राष्ट्रीय खेल दिवस 2024: इतिहास और महत्व

भारत में हर साल 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है। यह हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इसे पहली बार 2012 में उत्सव के दिनों की सूची में शामिल किया गया था। इस दिन कई राज्यों में शारीरिक गतिविधियों और खेलों के महत्व को लेकर जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से कई खेल प्रतियोगिताएं और सेमिनार आयोजित किए जाते हैं। इस दिन का उपयोग विभिन्न खेल योजनाओं को शुरू करने के लिए एक मंच के रूप में भी उपयोग किया जाता है।

साल 2018 में इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेलो इंडिया मूवमेंट की शुरुआत की थी। आज के दिन ही देश के प्रतिभाशाली एथलीट्स को कई तरह के खेल पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है। इनमें राजीव गांधी खेल रत्न, अर्जुन पुरस्कार, ध्यानचंद पुरस्कार और द्रोणाचार्य पुरस्कार जैसे पुरस्कार शामिल हैं। राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक विशेष समारोह में इन एथलीट्स को सम्मानित किया जाता है।

राष्ट्रीय खेल दिवस क्यों मनाया जाता है?

राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर मेजर ध्यानचंद के जीवन और उनके योगदान को याद किया जाता है। इस दिन खेलों के महत्व को बढ़ावा दिया जाता है और लोगों को खेलों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित किया जाता है। इस दिन देश के खिलाड़ियों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया जाता है और युवाओं को खेलों में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया जाता है। खेलों से स्वास्थ्य लाभ होते हैं, इसलिए इस दिन फिटनेस और स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने पर जोर दिया जाता है।

महत्व

हर साल भारत के राष्ट्रपति राष्ट्रीय खेल दिवस पर खिलाड़ियों और कोचों को सम्मानित करते हैं। खिलाड़ियों व कोचों को जिन्होंने अपने-अपने खेल से देश को गौरान्वित किया है, उन्हें खेल से जुड़े पुरस्कार अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार और राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार दिए जाते हैं। बता दें कि साल 2018 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेलो इंडिया आंदोलन की पहल की थी। राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर देश भर में विभिन्न टूर्नामेंट आयोजित किए जाते हैं।

मेजर ध्यानचंद कौन थे?

मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त, 1905 को हुआ था. उन्हें हॉकी का जादूगर कहा जाता था। उन्होंने अपने अद्भुत हॉकी कौशल से दुनिया को चकित कर दिया था। उन्होंने भारत को 1928, 1932 और 1936 के ओलंपिक में स्वर्ण पदक दिलाया था। ध्यानचंद सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में हॉकी के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में गिने जाते थे।

राष्ट्रीय खेल दिवस का इतिहास

राष्ट्रीय खेल दिवस को भारत के किसी भाग में National Sports Day के नाम से भी जाना जाता है। 1979 में, भारतीय डाक विभाग ने मेजर ध्यानचंद को उनकी मृत्यु के बाद श्रद्धांजलि दी और दिल्ली के राष्ट्रीय स्टेडियम का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद स्टेडियम, दिल्ली कर दिया। 2012 में, यह घोषणा की गई थी कि खेल की भावना के बारे में जागरूकता फैलाने और विभिन्न खेलों के संदेश का प्रचार करने के उद्देश्य से एक दिन को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए और इसके लिए फिर से मेजर ध्यानचंद को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी गई और 29 अगस्त को भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई।

सिंगापुर ने द्वितीय भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन (आईएसएमआर) की मेजबानी की

रणनीतिक संबंधों को बढ़ाने के प्रयास में, सिंगापुर ने 26 अगस्त 2024 को द्वितीय भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन (आईएसएमआर) की मेजबानी की। पहली भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज बैठक 17 सितंबर 2022 को नई दिल्ली में आयोजित की गई थी। जिसमें सिंगापुर के चार वरिष्ठ मंत्रियों ने भाग लिया। आईएसएमआर एक उच्च-स्तरीय मंच है जो दोनों देशों को रिश्तों के संपूर्ण आयाम पर चर्चा करने और द्विपक्षीय संबंधों के लिए भविष्य के एजेंडे निर्धारित करने के लिए एक तंत्र प्रदान करता है।

