असम के प्रख्यात कलाकार नीलपावन बरुआ का लंबी बीमारी के बाद शुक्रवार को गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में निधन हो गया। वह 84 वर्ष के थे। उनका उपचार कर रहे चिकित्सकों ने बताया कि बरुआ को वृद्धावस्था संबंधी विभिन्न बीमारियों के कारण 22 सितंबर को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि कलाकार का निधन न केवल कला बिरादरी के लिए बल्कि राज्य के पूरे सांस्कृतिक क्षेत्र के लिए एक बड़ी क्षति है।
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बरुआ का जन्म जोरहाट में असम के प्रख्यात कवि बिनंदा चंद्र बरुआ, जिन्हें लोकप्रिय रूप से ‘ध्वनी कोबी’ कहा जाता है और लाबन्या प्रवा बरुआ के घर हुआ था। शांतिनिकेतन के कला भवन के पूर्व छात्र, बरुआ एक बहुमुखी कलाकार थे, जिन्हें पेंटिंग, मिट्टी के बर्तनों को रंगना, मुखौटा बनाने और कविता लिखने के लिए जाना जाता था। बरुआ ने सिगरेट के पैकेट और माचिस की डिब्बियों पर स्केच की एक समृद्ध विरासत छोड़ी है जिसे राज्य और देश भर में कई प्रदर्शनियों में प्रदर्शित किया गया है।
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