यूटेलसैट में भारती स्पेस 3.14 करोड़ यूरो का निवेश करेगी

भारती एंटरप्राइजेज की स्पेस इकाई, Bharti Space Ltd ने फ्रांसीसी सैटेलाइट ऑपरेटर Eutelsat में ₹313 करोड़ (लगभग €31.4 मिलियन) का निवेश करने का निर्णय लिया है, जो Eutelsat की €1.35 बिलियन पूंजी जुटाने की योजना का हिस्सा है। इस फंड का उपयोग उपग्रह समूहों के विस्तार और कर्ज चुकाने के लिए किया जाएगा, जिससे Eutelsat को वैश्विक स्पेस-आधारित संचार के क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने में मदद मिलेगी। इस निवेश के साथ ही फ्रांस Eutelsat का सबसे बड़ा शेयरधारक बन गया है, जो यूरोप की स्वायत्त सैटेलाइट संरचना को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

क्यों है यह खबर में?

  • उपग्रह इंटरनेट क्षेत्र में भारत समेत वैश्विक प्रतिस्पर्धा में तेजी।

  • फ्रांस का सबसे बड़ा शेयरधारक बनना, और Bharti द्वारा आंशिक स्टेक डायल्यूशन के बावजूद कंपनी में समर्थन बनाए रखना।

  • Eutelsat का LEO (Low Earth Orbit) और GEO (Geostationary Orbit) उपग्रहों का विस्तार, जिससे यूरोपीय सैटेलाइट स्वायत्तता को बढ़ावा मिलेगा।

  • फ्रांसीसी रक्षा मंत्रालय का €1 बिलियन का करार, जो Eutelsat की LEO क्षमता को सुरक्षित रखता है।

  • Elon Musk की Starlink सेवा का भारत में प्रवेश और Bharti का बहु-तकनीकी उपग्रह रणनीति पर दांव।

उद्देश्य और लक्ष्य

  • वैश्विक कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए विशेष रूप से LEO सैटेलाइट विस्तार को समर्थन देना।

  • Eutelsat के कर्ज भार को कम करना और वित्तीय स्थिरता को सुदृढ़ करना।

  • यूरोप में सैन्य और नागरिक दोनों उद्देश्यों के लिए संप्रभु उपग्रह नेटवर्क का निर्माण।

  • उपग्रह इंटरनेट पारिस्थितिकी तंत्र में Bharti की मौजूदगी बनाए रखना।

फंडरेज विवरण

तत्व विवरण
कुल पूंजी जुटाना €1.35 बिलियन (लगभग ₹11,250 करोड़)
रिज़र्व कैपिटल इन्क्रीज €716 मिलियन (₹6,865 करोड़)
राइट्स इश्यू €634 मिलियन (₹6,330 करोड़)
Bharti का योगदान €31.4 मिलियन (₹313 करोड़)
अन्य निवेशक फ्रांसीसी सरकार, CMA CGM, FSP
शेयर मूल्य €4 प्रति शेयर (30-दिन के औसत मूल्य से 32% प्रीमियम पर)
निवेशक पहले बाद में
Bharti का हिस्सा 24% अनुमानित 18.7%
फ्रांसीसी सरकार का हिस्सा बढ़कर 29.99% (सबसे बड़ा शेयरधारक)
  • Eutelsat का लक्ष्य: 35 GEO और 600+ LEO उपग्रहों के साथ यूरोप का अग्रणी सैटेलाइट ऑपरेटर बनना।

  • €1 बिलियन का 10-वर्षीय अनुबंध: फ्रांस की Ministry of Armed Forces के साथ LEO क्षमता आरक्षित करने हेतु (Nexus Program)।

  • Bharti की दोहरी रणनीति:

    • Eutelsat-OneWeb के माध्यम से 21% हिस्सेदारी बनाए रखना।

    • Starlink (Elon Musk) के साथ भारत में उपग्रह इंटरनेट सेवा के लिए साझेदारी करना।

यह निवेश भारत की वैश्विक स्पेस रणनीति, डिजिटल कनेक्टिविटी, और बहुपक्षीय सहयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेतक है, जो आने वाले वर्षों में भारत की तकनीकी सशक्तता और डिजिटल पहुँच को व्यापक स्तर पर प्रभावित कर सकता है।

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने डिजिटल भुगतान पुरस्कार 2024-25 जीता

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB), जो डाक विभाग के अंतर्गत 100% भारत सरकार के स्वामित्व वाला एक भुगतान बैंक है, को वित्त वर्ष 2024–25 का प्रतिष्ठित “डिजिटल पेमेंट्स अवॉर्ड” प्रदान किया गया है। यह सम्मान वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (DFS) द्वारा दिया गया, जो देशभर में विशेष रूप से ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में डिजिटल वित्तीय सेवाओं के प्रसार और समावेशी बैंकिंग को बढ़ावा देने में IPPB के उत्कृष्ट प्रदर्शन को मान्यता देता है।

क्यों है यह खबर में?

