विश्व स्तर पर बढ़ती आर्थिक अनिश्चितताओं और विदेशी मुद्रा भंडारण रणनीतियों में बदलाव के बीच, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2024-25 में अपने भंडार में 57.5 टन सोना जोड़ा है, जो 2017 में सोने का संग्रह शुरू करने के बाद से दूसरा सबसे बड़ा वार्षिक अधिग्रहण है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब वैश्विक अनिश्चितताओं, भू-राजनीतिक तनावों और अमेरिकी डॉलर की कमजोरी के कारण सोने की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा गया है।
समाचार में क्यों?
RBI की यह सोने की खरीद चर्चा में है क्योंकि अप्रैल 2025 में सोने की कीमत ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गई, जो एक 30% वार्षिक वृद्धि को दर्शाती है। यह वृद्धि वैश्विक बाज़ार की अस्थिरता, व्यापारिक टैरिफ युद्धों और डॉलर की गिरती ताकत के चलते हुई है।
मुख्य बिंदु
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RBI ने FY25 में 57.5 टन सोना खरीदा, जो 2017 से अब तक का दूसरा सबसे बड़ा वार्षिक अधिग्रहण है।
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कुल स्वर्ण भंडार मार्च 2025 तक 879.6 टन हो गया है, जो एक साल पहले 822.1 टन था।
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वैश्विक प्रवृत्ति: दुनियाभर के केंद्रीय बैंक मुद्रा जोखिम और संप्रभु ऋण चिंताओं के चलते सोने का भंडारण कर रहे हैं।
RBI द्वारा सोने की खरीद के उद्देश्य
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विदेशी मुद्रा भंडार में विविधता लाना, खासकर अमेरिकी डॉलर और US ट्रेजरी से परे।
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मुद्रा की अस्थिरता और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं से बचाव।
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मूल्य की स्थिरता बनाए रखना, क्योंकि सोना समय के साथ अपनी क्रय शक्ति बनाए रखता है।
पृष्ठभूमि
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RBI ने दिसंबर 2017 में फिर से सोने की खरीद शुरू की थी, एक लंबे अंतराल के बाद।
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FY24 में RBI ने 27.47 टन सोना खरीदा था।
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नवंबर 2024 में ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिकी डॉलर की अस्थिरता और ऋण चूक की आशंकाओं से सोने में रुचि और बढ़ी।
स्थिर तथ्य
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2024 में वैश्विक बाजार में सोना $3,230 प्रति औंस तक पहुंच गया।
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2008 की मंदी के दौरान भी सोने ने 21% वृद्धि दर्ज की थी, जो इसकी मजबूती को दर्शाता है।
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सोने की इक्विटी/बॉन्ड से कम सह-संबंध (correlation) होती है, जिससे यह पोर्टफोलियो के लिए एक अच्छा बचाव (hedge) बनता है।
कुल महत्व
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यह भारत की आरक्षित प्रबंधन रणनीति में रणनीतिक बदलाव को दर्शाता है।
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RBI की वित्तीय ताकत बढ़ाता है और निवेशकों का भरोसा मजबूत करता है।
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यह वैश्विक केंद्रीय बैंकों की प्रवृत्ति के अनुरूप है, जैसे चीन और रूस भी सोने का भंडारण बढ़ा रहे हैं।
सारांश / स्थिर तथ्य | विवरण |
समाचार में क्यों? | वित्त वर्ष 2024-25 में RBI ने 57.5 टन सोना खरीदा, जो भंडार में उल्लेखनीय वृद्धि है। |
RBI द्वारा FY25 में खरीदा गया सोना | 57.5 टन |
मार्च 2025 तक कुल RBI सोना भंडार | 879.6 टन |
FY24 में जोड़ा गया सोना | 27.47 टन |
खरीदने का कारण | डॉलर में अस्थिरता, सुरक्षित निवेश विकल्प, सोने की बढ़ती कीमतें |
अप्रैल 2025 में सोने की कीमत | ₹1,00,000 प्रति 10 ग्राम; वैश्विक स्तर पर $3,230 प्रति औंस |
रणनीतिक प्रभाव | भंडार को मज़बूती, जोखिम से सुरक्षा, वैश्विक केंद्रीय बैंकों की रणनीति के अनुरूप |