केंद्र सरकार ने मौजूदा आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (एबी-एचडब्ल्यूसी) का नाम बदलकर ‘आरोग्यम परमं धनम्’ टैगलाइन के साथ ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ करने का निर्णय लिया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भेजा पत्र
नाम बदले जाने के संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा है। अपर सचिव और मिशन निदेशक एलएस चांगसन ने राज्यों को स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों का नाम बदलने के लिए एक पत्र भेजा है।
1.6 लाख से अधिक केंद्रों की स्थापना
भारत सरकार की योजना के तहत संचालित हेल्थ और वेलनेस केंद्रों का नाम बदलने के संबंध में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक चांगसन ने कहा कि बीते पांच साल में देशभर में 1.6 लाख से अधिक आयुष्मान भारत हेल्थ-वेलनेस केंद्रों की स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की योजना के तहत इन केंद्रों पर पर्याप्त दवाएं, स्वास्थ्यकर्मी, जांच की व्यवस्था और बुनियादी स्वास्थ्य संरचना का इंतजाम किया गया है।
नाम बदलने की जरूरत क्यों पड़ी?
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, आयुष्मान भारत का सपना साकार करने के मकसद से इन केंद्रों का नाम बदलने का फैसला लिया गया है। रीब्रांडिंग प्रक्रिया के कार्यान्वयन के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजे गए पत्र के मुताबिक सक्षम प्राधिकारी ने आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों का नाम बदलने का फैसला लिया है।अब इन केंद्रों के नाम ‘आरोग्य परमं धनम्’ टैगलाइन के साथ ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ किया जाएगा।
क्या है आयुष्मान भारत?
गौरतलब है कि आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत पांच साल पहले की गई थी। केंद्र सरकार 2018 में शुरू की गई इस योजना के तहत कम आय वाले लोगों को मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल और स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान करती है। इस योजना के दो घटक हैं जो एक दूसरे के पूरक हैं। पहले घटक के तहत, प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के लिए देशभर में स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (HWC) का प्रावधान किया गया है। देशभर में लागू इस योजना के तहत मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती है। आयुष्मान भारत के दूसरे घटक के तहत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) चलाई जा रही है। देशभर में कम आय वाले लाभार्थियों को इस स्कीम की मदद से प्रति वर्ष 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर मिलता है।