दूसरे आईएसएमआर के प्रतिभागी

भारत के चार वरिष्ठ मंत्रियों और सिंगापुर के छह वरिष्ठ मंत्रियों ने दूसरे आईएसएमआर में भाग लिया। भारत का प्रतिनिधित्व वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, रेलवे, सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया।

सिंगापुर प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व उप प्रधान मंत्री और व्यापार और उद्योग मंत्री गण किम योंग ने किया। इसमें विदेश मंत्री डॉ. विवियन बालकृष्णन; गृह एवं कानून मंत्री के षणमुगम; डिजिटल विकास और सूचना मंत्री और गृह मामलों के दूसरे मंत्री जोसेफिन टीओ, जनशक्ति मंत्री और दूसरे व्यापार और उद्योग मंत्री डॉ टैन सी लेंग, और, परिवहन मंत्री और दूसरे वित्त मंत्री ची होंग टैट भी शामिल थे।

दूसरे आईएसएमआर का एजेंडा

दूसरे आईएसएमआर में दोनों देशों ने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया। इसमें नई दिल्ली में पहली बैठक के बाद से हुई प्रगति की समीक्षा की गई।

2022 में नई दिल्ली में आयोजित पहला आईएसएमआर -डिजिटल कनेक्टिविटी, फिनटेक, पारिस्थितिकीय अर्थव्यवस्था, हरित हाइड्रोजन, कौशल विकास और खाद्य सुरक्षा पर केंद्रित था। पहले आईएसएमआर के परिणामस्वरूप दोनों देशों ने स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, कौशल विकास, डिजिटल सहयोग और सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे ।

दूसरे आईएसएमआर में, भारत और सिंगापुर ने आईएसएमआर के तहत पहचाने गए छह स्तंभों: डिजिटलीकरण, कौशल विकास, स्थिरता, स्वास्थ्य देखभाल और चिकित्सा, और उन्नत विनिर्माण और कनेक्टिविटी- पर सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।

भारत सिंगापुर आर्थिक संबंध

सिंगापुर ,भारत का सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का स्रोत है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में सिंगापुर से 11.77 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश भारत में हुआ था। 2023-24 में 35.61 बिलियन अमेरिकी डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार के साथ सिंगापुर भारत का छठा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार था। आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का संघ) देशों में सिंगापुर भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार देश है।

हालाँकि, द्विपक्षीय व्यापार सिंगापुर के पक्ष में था। भारत ने 2023-24 में सिंगापुर को 14.41 बिलियन अमेरिकी डॉलर का माल निर्यात किया और 21.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का आयात किया, इस प्रकार भारत का व्यापार घाटा 6.79 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था।

 

हिमाचल सरकार ने ‘मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना’ को मंजूरी दी

हिमाचल प्रदेश सरकार ने ‘मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना’ के लिए सालाना 53.21 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इस योजना का उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं और विकलांग बच्चों के अभिभावकों को उनके बच्चों की शिक्षा और कल्याण को सक्षम करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है।

शैक्षिक आवश्यकताओं के लिए वित्तीय सहायता

इस योजना के तहत, पात्र परिवारों के 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण संबंधी खर्चों को पूरा करने के लिए 1,000 रुपये का मासिक अनुदान मिलेगा। स्नातक, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा या व्यावसायिक पाठ्यक्रम करने वालों के लिए, सरकार ट्यूशन और छात्रावास की लागत के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।

लक्ष्य समूह और कवरेज

यह योजना उन महिलाओं और विकलांग माता-पिता की सहायता के लिए बनाई गई है जो अपने बच्चों का भरण-पोषण करने में महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। यह बाल शोषण, तस्करी, किशोर विवाह और नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोककर बाल संरक्षण से संबंधित मुद्दों को संबोधित करता है। यह विकलांगता, बेरोजगारी और गरीबी के बीच संबंध को भी स्वीकार करता है।

