रिज़र्व बैंक – एकीकृत लोकपाल योजना (आरबी-आईओएस) 2024-25

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने अपनी इंटीग्रेटेड ओम्बड्समैन स्कीम (RB-IOS) की वार्षिक रिपोर्ट जारी की, जिसमें भारत की शिकायत निवारण व्यवस्था में हुए प्रमुख सुधारों और रुझानों को दर्शाया गया है।

यह स्कीम उन ग्राहकों को निःशुल्क वैकल्पिक शिकायत निवारण (AGR) सुविधा देती है, जिनकी शिकायतें बैंकों, NBFCs, भुगतान प्रणाली प्रतिभागियों (PSPs) या क्रेडिट सूचना कंपनियों (CICs) द्वारा संतोषजनक रूप से हल नहीं की गई हों।

कवरेज और संस्थागत संरचना

यह स्कीम निम्न माध्यमों से संचालित होती है:

  • 24 RBI ओम्बड्समैन कार्यालय (ORBIOs)

  • सेंट्रलाइज्ड रिसीट एंड प्रोसेसिंग सेंटर (CRPC), चंडीगढ़

  • नेशनल कॉन्टैक्ट सेंटर हेल्पलाइन: 14448

कवर किए गए संस्थान:

  • अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक

  • क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRBs)

  • शहरी सहकारी बैंक (UCBs) — नियत जमा मानक हेतु

  • ग्राहक इंटरफ़ेस वाले या जमा स्वीकार करने वाले NBFCs

  • भुगतान प्रणाली प्रतिभागी (PSPs / NBPSPs)

  • क्रेडिट सूचना कंपनियाँ (CICs)

शिकायत प्रवृत्तियाँ (Trends)

कुल शिकायतें

2024–25 में कुल शिकायतें: 13.34 लाख
2023–24 की शिकायतों (11.75 लाख) से 13.55% वृद्धि

कहाँ निपटाई गईं?

  • 9.11 लाख — CRPC द्वारा

  • 2.96 लाख — ओम्बड्समैन कार्यालयों द्वारा

प्रति लाख बैंक खातों पर शिकायतें:
8.9 से घटकर 7.7 — बैंक स्तर पर ग्राहक सेवा में सुधार दर्शाता है।

शिकायत दर्ज करने का तरीका

  • 91.22% शिकायतें डिजिटल माध्यम (ऑनलाइन पोर्टल/ईमेल)

  • शिकायतकर्ताओं में 87.19% व्यक्ति

  • महानगरों से सर्वाधिक, फिर शहरी व अर्ध-शहरी क्षेत्रों से

किसके खिलाफ सबसे ज्यादा शिकायतें?

  • बैंक — 81.53%

  • NBFCs — 14.80%

प्रमुख रुझान:

  • निजी क्षेत्र के बैंकों के विरुद्ध शिकायतें सार्वजनिक बैंकों से अधिक

  • स्मॉल फाइनेंस बैंकों में शिकायतें लगभग 42% बढ़ीं

सबसे ज्यादा किस विषय पर शिकायतें?

पाँच प्रमुख विषय कुल शिकायतों के 86% से अधिक:

  1. ऋण एवं अग्रिम (Loans) — 29.25% (सबसे अधिक)

  2. क्रेडिट कार्ड — सबसे तेज वृद्धि (~20%)

  3. मोबाइल/इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग

  4. जमा खाते (Deposit Accounts)

  5. ATM/डेबिट कार्ड संबंधी शिकायतें

डिजिटल बैंकिंग शिकायतें 12.74% घटीं — सिस्टम सुधार दर्शाता है।

शिकायत समाधान (Resolution)

  • कुल निपटान: 2.90 लाख

  • निपटान दर: 93.07%

इनमें:

  • 62.16% शिकायतें योग्य (Maintainable)

  • योग्य शिकायतों में से 51.91% सुलह/मध्यस्थता से हल

  • 43.36% शिकायतें जांच के बाद अस्वीकार

  • सिर्फ 36 मामलों में औपचारिक निर्णय (Award)

  • 4.71% शिकायतकर्ता द्वारा वापस ली गईं

गैर-योग्य (Non-Maintainable) शिकायतें

1.09 लाख से अधिक शिकायतें गैर-योग्य घोषित हुईं।

मुख्य कारण:

  • पहली बार बैंक से संपर्क न करना (First Resort)

  • डुप्लीकेट शिकायतें

  • अधूरी जानकारी

  • पूर्व में निपटाई गई शिकायत

  • RBI के अधिकार क्षेत्र से बाहर के मामले

अपील (Appeals)

