भारत में अप्रैल 2025 के लिए प्रमुख मुद्रास्फीति दर में महत्वपूर्ण गिरावट दर्ज की गई है, जो एक सकारात्मक आर्थिक संकेत है। अब यह घटकर 3.16% पर आ गई है — जो जुलाई 2019 के बाद सबसे कम है। इस गिरावट का मुख्य कारण सब्जियों, दालों और फलों जैसी खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तेज कमी है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) द्वारा जारी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) और उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (CFPI) के आंकड़े उपभोक्ताओं और नीति निर्माताओं दोनों के लिए उत्साहजनक संकेत देते हैं।
क्यों चर्चा में?
13 मई 2025 को MoSPI द्वारा जारी अप्रैल 2025 के CPI और CFPI आंकड़ों में ग्रामीण, शहरी और संयुक्त क्षेत्रों में मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय गिरावट दिखाई गई। साल-दर-साल CPI मुद्रास्फीति 3.16% रही और खाद्य मुद्रास्फीति घटकर 1.78% पर आ गई — जो अक्टूबर 2021 के बाद सबसे कम है। यह भारत की कीमत स्थिरता में महत्वपूर्ण सुधार का संकेत है।
मुख्य बिंदु:
मुख्य मुद्रास्फीति (CPI):
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अप्रैल 2025: 3.16% (अनंतिम)
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मार्च 2025: 3.34%
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न्यूनतम YoY मुद्रास्फीति: जुलाई 2019 के बाद
खाद्य मुद्रास्फीति (CFPI):
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अप्रैल 2025: 1.78%
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मार्च 2025: 2.69%
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न्यूनतम खाद्य मुद्रास्फीति: अक्टूबर 2021 के बाद
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शहरी CFPI: 1.64% | ग्रामीण CFPI: 1.85%
ग्रामीण मुद्रास्फीति:
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CPI: अप्रैल – 2.92%, मार्च – 3.25%
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CFPI: अप्रैल – 1.85%, मार्च – 2.82%
शहरी मुद्रास्फीति:
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CPI: अप्रैल – 3.36%, मार्च – 3.43%
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CFPI: अप्रैल – 1.64%, मार्च – 2.48%
अन्य क्षेत्रीय मुद्रास्फीति प्रवृत्तियाँ (YoY – अप्रैल 2025):
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आवास (केवल शहरी): 3.00%
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शिक्षा: 4.13% (↑ 3.98% से)
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स्वास्थ्य: 4.25% (↓ 4.26% से)
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परिवहन और संचार: 3.73% (↑ 3.36% से)
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ईंधन और प्रकाश: 2.92% (↑ 1.42% से)
महत्त्व:
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घरेलू बजट पर दबाव में राहत के संकेत
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RBI की तटस्थ ब्याज दर नीति को समर्थन
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महामारी के बाद आपूर्ति श्रृंखला में सुधार और खाद्य उपलब्धता में वृद्धि को दर्शाता है
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मुद्रास्फीति की अपेक्षाओं को स्थिर करता है और निवेशकों के विश्वास को बढ़ाता है