केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री ने ई-लॉन्च किए NBT की कोरोना स्टडीज़ श्रृंखला के 7 नए टाईटल

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केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने एनबीटी इंडिया द्वारा प्रकाशित की गई कोरोना स्टडीज़ सीरिज के अंतर्गत प्रिंट और ई-संस्करण शीर्षक ई-लॉन्च किए हैं। ये 7 शीर्षक “Psycho-Social impact of pandemic & lockdown and how to Cope With” पर आधारित हैं।
नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया ने कोरोना स्टडीज़, कोरोना रीडरशिप की जरूरत को देखते हुए सभी आयु-समूहों के लिए प्रासंगिक पाठन सामग्री प्रदान करने के लिए श्रृंखला की अवधारणा की है। पुस्तकों की पहली श्रंखला ‘Psycho-Social Impact of Pandemic और How to Cope With’ पर केंद्रित है, जिसे एक अध्ययन समूह द्वारा बनाया गया है जिसमें एनबीटी द्वारा गठित सात मनोवैज्ञानिक और परामर्शदाता शामिल हैं।
पहली उप-श्रृंखला के सात शीर्षक इस प्रकार हैं:
  • Vulnerable in Autumn: Understanding the Elderly
  • The Future of Social Distancing: New Cardinals for Children, Adolescents and Youth
  • The Ordeal of Being Corona Warriors: An Approach to Medical and Essential Service Providers
  • New Frontiers At Home: An Approach to Women, Mothers and Parents
  • Caught in Corona Conflict: An Approach to the Working Population
  • Making Sense of It All: Understanding the Concerns of Persons With Disabilities
  • Alienation And Resilience: Understanding Corona Affected Families
उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए
महत्वपूर्ण तथ्य-
  • नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया के अध्यक्ष: गोविंद प्रसाद शर्मा.

बांग्लादेश के प्रख्यात साहित्यकार और प्रोफेसर अनीसुज्जमान का निधन

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बांग्लादेश के प्रख्यात साहित्यकार, शिक्षाविद् और प्रोफेसर अनीसुज्जमान का निधन। वह वर्ष 2012 से बंगला अकादमी के अध्यक्ष थे। वह एक स्वंत्रता सेनानी थे और उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ भाषा आंदोलन में भी भाग लिया था।
प्रोफेसर अनीसुज्जमां ने अपने शानदार करियर में शिक्षाविद्, अकादमिक, लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में विभिन्न पुरस्कार प्राप्त किए। उन्हें 1985 में एकुशी पदक से सम्मानित किया गया था और 2014 में भारत सरकार द्वारा उन्हें पद्म भूषण पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।

साहित्य अकादमी से सम्मानित बंगाली लेखक देवेश रॉय का निधन

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लेखक के रूप में पांच दशक लिखने वाले दिग्गज बंगाली लेखक देवेश रॉय का निधन। उन्हें उनके उपन्यास ‘Teesta Parer Brittanto’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

देवेश रॉय की पहली पुस्तक जाजति (Jajati) थी, और कई बंगाली दैनिकों में उनका नियमित योगदान भी रहता था। उन्होंने विभिन्न प्रसिद्ध पुस्तकों जैसे कि Borisaler Jogen Mondal, Manush Khun Kore Keno, और Samay Asamayer Brittanto आदि का लेखन भी किया था।

