केंद्रीय मंत्रिमंडल, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं, ने असम के नमरूप स्थित ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइज़र कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BVFCL) में एक नए ब्राउनफील्ड अमोनिया-यूरिया संयंत्र (नमरूप-IV) की स्थापना को मंजूरी दी है। 12.7 लाख मीट्रिक टन (LMT) वार्षिक क्षमता वाला यह संयंत्र न्यू इन्वेस्टमेंट पॉलिसी (NIP) 2012 के तहत संयुक्त उद्यम (JV) के रूप में विकसित किया जाएगा। इस परियोजना की अनुमानित लागत ₹10,601.40 करोड़ होगी, जिसमें ऋण-इक्विटी अनुपात 70:30 रहेगा। इसे 48 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे घरेलू यूरिया उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, पूर्वी भारत में उर्वरकों की उपलब्धता बेहतर होगी और नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
मुख्य बिंदु:
- परियोजना नाम: नमरूप-IV फर्टिलाइज़र प्लांट
- स्थान: BVFCL, नमरूप, असम
- प्रकार: ब्राउनफील्ड अमोनिया-यूरिया संयंत्र
- वार्षिक यूरिया उत्पादन क्षमता: 12.7 लाख मीट्रिक टन (LMT)
- अनुमानित लागत: ₹10,601.40 करोड़
- ऋण-इक्विटी अनुपात: 70:30
- कार्यान्वयन समय-सीमा: 48 महीने
संयुक्त उद्यम (JV) में इक्विटी भागीदारी:
- असम सरकार: 40%
- BVFCL: 11%
- हिंदुस्तान उर्वरक और रसायन लिमिटेड (HURL): 13%
- नेशनल फर्टिलाइज़र्स लिमिटेड (NFL): 18%
- ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL): 18%
- BVFCL का योगदान भौतिक संपत्तियों (tangible assets) के रूप में होगा।
मंत्रिमंडल द्वारा दी गई मंजूरी:
- नमरूप-IV यूरिया संयंत्र की स्थापना
- NFL की 18% इक्विटी भागीदारी के लिए सार्वजनिक उद्यम विभाग (DPE) के दिशानिर्देशों में छूट
- परियोजना के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समिति (IMC) का गठन
रणनीतिक महत्व:
- पूर्वोत्तर भारत में यूरिया उत्पादन बढ़ाएगा।
- यूरिया आयात पर निर्भरता कम होगी, जिससे भारत की आत्मनिर्भरता (self-reliance) बढ़ेगी।
- असम, बिहार, पश्चिम बंगाल, पूर्वी उत्तर प्रदेश और झारखंड जैसे प्रमुख कृषि राज्यों को उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा।
- आधुनिक तकनीक के माध्यम से ऊर्जा दक्षता (energy efficiency) को बढ़ावा देगा।
- प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर सृजित करेगा।


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