पात्रता और आवेदन प्रक्रिया

पात्र लाभार्थी महिलाएं, बच्चे और ऐसे व्यक्ति हैं जिनकी पारिवारिक आय 1 लाख रुपये प्रति वर्ष से अधिक नहीं है। आवेदन स्थानीय बाल विकास परियोजना अधिकारी को प्रस्तुत किए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कमजोर परिवारों के लिए एक सहायक वातावरण को बढ़ावा देने और बच्चों को आवश्यक शिक्षा और देखभाल सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर दिया।

सरकार की प्रतिबद्धता

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह योजना समाज के वंचित वर्गों को सहायता देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इस पहल का उद्देश्य उन लोगों को नैतिक और वित्तीय सहायता प्रदान करना है जो अक्सर अपनी शिकायतें व्यक्त करने में असमर्थ होते हैं।

ओडिशा में बर्ड फ्लू का खतरा

ओडिशा के पुरी जिले के पिपिली कस्बे में एवियन इन्फ्लूएंजा के H5N1 स्ट्रेन के कारण बर्ड फ्लू का प्रकोप सामने आया है। वायरस का पता चलने के बाद अधिकारियों ने 11,700 से ज़्यादा मुर्गियों को मार दिया है। संक्रमित मुर्गियों के शवों की जांच भोपाल स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई-सिक्योरिटी एनिमल डिजीज में की गई, जिसमें H5N1 की मौजूदगी की पुष्टि हुई।

पिछले मामले

इससे पहले अप्रैल 2024 में, केरल के अलाप्पुझा जिले में बत्तखों में बर्ड फ्लू पाये जाने के बाद वहाँ पर बर्ड फ्लू के फैलने से रोकने के लिए बड़े पैमाने पर बत्तखों को मार दिया गया था। भारत में एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस ए (एच5एन1) के प्रकोप का पहला मामला फरवरी 2006 में महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले के नवापुर तहसील के स्थित एक पोल्ट्री फार्म में सामने आया था।

एवियन इन्फ्लुएंजा या बर्ड फ्लू क्या है?

एवियन इन्फ्लूएंजा, जिसे आमतौर पर “बर्ड फ्लू” कहा जाता है, एक वायरल संक्रमण है जो मुख्यतः पक्षियों में पाया जाता है लेकिन कभी-कभी यह संक्रमित पक्षियों से मनुष्यों में भी फैल सकता है। एवियन इन्फ्लूएंजा A वायरस उपप्रकार H5N1 इन्फ्लुएंजा A(H5N1) मनुष्यों में बर्ड फ्लू का सबसे आम कारण है। हालाँकि, हाल ही में, इन्फ्लूएंजा के H7N7 और H7N9 उपभेदों के कारण भी मनुष्यों में बर्ड फ्लू पाया गया है। मनुष्यों में बर्ड फ्लू का पहला मामला 1997 में हांगकांग में मुर्गीपालन फार्म के श्रमिकों के बीच पाया गया था। भारत में एवियन इन्फ्लुएंजा ए(एच5एन1) का पहला मानव मामला जून 2021 में हरियाणा से सामने आया था जहां एवियन इन्फ्लुएंजा ए(एच5एन1) संक्रमण के कारण एक 18 वर्षीय लड़के की मृत्यु हो गई थी।

ओडिशा में बर्ड फ्लू

बर्ड फ्लू का हालिया मामला ओडिशा के पुरी जिले में स्थित पिपिली शहर के एक मुर्गीपालन फार्म से आया है। मुर्गीपालन फार्म में मुर्गियों की सामूहिक मौत की रिपोर्ट के बाद, स्थानीय अधिकारियों ने संक्रमित मुर्गियों के शवों को परीक्षण के लिए राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान, भोपाल भेजा, जहां पक्षियों के शवों में H5N1 वायरस की उपस्थिति की पुष्टि हुई। भोपाल प्रयोगशाला से पुष्टि के बाद, जिला अधिकारियों ने मुर्गीपालन फार्म, आसपास के घरों और गांव क्षेत्र में पायी जाने वाली सभी मुर्गियों को मारना शुरू कर दिया है।