  • कुल अपीलें: 104

  • अधिकतर अपीलें शिकायतकर्ताओं की ओर से

परिचालन सुधार 

लागत दक्षता

  • प्रति शिकायत समाधान लागत ₹1,732 से घटकर ₹1,582

कॉन्टैक्ट सेंटर विस्तार

  • कुल कॉल: 9.27 लाख — 29% वृद्धि

  • 12 भाषाओं में सेवाएँ

  • स्टाफ व समय दोनों बढ़ाए गए

RBI की प्रमुख उपभोक्ता संरक्षण पहल

  • वॉयस/SMS फ्रॉड और “डिजिटल अरेस्ट” स्कैम पर परामर्श

  • उपभोक्ता अधिकारों पर मीडिया अभियान

  • लोन के लिए Key Fact Statement (KFS) को मजबूत करना

  • MSME ऋण स्वीकृति के लिए 14 दिन की समय-सीमा

  • सरल KYC (CKYCR के माध्यम से)

  • बगैर सुरक्षा कृषि ऋण सीमा ₹2 लाख

  • ग्रामीण क्षेत्रों में शिकायत जागरूकता सर्वे

  • कमजोर शिकायत निवारण वाले बैंकों पर पेनल्टी

आगे की राह (2025–26)

RBI उपभोक्ता शिक्षा और संरक्षण विभाग:

  • ओम्बड्समैन स्कीम की समीक्षा

  • बैंक/NBFC में आंतरिक शिकायत नियमों में सुधार

  • शिकायत निपटान पर नई मास्टर डायरेक्शन

  • Complaint Management System (CMS) को अपग्रेड करेगा

RBI ने उषा जानकीरमन को एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर नियुक्त किया

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 1 दिसंबर 2025 से श्रीमती उषा जानकीरमन को अपनी नई कार्यकारी निदेशक (Executive Director – ED) के रूप में नियुक्त किया है। यह नियुक्ति बैंकिंग जागरूकता, नियामक परीक्षाओं और इंटरव्यू की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि RBI के वरिष्ठ नेतृत्व में बदलाव का असर वित्तीय निगरानी और नीतिगत दिशा पर पड़ता है।

व्यावसायिक यात्रा व पृष्ठभूमि

श्रीमती उषा जानकीरमन के पास RBI में तीन दशकों से अधिक का अनुभव है। कार्यकारी निदेशक बनने से पहले वे मुंबई स्थित RBI के केंद्रीय कार्यालय में नियमन विभाग (Department of Regulation) में मुख्य महाप्रबंधक-प्रभारी (Chief General Manager-in-Charge) के रूप में कार्यरत थीं।

RBI में उनके अनुभव के प्रमुख क्षेत्र:

  • बैंकिंग विनियमन (Banking Regulation)

  • बाहरी निवेश एवं संचालन

  • सार्वजनिक ऋण प्रबंधन (Public Debt Management)

  • बैंकिंग पर्यवेक्षण (Banking Supervision)

  • मुद्रा प्रबंधन (Currency Management)

  • वित्तीय स्थिरता से जुड़े अन्य संस्थागत कार्य

इन विविध भूमिकाओं ने उन्हें नीतिगत निर्णय, पर्यवेक्षण, वित्तीय क्षेत्र प्रशासन और परिचालन प्रणालियों की गहरी समझ प्रदान की है।

कार्यकारी निदेशक के रूप में नई भूमिका

अपने नए पद पर वे पर्यवेक्षण विभाग (Department of Supervision) का नेतृत्व करेंगी, जहाँ उनका मुख्य फोकस होगा:

  • जोखिम मूल्यांकन (Risk Assessment)

  • विश्लेषण (Analytics)

  • वित्तीय संस्थानों की कमजोरियों का मूल्यांकन

यह विभाग भारत की बैंकिंग प्रणाली और अन्य विनियमित संस्थानों के स्वास्थ्य की निगरानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

उनके नेतृत्व से उम्मीद है कि:

  • निवारक निगरानी (Preventive Oversight)

  • डेटा-आधारित विनियमन रणनीतियाँ

  • जोखिम मॉडलिंग और पूर्वानुमान

  • पर्यवेक्षी पारदर्शिता और जवाबदेही को और मजबूत किया जाएगा।

यह नियुक्ति क्यों महत्वपूर्ण है?

यह कदम RBI के इन लक्ष्यों को मजबूत करता है:

  • संस्थागत निगरानी को सुदृढ़ करना

  • जोखिम प्रबंधन ढाँचे को उन्नत करना

  • अग्रदृष्टि-आधारित (forward-looking) नियामकीय दृष्टिकोण अपनाना

उनका बहु-विभागीय अनुभव पर्यवेक्षण प्रक्रियाओं में व्यापक दृष्टिकोण लाएगा।

परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों के लिए उपयोगी बिंदु

  • RBI के नेतृत्व में बदलाव अक्सर परीक्षाओं के करेंट अफेयर्स में पूछे जाते हैं।

  • यह नियुक्ति बताती है कि RBI जोखिम विश्लेषण और नियामक मजबूती पर अधिक ध्यान दे रहा है।

