आयरिश राजनीति में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है — स्वतंत्र वामपंथी नेता कैथरीन कॉनॉली (Catherine Connolly) ने अपने प्रमुख प्रतिद्वंद्वी हीदर हंफ्रीज़ (Heather Humphreys) को भारी मतों से हराकर आयरलैंड की 10वीं राष्ट्रपति के रूप में ऐतिहासिक जीत दर्ज की है।
हालांकि राष्ट्रपति का पद आयरलैंड में मुख्यतः औपचारिक (ceremonial) माना जाता है, लेकिन कॉनॉली की यह जीत देश के राजनीतिक परिदृश्य में एक गहरे बदलाव का संकेत देती है — खासकर उनके विचारों, समर्थन और अभियान के एजेंडे को देखते हुए।
कौन है कैथरीन कॉनॉली?
कैथरीन कॉनॉली गॉलवे (Galway) की एक स्वतंत्र राजनीतिज्ञ हैं, जो 2016 से गॉलवे वेस्ट निर्वाचन क्षेत्र से टेऑक्टा डाला (Teachta Dála – सांसद) के रूप में सेवा दे रही हैं।
उन्होंने पहले आयरिश संसद की उपाध्यक्ष (Leas-Ceann Comhairle / Deputy Speaker) का पद भी संभाला है।
कॉनॉली अपनी वामपंथी नीतियों, सामाजिक न्याय की वकालत, विदेश नीति में तटस्थता, और समावेशी गणराज्य की दृष्टि के लिए जानी जाती हैं।
चुनाव परिणाम और उसका महत्व
24 अक्टूबर 2025 को आयोजित राष्ट्रपति चुनाव में कैथरीन कॉनॉली ने लगभग 63% प्रथम वरीयता मत हासिल किए, जबकि हीदर हंफ्रीज़ को केवल 29% मत प्राप्त हुए।
मतदान प्रतिशत लगभग 46% रहा, और रिकॉर्ड संख्या में अवैध (spoiled) मतपत्र भी दर्ज किए गए।
इस जीत के साथ कॉनॉली आयरलैंड की 10वीं राष्ट्रपति और देश की तीसरी महिला राष्ट्रपति बन गई हैं।
हालांकि यह पद प्रतीकात्मक है, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार यह परिणाम सत्तारूढ़ केंद्र-दक्षिणपंथी दलों के प्रति असंतोष और जनता की वैकल्पिक नेतृत्व की इच्छा को दर्शाता है।
मुख्य मुद्दे और चुनावी अभियान की झलक
कॉनॉली का चुनाव अभियान कुछ प्रमुख सिद्धांतों पर आधारित था —
- सामाजिक न्याय: आवास, स्वास्थ्य और अवसरों में असमानता को दूर करना।
- विदेश नीति में तटस्थता: आयरलैंड की पारंपरिक “नॉन-एलाइन्ड” नीति को मजबूत करना और NATO व EU के सैन्यीकरण रुझानों की आलोचना।
- समावेशिता और विविधता: “सभी के लिए राष्ट्रपति” बनने का वादा करते हुए युवा मतदाताओं और हाशिए पर मौजूद नागरिकों को प्रतिनिधित्व देना।
कॉनॉली की बैरिस्टर (वकील) के रूप में पृष्ठभूमि और जमीनी स्तर पर लंबे समय तक सक्रियता ने उन्हें प्रगतिशील मतदाताओं के बीच एक भरोसेमंद चेहरा बना दिया।
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