अर्मेनिया ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) में 104वें पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल होकर वैश्विक सौर ऊर्जा सहयोग में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। ISA, जो 2015 में स्थापित हुआ था, का उद्देश्य सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना, लागत कम करना और नवाचार को प्रोत्साहित करना है। अर्मेनिया की सदस्यता यह दर्शाती है कि वह टिकाऊ ऊर्जा समाधानों के प्रति प्रतिबद्ध है। गठबंधन का लक्ष्य 2030 तक सौर ऊर्जा के प्रसार के लिए 1000 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश जुटाना है।
मुख्य घोषणाएं
- घोषणा की तिथि: 21 नवंबर 2024
- अर्मेनिया ने आधिकारिक रूप से ISA का 104वां पूर्ण सदस्य बनने की घोषणा की।
- यह घोषणा विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल द्वारा की गई।
- अर्मेनिया ने ISA की सदस्यता के लिए अपना अनुबंधन दस्तावेज (Instrument of Ratification) नई दिल्ली में सौंपा।
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) की स्थापना
- स्थापना: 30 नवंबर 2015
- संस्थापक: भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद।
- मुख्यालय: भारत
ISA के प्रमुख उद्देश्य
- सौर ऊर्जा का प्रसार: वैश्विक स्तर पर सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना।
- लागत में कमी: सौर ऊर्जा उत्पादन की लागत को कम करना।
- नवाचार और अनुसंधान: सौर ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार, शोध, और क्षमता निर्माण को प्रोत्साहन।
- वित्तीय जुटाव: 2030 तक सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 1000 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश जुटाना।
भारत की भूमिका और वैश्विक परियोजनाएं
भारत ISA के नेतृत्व में वैश्विक दक्षिण (Global South) में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
ISA के तहत भारत द्वारा निम्नलिखित प्रमुख परियोजनाएं चलाई गई हैं:
- मलावी की संसद का सोलराइजेशन।
- फिजी में सौर ऊर्जा से संचालित स्वास्थ्य केंद्र।
- सेशेल्स में सौर ऊर्जा संचालित कोल्ड स्टोरेज।
- किरिबाती में सोलर पीवी रूफटॉप सिस्टम।
ISA का विस्तार और हालिया मील के पत्थर
- जून 2024: पराग्वे ISA का 100वां पूर्ण सदस्य बना।
- नवंबर 2024: अर्मेनिया ISA का 104वां सदस्य बना।
- यह विस्तार सौर ऊर्जा को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने में ISA की सफलता को दर्शाता है।
ISA की वैश्विक महत्ता
- जलवायु परिवर्तन से लड़ाई: ISA अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का एक महत्वपूर्ण मंच है जो स्वच्छ ऊर्जा की ओर वैश्विक परिवर्तन में योगदान देता है।
- पर्यावरण नेतृत्व:
- भारत के नेतृत्व में ISA टिकाऊ ऊर्जा समाधान और पर्यावरणीय संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।
- भारत तकनीकी प्रशिक्षण और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के माध्यम से वैश्विक स्तर पर सौर ऊर्जा को सुलभ और किफायती बना रहा है।
पर्यावरणीय नेतृत्व
भारत का अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) में नेतृत्व टिकाऊ ऊर्जा समाधानों और पर्यावरण संरक्षण के प्रति इसकी निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
सारांश/स्थैतिक विवरण
विषय | विवरण |
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समाचार में क्यों? | अर्मेनिया अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) का 104वां पूर्ण सदस्य बना। |
घटना | अर्मेनिया ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) में 104वें पूर्ण सदस्य के रूप में सदस्यता ली। |
ISA की स्थापना | 30 नवंबर 2015 को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद द्वारा ISA की स्थापना की गई। |
ISA के उद्देश्य | – वैश्विक स्तर पर सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाना। |
सौर ऊर्जा उत्पादन की लागत को कम करना। | |
– नवाचार, अनुसंधान, विकास और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देना। | |
अनुबंधन पत्र सौंपना | अर्मेनिया ने नई दिल्ली में ISA सदस्यता के लिए अपना अनुबंधन पत्र (Instrument of Ratification) सौंपा। |
ISA का लक्ष्य | 2030 तक सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 1000 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश जुटाना। |
पिछला मील का पत्थर | जून 2024 में पराग्वे ISA का 100वां पूर्ण सदस्य बना। |
ISA मुख्यालय | अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का मुख्यालय भारत में है। |
ISA में भारत की भूमिका | – वैश्विक दक्षिण (Global South) में सौर परियोजनाओं के लिए प्रमुख भूमिका। |