  • बैंकिंग क्षेत्र की स्थिरता के लिए सुपरविजन की महत्ता बढ़ रही है।

SBI, ICICI बैंक और HDFC बैंक ने D-SIB का दर्जा बरकरार रखा

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 02 दिसंबर 2025 को कहा कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI), एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) और आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) ने डोमेस्टिक सिस्टमैटिक इंपॉर्टेंट बैंक यानी डी-एसआईबी (D-SIB) का दर्जा बरकरार रखा है। ये वे बैंक हैं जिनका देश की अर्थव्यवस्था पर बहुत गहरा असर है। अगर ये बैंक कभी मुश्किल में पड़े तो पूरे देश की बैंकिंग व्यवस्था पर बुरा असर पड़ सकता है। इसलिए इन बैंकों को सरकार और RBI थोड़ा सख्त नियमों के तहत रखती है।

इन बैंकों को “Too Big to Fail” यानी इतने बड़े कि विफल नहीं होने दिए जा सकते के रूप में माना जाता है, क्योंकि ये बैंक भारतीय वित्तीय प्रणाली के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

सिस्टमेटिकली इम्पोर्टेंट बैंक क्या होते हैं?

ऐसे बैंक जिनका—

  • आकार (Size)

  • सीमा-पार कामकाज (Cross-border presence)

  • संचालन की जटिलता (Complexity)

  • परस्पर जुड़ाव (Interconnectedness)

  • विकल्पों की कमी (Lack of substitutability)

— आर्थिक प्रणाली पर गहरा प्रभाव डालता है, उन्हें प्रणालीगत रूप से महत्त्वपूर्ण बैंक कहा जाता है।

इन बैंकों के असफल होने से देश की वित्तीय स्थिरता, सेवाओं की उपलब्धता और आर्थिक गतिविधियों पर बड़ा खतरा पैदा हो सकता है। इसलिए इन्हें नुकसान झेलने की क्षमता बढ़ाने के लिए अतिरिक्त पूंजी (capital) रखनी पड़ती है।

2025 के लिए अतिरिक्त पूंजी आवश्यकताएँ (CET1 Capital Surcharge)

D-SIB ढाँचे के अंतर्गत बैंकों को उनकी प्रणालीगत महत्त्व (Systemic Importance Score) के आधार पर ‘बकेट’ में रखा जाता है। प्रत्येक बकेट के अनुसार अतिरिक्त CET1 पूंजी सुनिश्चित करनी होती है।

2025 Bank-wise CET1 Surcharge

बकेट बैंक अतिरिक्त CET1 आवश्यकता
5 कोई नहीं 1%
4 SBI 0.80%
3 कोई नहीं 0.60%
2 HDFC Bank 0.40%
1 ICICI Bank 0.20%

इसमें SBI को सबसे अधिक अतिरिक्त पूंजी रखनी होगी, उसके बाद HDFC बैंक और ICICI बैंक आते हैं।

D-SIB ढाँचा: पृष्ठभूमि

  • D-SIB ढाँचा पहली बार 22 जुलाई 2014 को जारी किया गया था।

  • इसका संशोधन 28 दिसंबर 2023 को किया गया।

  • RBI हर वर्ष बैंक डेटा के आधार पर D-SIB सूची जारी करता है।

  • 2025 की सूची 31 मार्च 2025 तक के डेटा पर आधारित है।

पहली बार D-SIB के रूप में शामिल:

  • 2015–16: SBI और ICICI बैंक

  • 2017: HDFC बैंक

2025 में भी सभी बैंक अपने पहले वाले बकेट में ही बने हुए हैं।

वैश्विक संदर्भ: G-SIB से लिंक

यदि कोई विदेशी बैंक, अपने देश के नियामक के अनुसार Global Systemically Important Bank (G-SIB) घोषित होता है, तो भारत में भी उसे अतिरिक्त CET1 पूंजी रखनी होती है।
पूंजी अधिभार का निर्धारण इन आधारों पर होता है:

  • उसके मूल देश द्वारा तय अतिरिक्त CET1

  • उसके भारतीय Risk-Weighted Assets (RWAs) का अनुपात

इससे अंतरराष्ट्रीय नियामक मानकों में सामंजस्य बना रहता है।

 

शहरी डिजिटल भूमि सुधार को बढ़ावा देने हेतु नक्षा और लैंडस्टैक पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित करेगा भूमि संसाधन विभाग

भूमि संसाधन विभाग (DoLR), ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा 3 दिसंबर 2025 को भारत मंडपम, नई दिल्ली में NAKSHA और LandStack पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की जाएगी। GeoSmart India 2025 का हिस्सा बने इस कार्यक्रम का उद्देश्य आधुनिक जियोस्पैशल तकनीक को अपनाकर शहरों की भूमि अभिलेख प्रणाली को बेहतर बनाना और नागरिक सेवाओं को अधिक सुलभ, पारदर्शी व कुशल बनाना है। इस संगोष्ठी में सरकारी अधिकारी, तकनीकी विशेषज्ञ और उद्योग नेता शामिल होंगे, जो भारत के लिए भविष्य-तैयार डिजिटल भूमि प्रणाली बनाने पर विचार-विमर्श करेंगे।