“आत्मनिर्भर भारत अभियान” के तीसरे चरण में किए जाने वाले अहम उपाय

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने COVID-19 महामारी के बीच प्रधानमंत्री द्वारा घोषित “आत्मनिर्भर भारत अभियान” के तहत आर्थिक राहत पैकेज की कड़ी में कुछ और राहत उपायों को जोड़ते हुए तीसरे चरण के कदमों की विस्तार से जानकारी साझा की है। भारत को आत्मनिर्भर बनाने के मुख्य उद्देश्य से की गई यह दूसरी घोषणा 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ही हिस्सा है।
“आत्मनिर्भर भारत अभियान” के तहत जारी आर्थिक राहत पैकेज के तीसरे चरण को कृषि और कृषि से संबंधित गतिविधियों जैसे कि मत्स्य पालन, डेयरी और पशुपालन क्षेत्र को समर्पित किया गया है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कृषि, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण सेक्‍टरों के लिए कृषि अवसंरचना लॉजिस्टिक्स को मजबूत करने, क्षमता निर्माण, गवर्नेंस और प्रशासनिक सुधारों के लिए अहम उपायों के तीसरे भाग की घोषणा की।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने अपने संबोधन के दौरान, कहा कि इस तीसरे चरण के तहत 11 उपाय किए जाएंगे जिनमे 8 उपाय कृषि अवसंरचना या बुनियादी ढांचागत सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए हैं और 3 उपाय प्रशासनिक एवं गवर्नेंस सुधारों के लिए हैं जिनमें कृषि उपज की बिक्री और स्टॉक सीमा पर प्रतिबंध हटाना भी शामिल हैं।
“आत्मनिर्भर भारत अभियान” के लिए आर्थिक राहत पैकेज के तीसरे चरण के तहत किए जाने वाले 9 उपायों से जुड़ी मुख्य विशेषताएं:-

1. किसानों के लिए कृषि द्वार (फार्म-गेट) आधारभूत ढांचे पर केन्द्रित 1 लाख करोड़ रुपये का एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर फंड
  • भारत सरकार फार्म-गेट से संबंधित क्षेत्र में पर्याप्त कोल्ड चेन और पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के कारण, प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों, किसान उत्पादक संगठनों, कृषि उद्यमियों, स्टार्ट-अप आदि जैसे मौजूद कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को वित्तपोषण के लिए 1,00,000 करोड़ रुपये की वित्तपोषण सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.
  • इससे फार्म-गेट एंड एग्रीगेशन पॉइंट्स को किफायती और वित्तीय रूप से व्यवहार्य पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए प्रोत्साहन मिलेगा.
  • 1 लाख करोड़ रुपये के इस फंड की स्थापना तत्काल की जाएगी.

2. सूक्ष्म खाद्य उपक्रमों के लिए 10,000 करोड़ रुपये की योजना


क्योंकि अन-ऑर्गनाइज्ड माइक्रो फूड एंटरप्राइजेज (MFE) इकाइयों को FSSAI खाद्य मानकों को हासिल करने, ब्रांड खड़ा करने और विपणन के लिए तकनीक उन्नयन की जरूरत होती है।

  • भारत सरकार इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सूक्ष्म खाद्य उपक्रमों (MFE) के औपचारिकरण के लिए 10,000 करोड़ रुपये की योजना शुरू करेगी जिससे 2 लाख MFE को लाभ मिलने की उम्मीद है.
  • यह योजना क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण पर आधारित होगी और मौजूदा सूक्ष्म खाद्य उद्यमों, किसान उत्पादक संगठनों, स्वयं सहायता समूहों के साथ-साथ सहकारी समितियों को भी समर्थन दिया जाएगा 
  • यह योजना बेहतर स्वास्थ्य भावना के मद्देनजर अनछुए निर्यात बाजारों तक पहुंचने में मदद करने के साथ-साथ यह बेहतर स्वास्थ्य और सुरक्षा मानकों से खुदरा बाजारों के साथ-साथ आय बढ़ाने में भी सहायक होगी.
3. मछुआरों के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMY)

