वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत केंद्रीय बजट 2025 में कस्टम ड्यूटी (सीमा शुल्क) में कई बदलाव किए गए, जिससे विभिन्न क्षेत्रों पर प्रभाव पड़ा। बजट का मुख्य ध्यान जीवनरक्षक दवाओं, खनिजों, इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) और वस्त्र उद्योग से जुड़े सामानों की लागत कम करने पर था, जबकि कुछ तकनीकी उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई। आइए देखें कि किन वस्तुओं की कीमतों में गिरावट या वृद्धि हुई।
क्या हुआ सस्ता?
- कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों की दवाएं: 36 जीवनरक्षक दवाओं को बेसिक कस्टम ड्यूटी (BCD) से पूरी तरह मुक्त किया गया।
- इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद: ओपन सेल्स और अन्य घटकों पर BCD घटाकर 5% किया गया।
- खनिज: कोबाल्ट पाउडर, लिथियम-आयन बैटरी के कचरे, सीसा, जिंक और अन्य 12 महत्वपूर्ण खनिजों को BCD से छूट दी गई।
- इलेक्ट्रिक वाहन (EVs): EV बैटरी निर्माण के लिए 35 और मोबाइल बैटरी निर्माण के लिए 28 वस्तुओं को BCD से मुक्त किया गया।
- चमड़ा उद्योग: “वेट ब्लू लेदर” को BCD से पूरी तरह छूट दी गई।
- सुरीमी (मछली पेस्ट): जमी हुई मछली पेस्ट पर कस्टम ड्यूटी 30% से घटाकर 5% कर दी गई।
- हस्तशिल्प (हैन्डीक्राफ्ट्स): निर्यात की समय सीमा बढ़ाई गई और 9 नई वस्तुओं को शुल्क-मुक्त सूची में जोड़ा गया।
- कपड़ा उद्योग: दो नई प्रकार की शटल-लेस लूम्स (बिनकर करघे) को BCD से छूट दी गई।
क्या हुआ महंगा?
- इंटरैक्टिव फ्लैट पैनल डिस्प्ले: कस्टम ड्यूटी 10% से बढ़ाकर 20% कर दी गई।
- प्रोविजनल असेसमेंट: तेज और पारदर्शी कस्टम क्लीयरेंस के लिए नई दो-वर्षीय समय-सीमा लागू की गई।
- टैरिफ रेट में सुधार: 7 शुल्क दरों को समाप्त कर कस्टम टैरिफ सिस्टम को सरल बनाया गया।
- सोशल वेलफेयर सरचार्ज: 82 वस्तुओं पर कस्टम छूट समाप्त कर नया उपकर (Cess) लागू किया गया।
- फ्लैट पैनल डिस्प्ले: इस पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी गई।
- निटेड फैब्रिक्स (बुने हुए कपड़े): इन पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई।
कारण | बजट 2025: क्या सस्ता हुआ और क्या महंगा हुआ? |
वस्तु/श्रेणी | बदलाव |
कैंसर की दवाएं | बेसिक कस्टम ड्यूटी (BCD) से छूट |
दीर्घकालिक बीमारियों की दवाएं | बेसिक कस्टम ड्यूटी से छूट |
इलेक्ट्रॉनिक सामान | ओपन सेल्स और घटकों पर BCD 5% किया गया |
खनिज | BCD से छूट (जैसे, कोबाल्ट, सीसा, जिंक) |
इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी निर्माण | 35 वस्तुओं को BCD से छूट दी गई |
चमड़ा उद्योग | “वेट ब्लू लेदर” को BCD से छूट दी गई |
सुरीमी (मछली पेस्ट) | BCD 30% से घटाकर 5% किया गया |
हस्तशिल्प | निर्यात समय सीमा बढ़ाई गई, 9 वस्तुएं शुल्क-मुक्त सूची में जोड़ी गईं |
कपड़े | लूम्स को छूट सूची में जोड़ा गया, निटेड फैब्रिक्स पर BCD में बदलाव |
इंटरैक्टिव फ्लैट पैनल | कस्टम ड्यूटी 10% से बढ़ाकर 20% की गई |
प्रोविजनल असेसमेंट | तेज और पारदर्शी कस्टम क्लीयरेंस के लिए दो साल की समय-सीमा लागू |
टैरिफ दरें | सात टैरिफ दरें समाप्त की गईं, कस्टम संरचना को सरल किया गया |
सोशल वेलफेयर सरचार्ज | 82 टैरिफ लाइनों पर छूट समाप्त, उपकर लागू किया गया |