पेरिस 2024 ओलंपिक और एशियाई तीरंदाजी चैंपियनशिप से पहले भारत के प्रदर्शन स्तर को दर्शाता है।
प्रमुख उपलब्धियां
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कुल पदक: 7 (2 स्वर्ण, 1 रजत, 4 कांस्य)
दीपिका कुमारी
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कांस्य – महिला रिकर्व व्यक्तिगत
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कोरिया की कांग चाए-यंग को 7-3 से हराया
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18वां व्यक्तिगत वर्ल्ड कप पदक
पार्थ सालुंखे
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कांस्य – पुरुष रिकर्व व्यक्तिगत
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बाप्तिस्त ऐडिस (फ्रांस) को 6-4 से हराया
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पहला सीनियर पदक, पूर्व U21 विश्व चैंपियन
पाउंड इवेंट में सफलता
महिला कंपाउंड व्यक्तिगत
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स्वर्ण – मधुरा धामणगांवकर ने कार्सन क्राहे (USA) को 139-138 से हराया
पुरुष कंपाउंड टीम
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स्वर्ण – अभिषेक वर्मा, ऋषभ यादव, ओजस देवताले
महिला कंपाउंड टीम
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रजत – ज्योति सुरेखा वेन्नम, मधुरा धामणगांवकर, चिकीता तनीपार्थी
मिश्रित कंपाउंड टीम
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कांस्य – अभिषेक वर्मा व मधुरा धामणगांवकर
पुरुष कंपाउंड व्यक्तिगत
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कांस्य – ऋषभ यादव ने किम जोंघो (कोरिया) को शूट-ऑफ में हराया
पृष्ठभूमि एवं महत्व
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भारत की यह प्रदर्शन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निरंतरता की ओर संकेत करता है, खासकर कंपाउंड श्रेणी में।
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दीपिका कुमारी भारत की सबसे सफल महिला तीरंदाज के रूप में अपनी विरासत को मजबूत कर रही हैं।
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पार्थ सालुंखे का उदय देश की युवा एवं जमीनी स्तर की प्रतिभा के विकास को दर्शाता है।
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ये पदक विश्व रैंकिंग, ओलंपिक क्वालिफिकेशन, और खिलाड़ियों के आत्मविश्वास के लिए महत्वपूर्ण हैं।