 भारत सरकार ने प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के माध्यम से मछुआरों के लिए 20,000 करोड़ रुपये की सहायता की घोषणा की है, जो समुद्री और अंतर्देशीय (इनलैंड) मछली पालन के एकीकृत, सतत और समावेशी विकास के लिए शुरू की जाएगी।
  • इस 20,000 करोड़ रुपये के फंड में से, 11,000 करोड़ रुपये की राशि का उपयोग समुद्री, अंतर्देशीय मत्स्य और जलीय कृषि गतिविधियों के लिए किया जाएगा.
  • शेष बची 9,000 करोड़ रुपये की  राशि का उपयोग इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे फिशिंग हार्बर्स, कोल्ड चेन, बाजार आदि के लिए किया जाएगा.
  • इसके तहत केज कल्चर, समुद्री शैवाल की खेती, सजावटी मछलियों के साथ नए मछली पकड़ने के जहाज, ट्रेसेलिबिलिटी (पता लगाने), प्रयोगशाला नेटवर्क आदि को बढ़ावा दिया जाएगा.
  • मछुआरों को बैन पीरियड (जिस अवधि में मछली पकड़ने की अनुमति नहीं होती है) सपोर्ट, व्यक्तिगत और नौका बीमा के प्रावधान किए जाएंगे.
  • इससे 5 साल में 70 लाख टन अतिरिक्त मछली उत्पादन होगा, 55 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा और निर्यात दोगुना होकर 1,00,000 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच जाएगा.
4. राष्‍ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (National Animal Disease Control Programme)
  • खुरपका मुंहपका रोग (Foot and Mouth Disease-FMD) और ब्रुसेलोसिस के लिए राष्‍ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम 13,343 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ शुरू किया गया.
  • यह कार्यक्रम खुरपका मुंह पका रोग और ब्रुसेलोसिस के लिए मवेशी, भैंस, भेड़, बकरी और सुअर की आबादी (कुल 53 करोड़ पशुओं) का 100 प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करने के उद्देश्‍य से शुरु किया गया.
  • अब तक, 1.5 करोड़ गायों और भैंसों को टैग किया गया है और उन्‍हें टीके लगाए जा चुके हैं.
5. पशुपालन क्षमता निर्माण के लिए

भारत सरकार द्वारा डेयरी प्रसंस्करण, मूल्य वर्धन और पशु चारा बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 15,000 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई गई है।
  • भारत सरकार ने 15,000 करोड़ रुपये के पशुपालन अवसंरचना विकास कोष की स्थापना का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य डेयरी प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और पशु चारा बुनियादी ढांचे में निजी निवेश का समर्थन करना है.
  • इसके अलावा सरकार द्वारा पनीर, प्रसंस्कृत दूध, दूध पाउडर, क्रीम जैसे उत्पादों के निर्यात के लिए संयंत्र स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन भी किया जाएगा.

6. औषधीय अथवा हर्बल खेती को प्रोत्‍साहन


  •  भारत सरकार ने अगले दो वर्षों में हर्बल खेती के तहत 10,00,000 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करने के लिए 4000 करोड़ रुपये आवंटित करने का निर्णय लिया है।
  • राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (National Medicinal Plant Board) ने 2.25 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में औषधीय पौधों की खेती को सहायता प्रदान की है।
  • इससे किसानों के लिए लगभग 5000 करोड़ रुपये की आय होगी.
  • एनएमपीबी गंगा के किनारे 800 हैक्‍टेयर क्षेत्र में गलियारा विकसित कर औषधीय पौधे लगाएगा.
  • औषधीय पौधों के लिए क्षेत्रीय मंडियों का नेटवर्क स्थापित किया जाएगा।
7. मधुमक्खी पालन संबंधी पहल
  • भारत सरकार ने 2 लाख मधुमक्खी पालकों की आय बढ़ाने के लिए 500 करोड़ रुपये की योजना की घोषणा की है और जिससे उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण शहद उपलब्ध कराने में भी मदद मिलेगी.
  • इसे परागण के माध्यम से फसलों की उपज और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए शुरू किया गया है, जो शहद और मोम जैसे अन्य मधुमक्खी उत्पाद भी प्रदान करेगा.
  • सरकार एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्रों, संग्रह, विपणन और भंडारण केंद्रों, पोस्ट हार्वेस्ट और मूल्य वर्धन सुविधाओं आदि से संबंधित बुनियादी ढांचे का विकास के लिए एक योजना लागू करेगी.
  • इससे मानकों का कार्यान्वयन और ट्रेसबिलिटी सिस्टम का विकास; और क्‍वालिटी नूक्लीअस स्‍टॉक और मधुमक्खी पालकों का विकास भी किया जाएगा.
  • इससे महिलाओं पर विशेष ध्यान देने के साथ क्षमता निर्माण भी होगा।