NAKSHA पायलट कार्यक्रम की समीक्षा

संगोष्ठी का पहला सत्र NAKSHA पायलट कार्यक्रम की प्रगति पर केंद्रित होगा। यह कार्यक्रम 157 से अधिक शहरों का उन्नत एरियल मैपिंग और फीचर एक्सट्रैक्शन तकनीक से सर्वेक्षण करता है। विशेषज्ञ इन मुद्दों पर चर्चा करेंगे:

  • घनी आबादी वाले क्षेत्रों में सटीक डेटा संग्रह की चुनौतियाँ

  • एरियल इमेजेस और ग्राउंड डेटा के बीच मिलान

  • पुरानी भूमि मानचित्रों को आधुनिक डिजिटल सर्वेक्षणों से अपडेट करना

LandStack डिजिटल इकोसिस्टम का विकास

संगोष्ठी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा LandStack पर आधारित होगा, जो भारत के सभी भूमि-संबंधित डेटा को एकीकृत करने के लिए तैयार किया जा रहा है। चर्चा के प्रमुख बिंदु होंगे:

  • विभिन्न डेटासेट का एकीकरण — कैडस्ट्रल मैप, प्रशासनिक रिकॉर्ड, जियोस्पैशल लेयर्स

  • राज्यों व विभागों में निर्बाध डेटा साझा करने के लिए राष्ट्रीय स्तर के सामान्य मानक

  • संघीय (federated) मॉडल अपनाने की आवश्यकता

UrPro Card : एक विश्वसनीय डिजिटल संपत्ति दस्तावेज़

कार्यक्रम में प्रस्तावित UrPro Card पर भी विशेष सत्र होगा। यह एक सुरक्षित डिजिटल प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट होगा, जो संपत्ति स्वामित्व और लेन-देन को सरल बनाएगा। चर्चा में शामिल होंगे:

  • राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के बीच कानूनी व प्रशासनिक समन्वय

  • रजिस्ट्रेशन, म्यूटेशन, बिल्डिंग परमिशन, प्रॉपर्टी टैक्स में इसका उपयोग

  • नागरिकों को सुलभ और भरोसेमंद संपत्ति अधिकार प्रदान करने की दिशा में कदम

उन्नत तकनीक और इंटरऑपरेबिलिटी का प्रदर्शन

प्रतिभागी आधुनिक WebGIS प्लेटफ़ॉर्म और क्लाउड सेवाओं का लाइव प्रदर्शन देखेंगे। चर्चा होगी:

  • AI/ML आधारित एनालिटिक्स

  • 3D मैपिंग

  • क्लाउड जियोस्पैशल समाधान

  • शहरी भूमि प्रबंधन में पारदर्शिता, सटीकता और जवाबदेही बढ़ाने पर

इन तकनीकों से भूमि-संबंधित सरकारी सेवाएँ तेज़, डिजिटल और नागरिक-हितैषी बनेंगी।

विकसित भारत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

यह संगोष्ठी भारत सरकार के उस संकल्प को दर्शाती है, जिसमें नवीनतम तकनीक व “Whole-of-Government” दृष्टिकोण अपनाकर पुरानी भूमि प्रणालियों को पारदर्शी, डिजिटल और नागरिक-केंद्रित समाधान में बदला जा रहा है। यह प्रयास विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

26वां हॉर्नबिल फेस्टिवल नागालैंड में 1 से 10 दिसंबर तक होगा

26वाँ हॉर्नबिल महोत्सव 1 दिसंबर को किसामा स्थित ‘नगा हेरिटेज विलेज’ में नागालैंड के स्थापना दिवस के साथ शुरू हुआ। दस दिनों तक चलने वाला यह महोत्सव सभी प्रमुख नगा जनजातियों को एक मंच पर लाता है, जहाँ वे अपनी समृद्ध परंपराएँ, संगीत, नृत्य, हस्तशिल्प और स्थानीय व्यंजनों का प्रदर्शन करते हैं। सालों में यह महोत्सव भारत के सबसे प्रसिद्ध सांस्कृतिक आयोजनों में से एक बन चुका है।

1 दिसंबर का उद्घाटन समारोह

महोत्सव का उद्घाटन समारोह शाम 4 बजे किसामा के ‘यूनिटी प्लाज़ा’ में हुआ। नागालैंड के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। उद्घाटन दिवस पर पारंपरिक नृत्यों, लोक-प्रस्तुतियों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का मनमोहक प्रदर्शन देखने को मिला।

अंतरराष्ट्रीय और राज्य साझेदारी

इस वर्ष यूनाइटेड किंगडम, आयरलैंड, फ्रांस, ऑस्ट्रिया, माल्टा और स्विट्ज़रलैंड सहित कई देशों ने ‘कंट्री पार्टनर’ के रूप में भाग लिया। अरुणाचल प्रदेश इस बार ‘स्टेट पार्टनर’ रहा, जिसने महोत्सव की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान को और मजबूत किया।

