बीमा सखी योजना, जिसे 9 दिसंबर 2024 को आधिकारिक तौर पर शुरू किया गया था, भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को जीवन बीमा क्षेत्र में स्थायी करियर बनाने के अवसर प्रदान करके सशक्त बनाना है। यह योजना जीवन बीमा निगम (LIC) के माध्यम से क्रियान्वित की जाती है और महिलाओं को, जिन्हें बीमा साखियाँ कहा जाता है, महिला कैरियर एजेंट (MCA) के रूप में नियुक्त कर उन्हें सशक्त बनाने तथा पिछड़े क्षेत्रों में बीमा प्रसार बढ़ाने में सहयोग करती है।
पृष्ठभूमि
इस योजना को वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने, कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी को मजबूती प्रदान करने और ग्रामीण एवं अर्ध-शहरी क्षेत्रों में जीवन बीमा सेवाओं के विस्तार के लिए शुरू किया गया था। यह योजना आत्मनिर्भर भारत के विजन के तहत समावेशी विकास और आत्मनिर्भरता की सरकार की व्यापक उद्देश्य से संबंधित है।
प्रमुख विशेषताएँ
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बीमा साखियाँ LIC द्वारा महिला कैरियर एजेंट (MCA) के रूप में नियुक्त की जाती हैं।
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LIC पहले तीन वर्षों में प्रदर्शन-आधारित स्टाइपेंड प्रदान करता है, जो पहले वर्ष में ₹7,000/माह से शुरू होकर तीसरे वर्ष में ₹5,000/माह तक गिरता है।
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स्टाइपेंड के अतिरिक्त, बीमा साखियाँ कमिशन-आधारित आय भी अर्जित करती हैं।
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वित्तीय वर्ष 2025–26 के लिए ₹520 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है, जिसमें 14 जुलाई 2025 तक ₹115.13 करोड़ वितरित किए जा चुके हैं।
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वर्तमान में, इस योजना के अंतर्गत 2,05,896 महिलाओं का नामांकन हो चुका है।
करियर उन्नति
स्नातक बीमा साखियाँ पांच साल पूरे करने के बाद, प्रदर्शन और अन्य पात्रता मानदंडों के अधीन LIC अप्रेंटिस डेवलपमेंट ऑफिसर (ADO) पद के लिए आवेदन करने की पात्र हो जाती हैं, जो LIC में संलग्न प्रतिबद्ध प्रतिभागियों के लिए एक निश्चित करियर मार्ग प्रदान करता है।
प्रभाव
इस योजना ने विशेष रूप से ग्रामीण भारत में महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण आजीविका के अवसर उत्पन्न किए हैं, जिससे वित्तीय स्वतंत्रता, लिंग सशक्तिकरण और बीमा जागरूकता को बढ़ावा मिला है। वित्तीय वर्ष 2024–25 में केवल स्टाइपेंड के रूप में LIC ने ₹62.36 करोड़ वितरित किए, जिससे इसकी व्यापक पहुंच और पैमाने का प्रमाण मिलता है।


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