    8. (टमाटर, प्याज और आलू) ‘टॉप’ से ‘टोटल’ (सम्‍पूर्ण) तक

    • भारत सरकार ने “ऑपरेशन ग्रीन्स” को टमाटर, प्याज और आलू (TOP) से लेकर सभी फलों और सब्जियों (TOTAL) तक विस्तारित करने का निर्णय लिया है। इस योजना के लिए 500 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है।
    • यह योजना अगले 6 महीनों के लिए पायलट परियोजना के आधार पर चलाई जाएगी और जिसे आवश्यकता अनुसार बढ़ाया जाएगा.
    • यह योजना कोल्ड स्टोरेज सहित सरप्लस से घाटे वाले बाजारों में परिवहन पर 50% सब्सिडी, भंडारण पर 50% सब्सिडी प्रदान करेगी
    • इससे किसानों को बेहतर कीमत की प्राप्ति होगी, बर्बादी में कमी आएगी, उपभोक्ताओं को किफायती उत्‍पाद मिलेंगे.
    इसके अलावा अपने संबोधन के दौरान, केंद्रीय वित्त मंत्री ने कृषि क्षेत्र के लिए शासन और प्रशासनिक सुधार के लिए भी निम्नलिखित घोषणाए की

    9. आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन

    • आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में लागू किया गया था। भारत सरकार ने किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन करने का निर्णय लिया है। यह निवेश को आकर्षित करने और कृषि क्षेत्र को प्रतिस्पर्धी बनाने के द्वारा किया जाएगा।
    • अनाज, खाद्य तेल, तिलहन, दलहन, प्याज और आलू सहित कृषि खाद्य पदार्थों को नियंत्रण से मुक्त किया जाएगा.
    • असाधारण परिस्थितियों में ही स्टॉक की सीमा पर प्रतिबंध लगाई जाएगी जैसे राष्ट्रीय आपदा, कीमतों में वृद्धि के साथ अकाल जैसी स्थिति के लिए। इसके अलावा, ऐसी कोई स्टॉक सीमा संसाधक या मूल्य श्रृंखला के भागीदारों पर लागू नहीं होगी.

    10. कृषि विपणन सुधार

    • भारत सरकार ने किसानों को लाभकारी मूल्य पर अपनी उपज को बेचने के लिए पर्याप्त विकल्प प्रदान करने के लिए तथा निर्बाध अंतरराज्यीय व्यापार, और कृषि उत्पादों की ई-ट्रेडिंग के लिए एक रूपरेखा के लिए केंद्रीय कानून बनाने का फैसला किया है.

    11. कृषि उपज मूल्य निर्धारण और गुणवत्ता का आश्वासन

    • सरकार किसानों को उचित और पारदर्शी तरीके से संसाधकों, समूहकों, बड़े खुदरा विक्रेताओं, निर्यातकों आदि के साथ जुड़ने में सक्षम बनाने के लिए, एक सुविधाजनक कानूनी संरचना तैयार का निर्णय लिया है।
    • इस कानूनी संरचना में किसानों के लिए जोखिम में कमी, सुनिश्चित रिटर्न और गुणवत्ता मानकीकरण शामिल होंगे.