स्टॉल, प्रदर्शनी और कार्निवल गतिविधियाँ

उद्घाटन समारोह से पहले विभिन्न विभागों के स्टॉल, प्रदर्शनियाँ और कार्निवल कार्यक्रम शुरू किए गए। इन स्टॉलों में आगंतुकों को नगा संस्कृति, हस्तशिल्प, पारंपरिक वस्त्र और स्वादिष्ट स्थानीय भोजन का अनुभव मिला।

संपूर्ण नागालैंड में फैली उत्सव की रौनक

हालाँकि किसामा इस महोत्सव का मुख्य केंद्र है, लेकिन नगालैंड के अन्य हिस्सों में भी कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिससे पूरा राज्य उत्सव के रंग में रंगा हुआ है।

पर्यटन प्रोत्साहन से वैश्विक सांस्कृतिक महोत्सव तक

हॉर्नबिल महोत्सव की शुरुआत एक पर्यटन पहल के रूप में हुई थी, लेकिन दो दशकों में यह एक अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक आयोजन बन गया है। यह महोत्सव नगा विरासत को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने का महत्वपूर्ण मंच बन चुका है।

CBIC Chairman: जानें कौन हैं विवेक चतुर्वेदी जिनको सरकार ने दी बड़ी जिम्मेदारी?

भारत सरकार ने भारतीय राजस्व सेवा (IRS – कस्टम्स एवं अप्रत्यक्ष कर) के 1990 बैच के अधिकारी विवेक चतुर्वेदी को केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। उनकी नियुक्ति को मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (ACC) ने मंजूरी दी है, जैसा कि कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) द्वारा जारी आदेश में उल्लेख किया गया है।

विवेक चतुर्वेदी कौन हैं?

विवेक चतुर्वेदी अप्रत्यक्ष कर क्षेत्र में 30 से अधिक वर्षों के अनुभव वाले वरिष्ठ IRS अधिकारी हैं। अपने लंबे करियर में उन्होंने कर प्रशासन, अनुपालन, नीति निर्माण और निगरानी से जुड़े कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है।
उनकी कार्यशैली, ईमानदारी और नेतृत्व कौशल ने उन्हें एक विश्वसनीय और सक्षम अधिकारी के रूप में स्थापित किया है।

विवेक चतुर्वेदी की पिछली भूमिकाएँ और जिम्मेदारियाँ

CBIC में सदस्य बनने से पहले, वे प्रधान महानिदेशक (विजिलेंस) और संगठन के मुख्य सतर्कता अधिकारी (CVO) थे।
इस भूमिका में उन्होंने—

  • सतर्कता मामलों की निगरानी,

  • आंतरिक नियंत्रण प्रणाली,

  • पारदर्शिता से जुड़ी पहलों

का नेतृत्व किया।
उनके कार्यों ने अप्रत्यक्ष कर प्रशासन में जवाबदेही और दक्षता को मजबूत किया।

CBIC में नेतृत्व परिवर्तन

विवेक चतुर्वेदी ने संजय कुमार अग्रवाल (1988 बैच, IRS) का स्थान लिया है, जो 28 नवंबर 2025 को सेवानिवृत्त हुए।
इससे पहले, उन्होंने विवेक रंजन, सदस्य (कर नीति एवं विधि), का भी स्थान लिया था, जिनका कार्यकाल 31 अगस्त 2025 को समाप्त हुआ।

यह नियुक्ति देश के अप्रत्यक्ष कर ढांचे में एक महत्वपूर्ण नेतृत्व परिवर्तन का संकेत देती है।

उनकी नई भूमिका क्यों महत्वपूर्ण है?

विजिलेंस और अनुपालन के क्षेत्र में उनके गहरे अनुभव से उम्मीद है कि वे—

  • कर प्रशासन को और मजबूत करेंगे

  • अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाएँगे

  • GST और सीमा शुल्क से जुड़े सुधारों को गति देंगे

  • नीतियों और नियमों के बेहतर कार्यान्वयन को सुनिश्चित करेंगे

उनका नेतृत्व भारत की अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को और अधिक कुशल, पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

आईजीआई भारत का पहला वाटर-पॉजिटिव एयरपोर्ट बना

दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (IGI) अब भारत का पहला ‘वॉटर-पॉजिटिव एयरपोर्ट’ बन गया है, विशेषकर उन हवाईअड्डों की श्रेणी में जो सालाना 40 मिलियन से अधिक यात्रियों को संभालते हैं। यह प्रमाणन सतत हवाईअड्डा प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

वॉटर-पॉजिटिव स्टेटस का अर्थ

वॉटर-पॉजिटिव होने का मतलब है कि हवाईअड्डा जितना ताज़ा पानी उपयोग करता है, उससे अधिक पानी वह प्रकृति में वापस पहुंचाता है।
IGI ने यह लक्ष्य हासिल किया है:

