1 जनवरी 2025 को, एयर मार्शल जितेंद्र मिश्रा ने भारतीय वायुसेना (IAF) की पश्चिमी वायु कमान का कार्यभार संभाला। उन्होंने एयर मार्शल पंकज मोहन सिन्हा का स्थान लिया, जिन्होंने 39 वर्षों की विशिष्ट सेवा के बाद सेवानिवृत्ति ली।
व्यावसायिक पृष्ठभूमि
- कमीशन: 6 दिसंबर 1986 को फाइटर पायलट के रूप में कमीशन प्राप्त।
- उड़ान अनुभव: 3,000 से अधिक उड़ान घंटे।
- शिक्षा:
- राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, पुणे।
- एयर फोर्स टेस्ट पायलट स्कूल, बेंगलुरु।
- एयर कमांड और स्टाफ कॉलेज, यूएसए।
- रॉयल कॉलेज ऑफ डिफेंस स्टडीज, यूके।
- प्रमुख भूमिकाएं:
- एक फाइटर स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर।
- विमान और प्रणाली परीक्षण प्रतिष्ठान (ASTE) में मुख्य परीक्षण पायलट।
- एकीकृत रक्षा स्टाफ (ऑपरेशंस) के उप प्रमुख।
पश्चिमी वायु कमान की भूमिका
- महत्व: यह IAF का एक महत्वपूर्ण घटक है, जो भारत की पश्चिमी सीमाओं की रक्षा करता है, जिनमें पाकिस्तान और चीन से लगे क्षेत्र शामिल हैं।
- प्रभार क्षेत्र: लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, पंजाब, और राजस्थान के कुछ हिस्से।
- प्रमुख संचालन:
- कश्मीर ऑपरेशन (1947-48)।
- भारत-चीन संघर्ष (1962)।
- भारत-पाक युद्ध (1965 और 1971)।
- ऑपरेशन पवन (1986, श्रीलंका)।
- ऑपरेशन सफेद सागर (1999, कारगिल)।
- ऑपरेशन स्नो लेपर्ड (2020, पूर्वी लद्दाख)।


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