 

भारती एयरटेल ने एप्पल के साथ कंटेंट साझेदारी की घोषणा की

भारती एयरटेल और एप्पल ने भारत में ग्राहकों के लिए एप्पल टीवी और एप्पल म्यूजिक के विशेष ऑफर लाने के लिए साझेदारी की है। इसके साथ, एप्पल ने भारती एयरटेल के साथ मिलकर भारत में अपनी ओटीटी वीडियो और म्यूजिक स्ट्रीमिंग सेवाओं, एप्पल टीवी+ और एप्पल म्यूजिक के लिए विशेष ऑफर पेश किए हैं। एयरटेल एक्सस्ट्रीम ग्राहक प्रीमियम एयरटेल वाईफाई और पोस्टपेड प्लान के साथ एप्पल टीवी पर हॉलीवुड की सर्वश्रेष्ठ और पुरस्कार विजेता सामग्री का आनंद ले सकते हैं।

एयरटेल ने कहा कि एप्पल टीवी+ के जुड़ने से एयरटेल एक्सस्ट्रीम फाइबर की पेशकश और भी बेहतर हो जाएगी। ये Apple Music और Apple TV+ ऑफर इस साल के अंत में भारत में एयरटेल ग्राहकों के लिए विशेष रूप से उपलब्ध होंगे। Apple और Airtel स्वाभाविक साझेदार हैं जो ग्राहक अनुभव में सुविधा लाने का प्रयास करते हैं।

साझेदारी का विवरण

साझेदारी की वित्तीय शर्तों और नई योजनाओं की लागत का खुलासा नहीं किया गया। इस समझौते के बाद, एयरटेल संगीत स्ट्रीमिंग क्षेत्र से बाहर निकल जाएगा और अपने विंक संगीत ऐप को बंद कर देगा, साथ ही सभी कर्मचारियों को अन्य भूमिकाओं में शामिल कर लिया जाएगा।

उद्योग संदर्भ

यह घोषणा डिज्नी और रिलायंस द्वारा अपने 8.5 बिलियन डॉलर के विलय के लिए अविश्वास अनुमोदन प्राप्त करने के प्रयासों के बीच आई है, जिसका उद्देश्य भारत की सबसे बड़ी मनोरंजन इकाई बनाना है।

Bharat Biotech ने हैजा नियंत्रण के लिए नया ओरल टीका पेश किया

भारत बायोटेक इंटरनैशनल (बीबीआईएल) ने एक नया हैजारोधी ओरल टीका (ओसीवी) हिलकॉल पेश किया है। हिलमैन लैबोरेटरीज के साथ मिलकर पेश किए गए इस टीके का लक्ष्य ओसीवी की वैश्विक कमी से निपटने का है। हिलकॉल ऐसे वक्त में पेश किया गया है जब हैजा के मामले और उससे होने वाली मौतों की तादाद लगातार बढ़ रही है।

ओरल हैजा वैक्सीन (ओसीवी) की वैश्विक मांग सालाना 10 करोड़ खुराक से अधिक है। वैश्विक स्तर पर ओसीवी की चार करोड़ खुराक की कमी है। नई वैक्सीन इस कमी को दूर करेगी। रायटर के अनुसार तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण में भारत से लगभग 3,600 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था।

वैक्सीन के निर्माण की मंजूरी

भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआइ) ने कंपनी के हैदराबाद प्लांट में वैक्सीन के निर्माण की मंजूरी दे दी है। भारत बायोटेक 4.5 करोड़ डोज की वार्षिक क्षमता के साथ अपने हैदराबाद संयंत्र से उत्पादन शुरू करेगी। यह वैक्सीन, एकल खुराक वाला रेस्प्यूल है, जिसे 14 दिनों के अंतराल पर (दो खुराक) दिया जाता है। यह एक वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए उपयुक्त है।