  • वर्षा जल संचयन संरचनाओं को बढ़ाकर

  • पानी संग्रहण प्रणालियों में निवेश करके

  • उन्नत रीसाइक्लिंग तकनीकें अपनाकर

यह मान्यता वाटर इनोवेशन समिट 2025 में नीति आयोग–CII वॉटर न्यूट्रैलिटी फ्रेमवर्क के तहत प्रदान की गई।

पानी पुनर्भरण को सक्षम बनाने वाला बुनियादी ढांचा

IGI हवाईअड्डे में बड़े पैमाने पर जल प्रबंधन ढांचा विकसित किया गया है, जिसमें शामिल हैं:

  • 625 वर्षा जल संचयन संरचनाएँ

  • दो भूमिगत जलाशय (कुल क्षमता: 90 लाख लीटर)

  • 16.6 MLD (मिलियन लीटर प्रति दिन) जीरो-लिक्विड-डिस्चार्ज सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट

ये सभी संरचनाएँ वर्षा जल संग्रह, भूजल पुनर्भरण और अपशिष्ट जल के पूर्ण पुन: उपयोग को सुनिश्चित करती हैं।

पुनर्चक्रण और स्मार्ट वॉटर सिस्टम्स का उपयोग

रीसाइकल किया गया पानी उपयोग किया जाता है:

  • HVAC (कूलिंग) प्रणालियों में

  • बागवानी और हरित क्षेत्र की सिंचाई में

  • शौचालय फ्लशिंग में

इससे बाहरी जल स्रोतों पर निर्भरता कम होती है।
हवाईअड्डा पानी बचत हेतु उपयोग करता है:

  • स्वचालित स्प्रिंकलर

  • ड्रिप इरिगेशन

  • रियल-टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम

यात्री उपयोग के लिए सुरक्षित पेयजल हेतु अलग ट्रीटमेंट सुविधा भी मौजूद है।

परीक्षा हेतु मुख्य बिंदु 

  • भारत का पहला वॉटर-पॉजिटिव एयरपोर्ट (40 मिलियन+ यात्री संभालने वाली श्रेणी)

  • 625 वर्षा जल संरचनाएँ और 90 लाख लीटर जलाशय क्षमता

  • 16.6 MLD जीरो-लिक्विड-डिस्चार्ज एसटीपी

  • नीति आयोग–CII जल न्यूट्रैलिटी मानकों के तहत मान्यता

सस्टेनेबिलिटी और जलवायु लचीलापन की दिशा में कदम

दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) का कहना है कि वॉटर-पॉजिटिव बनना जलवायु तैयारियों को मजबूत करता है और IGI को नेट-ज़ीरो एयरपोर्ट बनाने के दीर्घकालिक लक्ष्य को भी समर्थन देता है।
यह उपलब्धि दिखाती है कि भारतीय विमानन अवसंरचना अब संसाधनों के जिम्मेदार प्रबंधन की ओर तेजी से बढ़ रही है, जिससे IGI एक राष्ट्रीय मॉडल के रूप में उभर रहा है।

हॉलीवुड के मशहूर स्क्रीन राइटर टॉम स्टॉपर्ड का निधन

ब्रिटिश नाटककार और ऑस्कर विजेता पटकथा लेखक टॉम स्टॉपर्ड का 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनकी प्रतिभा एजेंसी यूनाइटेड एजेंट्स ने बताया कि उनका निधन डॉर्सेट स्थित उनके घर पर, परिवार की उपस्थिति में, शांति से हुआ। स्टॉपर्ड अपनी गहरी बुद्धिमत्ता और हास्य-व्यंग्य को मिलाकर लेखन करने की अनोखी शैली के लिए प्रसिद्ध थे।

टॉम स्टॉपर्ड का प्रारंभिक जीवन और करियर

टॉम स्टॉपर्ड का जन्म 1937 में चेकोस्लोवाकिया में हुआ। नाजी कब्जे के दौरान उनका परिवार ब्रिटेन भाग गया। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने पत्रकार के रूप में काम किया और फिर नाट्य लेखन की ओर मुड़े। छह दशकों से अधिक के अपने करियर में उन्होंने थिएटर, टीवी, रेडियो और फिल्मों के लिए लेखन किया और अंतरराष्ट्रीय प्रशंसा प्राप्त की।

“Rosencrantz and Guildenstern Are Dead” से पहचान

  • स्टॉपर्ड को अंतरराष्ट्रीय प्रसिद्धि उनकी एब्सर्डिस्ट ट्रैजिकॉमेडी रोज़ेनक्रांट्ज़ एंड गिल्डनस्टर्न आर डेड से मिली। यह नाटक शेक्सपीयर के हैमलेट के दो छोटे पात्रों की कहानी पर आधारित है।
  • यह नाटक कई पुरस्कार जीतने के बाद 1990 में फिल्म के रूप में भी बनाया गया, जिसमें टिम रोथ, गैरी ओल्डमैन और रिचर्ड ड्रेफस ने अभिनय किया। इस फिल्म ने वेनिस फिल्म फेस्टिवल में गोल्डन लायन पुरस्कार जीता।