    गुजरात में “आत्मनिर्भर गुजरात सहाय योजना” का हुआ शुभारंभ

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    गुजरात सरकार द्वारा “आत्मनिर्भर गुजरात सहाय योजना” का शुभारंभ किया गया। इस योजना का उद्देश्य ब्याज सब्सिडी, ऋण स्थगन सहित 1 लाख रुपये तक का गारंटी रहित ऋण प्रदान करना है। यह सभी सुविधाएं राज्य के एक लाख से अधिक छोटे व्यापारियों, सड़क विक्रेताओं और छोटे पेशेवरों के लिए शुरू की गई हैं। गुजरात सरकार ने 3 साल की अवधि के लिए ऋण लगभग 5000 करोड़ रुपये का ऋण देने का लक्ष्य है।
    “आत्मनिर्भर गुजरात सहाय योजना” के तहत 8% ऋण पर मिलने वाला 2% वार्षिक ब्याज पर उपलब्ध कराया जाएगा, जबकि शेष 6% ब्याज राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। इसके अलावा 6 महीने की ऋण स्थगन अवधि भी लाभार्थी को प्रदान की जाएगी जिसमें उसे इस दौरान मूल राशि के ब्याज का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी, अर्थात मूलधन और ब्याज का पुन: भुगतान ऋण मंजूरी के छह महीने बाद शुरू होगा। “आत्मनिर्भर गुजरात सहाय योजना” के तहत ऋण सहकारी बैंकों, जिला बैंकों और क्रेडिट सहकारी समितियों में लिखित आवेदन के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा।
    उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए
    महत्वपूर्ण तथ्य-
    • गुजरात के मुख्यमंत्री: विजयभाई आर। रूपानी; राज्यपाल: आचार्य देव व्रत.

    आदिवासी युवाओं को कुशल बनाने के लिए ‘गोल’ कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ

    about | - Part 2607_13.1
    केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा द्वारा डिजिटल प्रणाली के माध्यम से आदिवासी युवाओं को मेंटरशिप प्रदान करने के लिए “GOAL (Going Online As Leaders)” कार्यक्रम शुरू किया गया है। “गोल (गोइंग ऑनलाइन ऐज लीडर्स)” कार्यक्रम जनजातीय कार्य मंत्रालय के साथ शुरू की गई फेसबुक इंडिया की संयुक्त पहल है।
    गोल कार्यक्रम का उद्देश्य डिजिटल मोड के माध्यम से आदिवासी युवाओं को सलाह प्रदान करना है और आदिवासी युवाओं की छिपी प्रतिभाओं की खोज करने के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करना है। इससे आदिवासी युवाओं का व्यक्तिगत विकास होगा और उनके समाज के विकास उत्थान में भी योगदान देगा।
    कार्यक्रम के वर्तमान चरण में 5,000 आदिवासी युवाओं को सशक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि डिजिटल प्लेटफार्मों की पूरी क्षमता के साथ-साथ व्यापार करने के नए तरीकों को समझने, तलाशने और घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों से जुड़ने के लिए साधन मिल सकें। कार्यक्रम में 2 मेंटीज के लिए 1 मेंटर होगा, जिसका उद्देश्य दूरस्थ क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति (एसटी) युवाओं को अपने प्रतिपालकों के साथ अपनी आकांक्षाओं, सपनों और प्रतिभाओं को साझा करने के लिए डिजिटल प्लेटफार्मों का उपयोग करने में सक्षम बनाना है
    उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए
    महत्वपूर्ण तथ्य-
    • फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी: मार्क जुकरबर्ग.
    • फेसबुक मुख्यालय: कैलिफोर्निया, अमेरिका.