वित्त मंत्रालय द्वारा हाल ही में आयोजित एक समारोह में फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण और राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने IPPB को डिजिटल पेमेंट्स अवॉर्ड 2024–25 से सम्मानित किया। यह अवॉर्ड IPPB को DFS प्रदर्शन सूचकांक (Performance Index) में सभी भुगतान बैंकों में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए मिला। साथ ही, FY 2023–24 में उल्लेखनीय योगदान के लिए इसे विशेष उल्लेख (Special Mention) भी मिला।

मुख्य उपलब्धियाँ

श्रेणी विवरण
प्राप्त पुरस्कार डिजिटल पेमेंट्स अवॉर्ड 2024–25
प्रस्तुतकर्ता वित्त मंत्रालय (DFS)
प्राप्तकर्ता श्री आर. विश्वेश्वरन (MD & CEO) और श्री गुरशरण राय बंसल (CGM & CSMO)
प्रदर्शन रैंकिंग DFS प्रदर्शन सूचकांक 2024–25 में प्रथम स्थान
पूर्व सम्मान FY 2023–24 में विशेष उल्लेख पुरस्कार (Special Mention Award)
  • वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना, विशेष रूप से बैंकिंग सुविधा से वंचित और पिछड़े क्षेत्रों में।

  • डाक नेटवर्क और डिजिटल तकनीक का उपयोग कर सुरक्षित, सुलभ और आधुनिक वित्तीय सेवाएं प्रदान करना।

  • भारत सरकार के कैश-लाइट, डिजिटल इकोनॉमी के लक्ष्य को समर्थन देना।

IPPB की विशिष्ट विशेषताएं

विशेषता विवरण
स्वामित्व 100% भारत सरकार (डाक विभाग के अधीन)
पहुंच 2 लाख से अधिक डाकिया व ग्रामीण डाक सेवकों को बैंकिंग एजेंट के रूप में सशक्त किया गया
प्रणाली पूरी तरह डिजिटल आधारभूत संरचना और डोरस्टेप बैंकिंग सुविधा
सेवा क्षेत्र भारत के सबसे सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों तक सेवाएं पहुंचाना
  • ग्रामीण और शहरी भारत के बीच डिजिटल खाई को पाटने में सहायक।

  • DBT योजनाओं (Direct Benefit Transfer) और JAM ट्रिनिटी (जन धन–आधार–मोबाइल) को सशक्त बनाना।

  • डिजिटल इंडिया मिशन और वित्तीय सशक्तिकरण के राष्ट्रीय लक्ष्यों को हासिल करने में प्रमुख भूमिका निभाना।

निष्कर्ष: IPPB का यह सम्मान भारत में डिजिटल और समावेशी बैंकिंग को आगे बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा संकेत है। यह मॉडल भविष्य में भारत के डिजिटल वित्तीय नवाचारों का मार्गदर्शक बन सकता है।

नीतीश कुमार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन में तीन गुना बढ़ोतरी की घोषणा की

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार, 22 जून 2025 को वृद्धजन, विधवाओं और दिव्यांग लाभार्थियों को दी जाने वाली सामाजिक सुरक्षा पेंशन राशि को ₹400 से बढ़ाकर ₹1,100 प्रति माह करने की घोषणा की। यह बढ़ोतरी अक्टूबर–नवंबर 2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों से पहले की गई है और इसे मतदाताओं का समर्थन सुनिश्चित करने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। यह 2005 में नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार इतनी बड़ी पेंशन वृद्धि है।

क्यों है यह खबर में?

यह निर्णय चुनाव से कुछ महीने पहले लिया गया है, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि एनडीए सरकार एक लोकलुभावन रणनीति अपना रही है ताकि विपक्षी दलों के वादों का मुकाबला किया जा सके और सत्ता विरोधी लहर को कम किया जा सके। यह घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा सोशल मीडिया पर की गई, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बिहार रैली के ठीक एक दिन बाद आई, जिससे यह कयास और भी मजबूत हो गए कि यह संयोजित चुनावी रणनीति का हिस्सा है। इससे 1 करोड़ से अधिक लोग लाभान्वित होंगे।