20 करोड़ खुराक तैयार की जा सकेगी

रेस्प्यूल में दवा तरल रूप में होती है। इसे नेबुलाइजर नामक मशीन में डाला जाता है। इसके बाद सांस के जरिये दवा शरीर के अंदर ली जाती है। भारत बायोटेक के कार्यकारी अध्यक्ष कृष्णा एला ने कहा कि भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआइएल) ने हैदराबाद और भुवनेश्वर में बड़े पैमाने पर विनिर्माण केंद्र स्थापित की हैं, जिनमें हिलकोल की 20 करोड़ खुराक तैयार की जा सकेगी।

5,900 मौतें दर्ज

हैजा की रोकथाम और उपचार संभव है। रिपोर्ट के अनुसार 2023 की शुरुआत से इस साल मार्च तक 31 देशों में 824,479 मामले और 5,900 मौतें दर्ज की गईं।

अमेरिका के साथ 73,000 SiG-716 राइफलों हेतु ‘रिपीट ऑर्डर’ सौदे पर हस्ताक्षर करेगा भारत

अमेरिकी कंपनी SIG SAUER ने भारत के साथ बड़ी डील की है। अमेरिकी कंपनी ने रक्षा मंत्रालय के साथ अतिरिक्त 73,000 SIG716 राइफलों के सप्लाई के लिए दूसरे खरीद कॉन्ट्रैक्ट की घोषणा की है। SIG SAUER के एक बयान में कहा गया है कि डील पूरी होने पर, 145,400 ऐसी राइफलें भारतीय सेना की सेवा में होंगी।

बता दें कि रक्षा मंत्रालय ने सबसे पहले सिग सॉयर को 2019 में 72,400 राइफलों के लिए सिग 716 का कॉन्ट्रैक्ट दिया था। कंपनी ने बयान में कहा कि सैनिकों द्वारा सफल ‘फील्डिंग और भारी’ स्वीकृति के कारण हमें अतिरिक्त राइफलों के लिए यह फॉलो-अप पुरस्कार मिला।

कंपनी ने आगे कहा कि ‘SIG716 के आरंभिक फील्डिंग के बाद से, हमें प्लेटफ़ॉर्म के प्रदर्शन और विश्वसनीयता पर अभूतपूर्व अंतिम-उपयोगकर्ता प्रतिक्रिया मिली है। इस दौरान, हमने भारतीय रक्षा मंत्रालय के साथ अपनी साझेदारी को मजबूत और अधिक ठोस बनाया है और अपने फ्रंटलाइन पैदल सैनिकों को लैस करके उनका निरंतर विश्वास अर्जित करने के लिए सम्मानित महसूस करते हैं।’

इसकी खासियत

Sig-716 अमेरिका और स्विट्जरलैंड में बनती है। यह ऑटोमैटिक असॉल्ट राइफल है। इसकी रेंज लंबी है। सटीकता 100 फीसदी है। इसकी मदद से स्नाइपर हमला भी किया जा सकता है। राइफल की कुल लंबाई 34.39 इंच है। इसकी बैरल यानी नली की लंबाई 15.98 इंच है। इसका कुल वजन 3.58 किलोग्राम होता है। इसमें 16-इंच बैरल, M-LOIC हैंडगार्ड और 6-स्थिति वाला टेलिस्कोपिंग स्टॉक है। इस गन में 7.62x51mm की गोलियां लगती हैं। ये ज्यादा ताकतवर गोलियां होती हैं।

यह गैस ऑपरेटेड रोटेटिंग बोल्ट सिस्टम वाली राइफल है। इसमें 7.62x51mm NATO ग्रेड की गोलियां लगती हैं। इसकी एक मैगजीन में 20 गोलियां आती हैं। इसके ऊपर एडजस्टेबल फ्रंट और रीयर ऑप्टिक्स लगा सकते हैं। ताकि दूर बैठे दुश्मन को भी मार गिरा सकें। इसकी रेंज 600 मीटर यानी करीब 1970 फीट होती है। SIG SAUER भारतीय सेना और अमेरिका में अपने सभी ग्राहकों के लिए SIG716 राइफलों को डिजाइन और बनाता है।

 

पिरामल फाइनेंस और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में साझेदारी, जानें सबकुछ