    अमेरिकी सशस्त्र सेना दिवस 2020: 16 मई

    about | - Part 2607_15.1
    हर साल मई महीने के तीसरे शनिवार को US Armed Forces Day यानि अमेरिकी सशस्त्र सेना दिवस मनाया जाता है। इस साल यह 16 मई को मनाया जाएगा। यह दिन अमेरिकी सशस्त्र बल में सेवा करने वाले पुरुषों और महिलाओं के सम्मान में मनाया जाता है।
    यह दिन सशस्त्र बलों द्वारा निभाई जाने वाली बहुमूल्य भूमिका के बारे में नागरिकों को शिक्षित करने अहम भूमिका निभाता है। सशस्त्र सेना दिवस अमेरिकी सेना की सभी छह शाखाओं का एक संयुक्त उत्सव है: सेना, वायु सेना, अमेरिका की मरीन कॉर्प्स (यूनाइटेड स्टेट्स मरीन), कोस्ट गार्ड, यूएस नेवी, और हाल ही गठित की गई स्पेस फोर्स.

    सशस्त्र सेना दिवस का इतिहास:

    अमेरिकी राष्ट्रपति हैरी एस. ट्रूमैन द्वारा सशस्त्र सेना दिवस को शुरू करने का प्रयास किया गया था। 31 अगस्त 1949 को, रक्षा सचिव लुई जॉनसन ने अलग-अलग सेना, नौसेना, मरीन कॉर्प्स, अमेरिकी तटरक्षक बल और वायु सेना के दिनों का आपस में तालमेल बनाने के रूप सशस्त्र सेना दिवस बनाने की घोषणा की। पहला सशस्त्र सेना दिवस 20 मई 1950 को मनाया गया था। सशस्त्र सेना दिवस की परेड वाशिंगटन के ब्रेमरटन में आयोजित की गई थी। जॉन एफ. कैनेडी ने साल 1961 में सशस्त्र सेना दिवस को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया।


    उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए
    महत्वपूर्ण तथ्य-
    • अमेरिका सए की राजधानी: वाशिंगटन, डी.सी.
    • अमेरिका के राष्ट्रपति: डोनाल्ड ट्रम्प।
    • अमेरिका की मुद्रा: संयुक्त राज्य अमेरिकी डॉलर.

    स्लोवेनिया यूरोप में कोरोनोवायरस-फ्री होने वाला बना पहला देश

    about | - Part 2607_17.1
    स्लोवेनिया COVID-19 महामारी को अधिकारिक रूप से रोकने वाला यूरोप का पहला राष्ट्र बन गया। अब स्लोवेनिया ने अन्य यूरोपीय देशों से प्रवेश करने वाले लोगों पर सख्त प्रतिबंध लगा दिए गए है।
    इटली, ऑस्ट्रिया, हंगरी और क्रोएशिया से जुड़े 2 मिलियन से अधिक लोगों के देशों में महामारी घोषित किए जाने के बाद से COVID-19 के 1,464 मामले सामने आए है और 103 की मौत हो चुकी है। इसके अलावा सरकार ने कई प्रतिबंधों में छुट देना शुरू किया है, जो बीमारी के प्रसार को कम करने के लिए लगाए गए थे। सभी दुकानों और ड्राइविंग स्कूलों को भी अपनी सेवाएं फिर से शुरू करने के लिए हरी झंडी दे दी गई है।

    उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए
    महत्वपूर्ण तथ्य-

    • स्लोवेनिया की राजधानी: Ljubljana.
    • स्लोवेनिया की मुद्रा: यूरो.
    • स्लोवेनिया के प्रधानमंत्री: जनेजा जनाजा.

    राजनाथ सिंह ने आईसीजीएस ‘सचेत’ और दो इंटरसेप्टर नौकाओं का किया जलावतरण

    about | - Part 2607_19.1
    रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से गोवा में भारतीय तटरक्षक बल के पोत (आईसीजीएससचेत’ और दो इंटरसेप्टर नौकाओं (IBsC-450 और C-451 का जलावतरण किया है। यह  भारतीय तटरक्षक बल के इतिहास में पहला मौका है जब है किसी तट रक्षक जहाज को डिजिटल माध्यम से कमीशन किया गया है, जो कि COVID-19 महामारी के तहत सोशल डिस्टेंसिंग के सख्त प्रोटोकॉल को बनाए रखने के लिए बहुत जरुरी है।