पेंशन वृद्धि के मुख्य बिंदु

बिंदु विवरण
पहले की राशि ₹400 प्रति माह
नई राशि ₹1,100 प्रति माह
लाभार्थी वर्ग वृद्धजन, विधवाएं, दिव्यांगजन
लाभार्थियों की कुल संख्या 1,09,69,255
प्रभावी तिथि जुलाई 2025 से
भुगतान तरीका डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) द्वारा हर महीने की 10 तारीख तक बैंक खातों में
  • पंचायती प्रतिनिधियों का भत्ता बढ़ाया गया

    • ज़िला परिषद अध्यक्ष: ₹30,000 (पहले ₹20,000)

    • उपाध्यक्ष: ₹20,000 (पहले ₹10,000)

    • मुखिया: ₹7,500 (पहले ₹5,000)

  • मुखियाओं की वित्तीय स्वीकृति सीमा

    • मनरेगा (MGNREGS) के तहत ग्रामीण योजनाओं को स्वीकृति देने की सीमा ₹5 लाख से बढ़ाकर ₹10 लाख की गई।

पृष्ठभूमि जानकारी

  • सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाएं बिहार में वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं और दिव्यांगों जैसे असहाय वर्गों को राहत देने के लिए चलाई जाती हैं।

  • DBT प्रणाली से पारदर्शिता और समय पर भुगतान सुनिश्चित होता है।

  • यह योजना केंद्र की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP) जैसी योजनाओं की पूरक है।

यह कदम न केवल चुनावी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह कल्याणकारी प्रशासन की दिशा में एक बड़ी पहल भी मानी जा रही है, जो राज्य के असुरक्षित वर्गों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगा।

अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस 2025: खेल और एकता की भावना का जश्न

हर वर्ष 23 जून को अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस मनाया जाता है, जो आधुनिक ओलंपिक खेलों की शुरुआत को सम्मानित करने के साथ-साथ यह याद दिलाता है कि खेल किस प्रकार सीमाओं के पार लोगों को जोड़ते हैं। यह दिन ओलंपिक मूल्यों — उत्कृष्टता, मैत्री और सम्मान — को बढ़ावा देने और सभी उम्र तथा पृष्ठभूमि के लोगों को सक्रिय और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करने का एक मंच है।

इतिहास

  • अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस की शुरुआत 1948 में हुई थी।

  • यह दिवस 23 जून 1894 को पेरिस में बारन पियरे डी कुबर्टिन द्वारा स्थापित अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) की स्थापना की स्मृति में मनाया जाता है।

  • कुबर्टिन को आधुनिक ओलंपिक आंदोलन का जनक माना जाता है, जिन्होंने शारीरिक फिटनेस और अंतरराष्ट्रीय शांति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्राचीन ओलंपिक खेलों को पुनर्जीवित करने की कल्पना की थी।

  • पहला ओलंपिक दिवस केवल 9 देशों में मनाया गया था, लेकिन आज यह विश्वव्यापी आयोजन बन चुका है जिसमें करोड़ों लोग भाग लेते हैं।

महत्त्व और उद्देश्य

  1. शारीरिक गतिविधि को बढ़ावा देना
    यह दिन सभी को सक्रिय होने के लिए प्रेरित करता है — चाहे वे किसी भी उम्र, लिंग, क्षमताओं या स्थान से हों।

  2. खेल भावना और समावेशन को प्रोत्साहित करना
    यह दिन खेल के माध्यम से एकता, सम्मान और सहभागिता को प्रोत्साहित करता है, जो सामाजिक और सांस्कृतिक विभाजनों को पाटने में मदद करता है।

  3. स्वस्थ विश्व के लिए प्रेरणा
    बढ़ती निष्क्रिय जीवनशैली और जीवनशैली रोगों के बीच, यह दिन स्वस्थ शरीर और मन के लिए नियमित व्यायाम की आवश्यकता को रेखांकित करता है।

अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस 2025 की थीम

थीम: “Let’s Move?” (आइए चलें)
इस थीम को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मिलकर लॉन्च किया है।

थीम का उद्देश्य

  • हर व्यक्ति को उसकी पृष्ठभूमि या फिटनेस स्तर की परवाह किए बिना गतिशील बनने और निष्क्रियता से लड़ने का आमंत्रण देना।

  • चलना, नाचना, परिवार संग खेलना, योग करना जैसी सरल और आनंददायक गतिविधियों के माध्यम से सभी के लिए व्यायाम को सुलभ और शामिल करने योग्य बनाना।

कैसे मनाया जाता है ओलंपिक दिवस?