पिरामल एंटरप्राइजेज लिमिटेड की सहायक कंपनी पिरामल फाइनेंस ने कम सेवा वाले बाजारों को सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से सह-उधार परिचालन का विस्तार करने के लिए सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के साथ साझेदारी की है। यह सहयोग सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के व्यापक शाखा नेटवर्क को पिरामल फाइनेंस के ऋण देने के तकनीकी दृष्टिकोण के साथ जोड़ता है, जो डिजिटल दक्षता और व्यक्तिगत सेवा पर केंद्रित है।

रणनीतिक लक्ष्य और नेटवर्क विस्तार

यह साझेदारी प्रतिस्पर्धी ब्याज दरों और अनुरूपित ऋण समाधान प्रदान करने के लिए 26 राज्यों के 600 जिलों में 500 से अधिक शाखाओं के पिरामल फाइनेंस के नेटवर्क का लाभ उठाती है। इसका उद्देश्य मध्यम और निम्न आय वाले उधारकर्ताओं को ऋण प्रदान करना है, विशेष रूप से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में, जो अक्सर ऋण के लिए नए होते हैं या पारंपरिक संस्थानों द्वारा कम सेवा प्राप्त करते हैं। यह पहल उन क्षेत्रों में औपचारिक ऋण तक पहुँच बढ़ाने के लिए डिज़ाइन की गई है, जो आम तौर पर सीमित आय दस्तावेज़ों के कारण बाधाओं का सामना करते हैं।

एमएसएमई और होम लोन उधारकर्ताओं के लिए ऋण अंतराल को संबोधित करना

यह सहयोग असंगठित क्षेत्र में व्यक्तियों की ऋण आवश्यकताओं को भी लक्षित करता है, जिसमें स्व-नियोजित और वेतनभोगी कर्मचारी शामिल हैं। अपनी विशेषज्ञता को मिलाकर, पिरामल फाइनेंस और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का लक्ष्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम आकार के उद्यमों (एमएसएमई) के साथ-साथ होम लोन उधारकर्ताओं के लिए ऋण अंतराल को पाटना है, इस प्रकार व्यापक वित्तीय समावेशन का समर्थन करना है।

वित्तीय समावेशन में डिजिटल भुगतान की भूमिका

नियामक पहलों, यूपीआई अपनाने और ई-वॉलेट प्लेटफ़ॉर्म के कारण भारत के डिजिटल भुगतान परिदृश्य में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। इस विस्तार ने, कैशलेस समाज की दिशा में प्रयासों के साथ मिलकर, वंचित समुदायों को अर्थव्यवस्था में एकीकृत किया है और महिलाओं और एसएमई के लिए नए अवसर प्रदान किए हैं। डिजिटल भुगतान पर बढ़ता ध्यान वित्तीय समावेशन का समर्थन करता है और अधिक लोगों को औपचारिक वित्तीय प्रणाली में लाने में मदद करता है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उदयपुर में जीएसटी भवन का उद्घाटन किया

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उदयपुर में हिरण मगरी क्षेत्र में स्थित नए जीएसटी भवन का उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह में वैदिक मंत्रोच्चार और परिसर को आधिकारिक रूप से खोलने के लिए पट्टिका का अनावरण शामिल था। 2020 में शुरू हुए इस निर्माण कार्य में कोविड-19 महामारी के कारण देरी हुई, लेकिन अब यह पूरा हो गया है।

सुविधाएँ और महत्व

जीएसटी भवन में एक कॉन्फ्रेंस हॉल, मीटिंग हॉल, डेटा एनालिटिक्स सेल, लाइब्रेरी, पूछताछ सेल और एक गेस्ट हाउस है। सीतारमण ने 13 जिलों की सेवा में कार्यालय की भूमिका और प्रभावी सूचना साझाकरण के माध्यम से जीएसटी से संबंधित शिकायतों को कम करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कोविड के बाद छोटे व्यवसायों की वृद्धि और जिंक, सीसा, सीमेंट, टायर और कैल्शियम फॉस्फेट जैसे क्षेत्रों से जीएसटी राजस्व में महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डाला।