    भारतीय तटरक्षक पोत (ICGS) सचेत के बारे में:

    आईसीजीएस सचेत, पांच अपतटीय गश्ती जहाजों (ओपीवी) की श्रृंखला में पहला है जिदे गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया है और इसे अत्याधुनिक नेविगेशन और संचार उपकरणों से सुसज्जित किया गया है। 105-मीटर लॉन्गशिप ’सेन्स’ लगभग 2,350 टन विस्थापित करता है और 6,000 नॉटिकल मील के धीरज के साथ 26 समुद्री मील की अधिकतम गति प्राप्त करने के लिए डिज़ाइन किए गए दो 9,100 KW डीजल इंजनों द्वारा प्रेरित है।



    इंटरसेप्टर नौकाओं (IBs) C-450 और C-451 के बारे में:

    IBs C-450 और C-451 लार्सन एंड टुब्रो शिपयार्ड हजीरा द्वारा देश में ही डिजाइन और निर्मित की गई हैं और ये नवीनतम नौसंचालन और संचार उपकरणों से लैस हैं। 30 मीटर लंबी दो नौकाएँ 45 समुद्री मील (नॉट) से भी अधिक गति प्राप्त करने में सक्षम हैं और उन्हें उच्च गति से अवरोधन, तट के करीब गश्ती और कम तीव्रता के समुद्री अभियानों के लिए तैयार किया गया है। 

    उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए
    महत्वपूर्ण तथ्य-

    • नौसेना स्टाफ (सीएनसी) के प्रमुख: एडमिरल करमबीर सिंह.

    केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने “COBAS 6800” टेस्टिंग मशीन राष्ट्र को की समर्पित

    about | - Part 2607_21.1
    केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने “COBAS 6800” नामक COVID-19 टेस्टिंग मशीन राष्ट्र को समर्पित की। COBAS 6800 देश की ऐसी पहली टेस्टिंग मशीन है जिसे सरकार द्वारा COVID-19 मामलों की टेस्टिंग करने के लिए खरीदा गया है तथा जिसे दिल्ली में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र में स्थापित किया गया है।



    “COBAS 6800” टेस्टिंग मशीन के बारे में:

    COBAS 6800 टेस्टिंग मशीन RTB-PCR टेस्ट करने के लिए पूरी तरह से स्वचालित, हाई-एंड मशीन है। यह मशीन उच्च मात्रा, और अच्छी गुणवत्ता टेसिंग प्रदान करेगी, जो 24 घंटों में लगभग 1200 नमूनों का परीक्षण करने में सक्षम है।

    इस मशीन में देश की टेस्टिंग क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी। COBAS 6800 रोबोटिक्स लैस सक्षम एक परिष्कृत मशीन है। यह मशीन स्वास्थ्य संबंधी पेशेवरों द्वारा सक्रमण के जोखिम को कम करने में मदद करेगी क्योंकि इसे बहुत कम मानवीय हस्तक्षेप के साथ दूर से भी संचालित किया जाता है।
    इस मशीन को NCDC में स्थापित किया गया है क्योंकि इसमें परीक्षण के लिए न्यूनतम BSL2 + नियंत्रण स्तर की आवश्यकता होती है, और इसे हर सुविधा पर नहीं रखा जा सकता है। यह वायरल Viral Hepatitis B and C, HIV, Mtb, Papilloma, CMV, Chlamadiya, Neiserreia, आदि जैसे अन्य रोगजनकों का भी पता लगा में सक्षम है।

    उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-

      • राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र की स्थापना: 1909.
      • राष्ट्रीय रोग नियंत्रण मुख्यालय का केंद्र: नई दिल्ली.
      • नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल डायरेक्टर: सुजीत कुमार.

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