  1. जनभागीदारी और सामुदायिक कार्यक्रम

    • ओलंपिक डे रन

    • साइक्लिंग रैली

    • सामूहिक योग सत्र

    • ज़ुम्बा, डांस वर्कशॉप

    • फिटनेस कार्यशालाएं

  2. शैक्षिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम

    • स्कूलों और कॉलेजों में ओलंपिक पर कार्यशालाएं

    • खेल आधारित प्रश्नोत्तरी, निबंध और चित्रकला प्रतियोगिताएं

    • ओलंपिक दिग्गजों पर वृत्तचित्र प्रदर्शन

  3. डिजिटल और सोशल मीडिया अभियान

    • लोग #OlympicDay और #LetsMove जैसे हैशटैग के साथ अपनी तस्वीरें और वीडियो साझा करते हैं

    • एथलीट्स और सेलिब्रिटी भी भाग लेकर प्रेरणा का स्रोत बनते हैं

  4. सरकारी और संस्थागत सहयोग

    • कई देशों की सरकारें मुफ्त खेल सुविधाएं उपलब्ध कराती हैं

    • कुछ शहर ओलंपिक रंगों में प्रमुख स्थलों को रोशन करते हैं

    • ओलंपिक परेड और प्रदर्शनी आयोजित होती हैं

संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस 2025

हर वर्ष 23 जून को दुनिया भर में संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोक सेवकों और सार्वजनिक क्षेत्र द्वारा किए गए योगदान को सम्मानित करना है। यह दिन वैश्विक विकास में लोक सेवा की भूमिका, नागरिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में उनकी भूमिका और युवा वर्ग को शासन में भागीदारी हेतु प्रेरित करने का संदेश देता है।

संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस का उद्देश्य

  • राष्ट्रीय विकास में लोक सेवकों के योगदान को पहचानना

  • लोक सेवा वितरण में नवाचार और उत्कृष्टता का उत्सव मनाना

  • युवाओं को सार्वजनिक क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित करना

  • स्थायी विकास लक्ष्यों (SDGs) की प्राप्ति के लिए पेशेवर और प्रभावी सार्वजनिक संस्थानों की भूमिका को उजागर करना

लोक सेवा दिवस की उत्पत्ति

  • यह दिवस 20 दिसंबर 2002 को पारित संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव 57/277 द्वारा स्थापित किया गया था।

  • पहली बार यह दिवस 2003 में आधिकारिक रूप से मनाया गया, साथ ही उसी वर्ष पहली बार UN लोक सेवा पुरस्कार (UNPSA) भी प्रदान किए गए।

  • तब से यह आयोजन वैश्विक पहचान प्राप्त कर चुका है, जो सार्वजनिक प्रशासन में समावेशी, पारदर्शी और उत्तरदायी शासन की आवश्यकता को रेखांकित करता है।

UN लोक सेवा पुरस्कार (UNPSA): उत्कृष्टता का अंतरराष्ट्रीय सम्मान

पुरस्कार का उद्देश्य

  • लोक सेवा की पेशेवरता और प्रतिष्ठा को बढ़ावा देना

  • विभिन्न देशों और क्षेत्रों में सर्वोत्तम अभ्यास साझा करना

  • ज्ञान और अनुभव का आदान-प्रदान व सहयोग की संस्कृति को प्रोत्साहित करना

2016 में बदलाव

  • वर्ष 2016 में UNPSA को 2030 सतत विकास एजेंडा (SDGs) के साथ जोड़ा गया, ताकि यह दिखाया जा सके कि सार्वजनिक सेवा में रूपांतरण कैसे वैश्विक लक्ष्यों की पूर्ति में सहायक हो सकता है।

संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा मंच 2025 – समरकंद, उज्बेकिस्तान

आयोजन विवरण

  • तिथि: 23 से 25 जून 2025

  • स्थान: समरकंद, उज्बेकिस्तान

  • सह-आयोजक:

    • UN DESA (संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक मामलों का विभाग)

    • DPIDG (डिजिटल गवर्नेंस हेतु सार्वजनिक संस्थानों का प्रभाग)

    • उज्बेकिस्तान सरकार

थीम 2025:

“2030 के लिए शेष 5 वर्ष: सतत भविष्य हेतु लोक सेवा वितरण में तीव्रता”
यह विषय दुनिया को सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की ओर अंतिम चरण में तेजी से प्रगति करने की आवश्यकता को दर्शाता है।

प्रमुख कार्यक्रम

  • मंत्री स्तरीय गोलमेज वार्ताएं

  • क्षमतावर्धन कार्यशालाएं

  • संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा पुरस्कार समारोह

यह मंच नीति-निर्माताओं, शिक्षाविदों और नागरिक समाज के बीच संवाद स्थापित करता है, नवीनतम डिजिटल शासन मॉडल प्रस्तुत करता है, और उच्च गुणवत्ता वाली लोक सेवाओं को प्रोत्साहित करता है।