फिल्म और थिएटर में उपलब्धियाँ

स्टॉपर्ड ने सिनेमा में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने इंडियाना जोन्स और स्टार वॉर्स जैसी मशहूर फिल्मों पर काम किया।
1999 में उन्हें शेक्सपीयर इन लव की पटकथा के लिए ऑस्कर (एकेडमी अवॉर्ड) मिला।

थिएटर में उन्हें:

  • 3 ओलिवियर अवॉर्ड

  • 5 टोनी अवॉर्ड
    मिले।

1997 में उन्हें साहित्य में योगदान के लिए नाइटहुड की उपाधि से सम्मानित किया गया।

दुनिया भर से श्रद्धांजलियाँ

सोशल मीडिया पर किंग चार्ल्स III और रोलिंग स्टोन्स के गायक मिक जैगर ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।

  • जैगर ने उन्हें अपना “पसंदीदा नाटककार” बताया।

  • चार्ल्स ने उन्हें “विनम्र प्रतिभा वाले प्रिय मित्र” कहकर याद किया और उनकी प्रेरणादायक लेखन शैली की प्रशंसा की।

लंदन के थिएटरों ने घोषणा की कि वे उनकी स्मृति में दो मिनट के लिए अपनी रोशनी मंद करेंगे। नेशनल थिएटर और रॉयल कोर्ट थिएटर ने उनकी बुद्धिमत्ता, हास्य और मानवीय स्वभाव की गहरी पड़ताल को सराहा।

टॉम स्टॉपर्ड का निजी जीवन

  • स्टॉपर्ड ने तीन बार विवाह किया और उनके चार बेटे हैं, जिनमें अभिनेता एड स्टॉपर्ड भी शामिल हैं।
  • अपने जीवनभर वे अपनी उदारता, अंग्रेज़ी भाषा के प्रति प्रेम और हास्य व दर्शन के अद्भुत संतुलन के लिए प्रशंसित रहे।

टॉम स्टॉपर्ड की विरासत

टॉम स्टॉपर्ड अपने पीछे थिएटर और सिनेमा की एक शानदार विरासत छोड़ गए हैं। उन्हें अपनी पीढ़ी के सबसे प्रतिभाशाली नाटककारों में गिना जाता है—जिन्होंने बौद्धिक गहराई, हास्य और मानवता को अपने लेखन में अनोखे ढंग से पिरोया।

एयर मार्शल तेजबीर सिंह ने डायरेक्टर जनरल (इंस्पेक्शन और सेफ्टी) का पद संभाला

एयर मार्शल तेजबीर सिंह ने 01 दिसम्बर 2025 को वायु मुख्यालय में निदेशक जनरल (निरीक्षण एवं सुरक्षा) [DG (I&S)] का पद संभाला। यह नियुक्ति भारतीय वायुसेना (IAF) में उनकी विशिष्ट सेवा यात्रा का एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

37 वर्षों का विशिष्ट और समृद्ध करियर

37 वर्षों की शानदार सेवा में एयर मार्शल तेजबीर सिंह ने कई महत्वपूर्ण कमांड और स्टाफ पदों पर कार्य किया है। उनके अनुभव में शामिल है:

  • बांग्लादेश में एयर अटैशे के रूप में सेवा

  • नई दिल्ली स्थित नेशनल डिफेंस कॉलेज में सीनियर डायरेक्टिंग स्टाफ

  • वायु मुख्यालय में असिस्टेंट चीफ ऑफ एयर स्टाफ ऑपरेशंस (ट्रांसपोर्ट एवं हेलीकॉप्टर्स)

यूनाइटेड किंगडम के रॉयल कॉलेज ऑफ डिफेन्स स्टडीज के पूर्व छात्र होने के नाते, वे अपने नए पद पर मजबूत अकादमिक और रणनीतिक दृष्टिकोण लेकर आए हैं।

ऑपरेशनल विशेषज्ञता व उड़ान अनुभव

एयर मार्शल के पास 7000 से अधिक उड़ान घंटे हैं, जो उनके व्यापक ऑपरेशनल अनुभव को दर्शाते हैं। उन्होंने IAF में C-130J ‘सुपर हरक्यूलिस’ विमान के इंडक्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और संयुक्त अभियानों के लिए पहली स्पेशल ऑपरेशंस स्क्वाड्रन की स्थापना की।

उन्होंने निम्न इकाइयों का नेतृत्व किया है:

  • दो प्रमुख उड़ान बेस

  • एक प्रीमियर प्रशिक्षण प्रतिष्ठान

  • उत्तरी क्षेत्र का एक फ्रंटलाइन ऑपरेशनल एयरबेस

HQ ट्रेनिंग कमांड में सीनियर एयर स्टाफ ऑफिसर के रूप में, उन्होंने प्रशिक्षण सिद्धांतों को ऑपरेशनल जरूरतों के अनुरूप पुनर्गठित करने में अहम भूमिका निभाई।