उद्घाटन समारोह और उपस्थित लोग

इस समारोह में उदयपुर के सांसद मन्नालाल रावत, राज्यसभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया, उदयपुर ग्रामीण के विधायक फूल सिंह मीना और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए। सीतारमण ने उदयपुर की वस्तुओं के आर्थिक महत्व को स्वीकार किया और चुनौतियों के बावजूद परियोजना के पूरा होने की सराहना की। उन्होंने जीएसटी से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए व्यापार और कर अधिकारियों के बीच नियमित बातचीत का भी आग्रह किया और क्षेत्रवार आउटरीच कार्यक्रम प्रस्तावित किए।

ICETAB 2.0 लॉन्च

कार्यक्रम के दौरान, सीतारमण ने ICETAB 2.0 लॉन्च किया, जो एक हैंडहेल्ड डिवाइस है जिसे वास्तविक समय रिपोर्ट अपलोड और तेजी से कार्गो निकासी को सक्षम करके सीमा शुल्क संचालन को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

भवन की विशेषताएँ

सी.बी.आई.सी. के अध्यक्ष श्री संजय अग्रवाल ने बताया कि सी.जी.एस.टी. उदयपुर भवन आधुनिक, ऊर्जा-कुशल है तथा हरित भवन मानदंडों का अनुपालन करता है। प्रमुख परिवहन केंद्रों के निकट स्थित यह परिसर जी.एस.टी. करदाताओं के लिए आसान पहुँच प्रदान करता है।

केंद्र सरकार ने प्रभावी लोक शिकायत निवारण के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए

केंद्र सरकार ने जन शिकायतों के निपटान में सुधार लाने, नागरिक सशक्तीकरण पर ध्यान केंद्रित करने और निवारण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से 2024 के लिए नए दिशा-निर्देश पेश किए हैं। ये दिशा-निर्देश शिकायतों के समाधान में स्पष्टता और दक्षता बढ़ाने तथा 10-चरणीय सुधार प्रक्रिया के माध्यम से तकनीकी प्रगति को शामिल करने के लिए तैयार किए गए हैं।

एकीकृत शिकायत दर्ज करने का प्लेटफॉर्म

नए दिशा-निर्देशों में केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (CPGRAMS) पर एक एकीकृत, उपयोगकर्ता-अनुकूल प्लेटफ़ॉर्म की सुविधा दी गई है। यह प्लेटफ़ॉर्म नागरिकों के लिए शिकायत दर्ज करने के लिए एकल-खिड़की प्रणाली के रूप में काम करेगा, जिसका उद्देश्य प्रक्रिया को सरल बनाना और पहुँच में सुधार करना है।

निवारण के लिए समयसीमा घटाई गई

शिकायत निवारण के लिए समयसीमा को पहले के 30 दिनों से घटाकर 21 दिन कर दिया गया है। अधिक समय की आवश्यकता वाले मामलों के लिए, नागरिकों को अंतरिम उत्तर प्राप्त होंगे। हल की गई शिकायतों पर प्रतिक्रिया एसएमएस और ईमेल के माध्यम से दी जाएगी, साथ ही अनसुलझे मुद्दों के लिए अपील प्रक्रिया उपलब्ध होगी।

नोडल अधिकारी और समर्पित शिकायत प्रकोष्ठ

सभी मंत्रालयों और विभागों में शिकायतों का तुरंत और निष्पक्ष तरीके से निपटारा करने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। अधिक शिकायतों वाले मंत्रालयों या विभागों में प्रभावी प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए समर्पित नोडल अधिकारी होंगे। प्रत्येक मंत्रालय या विभाग पर्याप्त संसाधनों से लैस एक समर्पित शिकायत प्रकोष्ठ भी स्थापित करेगा।

नोडल अधिकारियों की भूमिका

नोडल अधिकारी प्रभावी वर्गीकरण, लंबित मामलों की निगरानी, ​​सुधार के लिए फीडबैक की जांच, मूल कारण विश्लेषण करने और अपने संबंधित मंत्रालयों या विभागों के भीतर शिकायत निवारण अधिकारियों की देखरेख के लिए जिम्मेदार होते हैं।

 

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