पुरस्कार और सम्मान

अपनी असाधारण सेवा के लिए उन्हें निम्न प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हुए हैं:

  • वायु सेना पदक (2010)

  • अति विशिष्ट सेवा पदक (2018)

ये सम्मान उनके नेतृत्व, व्यावसायिक उत्कृष्टता और ऑपरेशनल दक्षता को दर्शाते हैं।

नेतृत्व परिवर्तन

एयर मार्शल तेजबीर सिंह ने एयर मार्शल मकरंद भास्कर रानाडे का स्थान लिया है, जो 30 नवम्बर 2025 को 39 वर्षों की सेवा के बाद सेवानिवृत्त हुए। यह नेतृत्व परिवर्तन IAF के निरीक्षण एवं सुरक्षा ढांचे को और मजबूत करने की दिशा में निरंतरता का प्रतीक है।

अटल पेंशन योजना में 8.34 करोड़ से ज़्यादा एनरोलमेंट हुए; 48% महिलाएं

असंगठित और निम्न-आय वर्ग के श्रमिकों के लिए भारत की प्रमुख पेंशन योजना अटल पेंशन योजना (APY) ने 31 अक्टूबर 2025 तक कुल 8.34 करोड़ नामांकन दर्ज किए हैं। यह उपलब्धि पेंशन सुरक्षा के प्रति बढ़ती जागरूकता और देशभर में वित्तीय समावेशन प्रयासों की सफलता को दर्शाती है। खासतौर पर, कुल सब्सक्राइबर्स में महिलाओं की हिस्सेदारी 48% है, जो दीर्घकालिक सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में बढ़ती महिला भागीदारी को दर्शाती है।

योजना के बारे में

अटल पेंशन योजना का शुभारंभ 9 मई 2015 को किया गया था, जिसका उद्देश्य सभी नागरिकों—विशेषकर अस्थिर आय वाले लोगों—को सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है।

  • कोई भी भारतीय नागरिक जिसकी आयु 18 से 40 वर्ष के बीच हो और जिसके पास बैंक या डाकघर की बचत खाते हो, वह योजना से जुड़ सकता है।

  • सब्सक्राइबर को 60 वर्ष की आयु के बाद मासिक पेंशन मिलना शुरू होता है।

  • शुरुआती वर्षों में जुड़ने वाले लाभार्थियों के लिए पेंशन भुगतान 2035 से शुरू होंगे।

APY के तेज़ विकास के पीछे के कारण

योजना में तेजी से नामांकन बढ़ने का श्रेय सरकार और PFRDA के व्यापक जागरूकता अभियानों को जाता है। इसमें शामिल हैं:

  • प्रिंट, डिजिटल और प्रसारण माध्यमों पर विज्ञापन

  • 13 क्षेत्रीय भाषाओं में जानकारीपूर्ण पुस्तिका

  • बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट, फील्ड स्टाफ और स्वयं सहायता समूह (SHG) सदस्यों के लिए वर्चुअल प्रशिक्षण

  • NABARD, NCFE, NRLM, SRLM जैसी संस्थाओं के साथ साझेदारी

  • e-APY, नेट बैंकिंग, मोबाइल ऐप और बैंक पोर्टल जैसे डिजिटल विकल्प

  • पेंशन संतृप्ति अभियान और देशभर में APY जागरूकता ड्राइव

इन प्रयासों ने अंतिम छोर तक पहुंच को आसान बनाया और पंजीकरण प्रक्रिया को सरल किया।

बढ़ता संस्थागत नेटवर्क

यह योजना एक विस्तृत बैंकिंग नेटवर्क के माध्यम से लागू की जाती है, जिसमें शामिल हैं:

  • सार्वजनिक और निजी बैंक

  • क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक

  • सहकारी बैंक

  • भुगतान बैंक

  • स्मॉल फाइनेंस बैंक

  • डाक विभाग

ये सभी Points of Presence – APY के रूप में पंजीकृत हैं और नामांकन तथा सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करते हैं।

महिलाओं की भागीदारी और समावेशन का प्रभाव

कुल 8.34 करोड़ नामांकनों में से 4.04 करोड़ से अधिक सदस्य महिलाएँ हैं, जो कुल पंजीकरण का 48% प्रतिनिधित्व करती हैं। यह आँकड़ा दर्शाता है कि:

  • योजनाओं का लैंगिक संतुलित विस्तार मजबूत हो रहा है,

  • महिलाओं में वित्तीय जागरूकता तेजी से बढ़ रही है,

  • विशेषकर स्वयं सहायता समूहों, ग्रामीण नेटवर्कों और घरेलू कमाई करने वाली महिलाओं में इन योजनाओं की पहुँच लगातार बढ़ रही है।

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