सीएम योगी ने आज़मगढ़ में 7,283 करोड़ रुपये के गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 20 जून 2025 को आज़मगढ़ में गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया, जो उत्तर प्रदेश के बुनियादी ढांचे के विकास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह 91.35 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे ₹7,283 करोड़ से अधिक की लागत से तैयार हुआ है और राज्य सरकार के उस विज़न का हिस्सा है, जिसमें उत्तर प्रदेश को ‘एक्सप्रेसवे स्टेट’ के रूप में स्थापित करने और क्षेत्रीय संपर्क, निवेश और औद्योगिक विकास को गति देने का लक्ष्य है।

समाचार में क्यों?

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे, जो आज़मगढ़, संत कबीर नगर, अंबेडकर नगर और गोरखपुर जैसे प्रमुख ज़िलों को जोड़ता है, पूर्वांचल में बुनियादी ढांचे और आर्थिक पुनरुत्थान की दिशा में उत्तर प्रदेश की व्यापक पहल का हिस्सा है। यह परियोजना ‘डबल इंजन सरकार’ के अंतर्गत कनेक्टिविटी और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने के प्रयासों को दर्शाती है, जिससे राज्य को ‘बीमारू’ की छवि से उबारकर एक नए मॉडल राज्य के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है।

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे की प्रमुख विशेषताएँ

  • लंबाई: 91.35 किमी

  • लागत: ₹7,283 करोड़

  • उद्घाटन: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा, 20 जून 2025

  • लाभान्वित जिले: आज़मगढ़, गोरखपुर, संत कबीर नगर, अंबेडकर नगर

  • संपर्क: यह पुरवांचल एक्सप्रेसवे सहित अन्य प्रमुख कॉरिडोरों से निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करता है

उद्देश्य और महत्व

  • क्षेत्रीय विकास और निवेश के अवसरों को तेज़ी से बढ़ाना

  • पूर्वी उत्तर प्रदेश में सड़क संपर्क को बेहतर बनाकर पर्यटन और व्यापार को प्रोत्साहन

  • स्थानीय अर्थव्यवस्था में रोज़गार सृजन को बढ़ावा देना

  • लॉजिस्टिक्स, कृषि और औद्योगिक क्षेत्रों को सहारा देना

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रमुख बयान

  • “उत्तर प्रदेश अब बीमारू नहीं, देश का एक ‘उभरता हुआ विकास इंजन’ बन गया है।”

  • “आज़मगढ़ अब पहचान के संकट से निकलकर साहस का प्रतीक बन गया है।”

  • “2017 के बाद से राज्य में माफ़िया-मुक्त, दंगा-मुक्त शासन ने अधोसंरचना को पनपने का अवसर दिया।”

  • पूर्ववर्ती सरकारों की आलोचना करते हुए कहा गया कि “भ्रष्टाचार और अपराधियों के कारण विकास अवरुद्ध था।”

पृष्ठभूमि और संदर्भ

बीमारू राज्य: बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश — ऐतिहासिक रूप से पिछड़े माने जाने वाले राज्य

वर्तमान में उत्तर प्रदेश में तीन प्रमुख चालू एक्सप्रेसवे हैं:

  • पुरवांचल एक्सप्रेसवे – 340 किमी

  • बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे – 300 किमी

  • गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे – 91.35 किमी

इसके अतिरिक्त 6 अन्य एक्सप्रेसवे पर कार्य जारी है, जो राज्य में बुनियादी ढांचे पर केंद्रित रणनीतिक विकास की दिशा में बड़ा बदलाव दर्शाता है।

भारत ने 2025 विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए लोगो और शुभंकर ‘विराज’ लॉन्च किया

नई दिल्ली में 20 जून 2025 को आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में, भारत ने 2025 विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप का आधिकारिक लोगो और शुभंकर ‘विराज’ का अनावरण किया। यह क्षण ऐतिहासिक है क्योंकि भारत पहली बार इस प्रतिष्ठित वैश्विक पैरा एथलेटिक्स प्रतियोगिता की मेज़बानी कर रहा है, जो 27 सितंबर से 5 अक्टूबर तक जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, नई दिल्ली में आयोजित की जाएगी। शुभंकर ‘विराज’, एक युवा हाथी है जो ब्लेड प्रोस्थेसिस से लैस है। वह सामर्थ्य, सहनशीलता और समावेशी खेल भावना का प्रतीक है। इस आयोजन के साथ, भारत पैरा खेलों के क्षेत्र में अपनी प्रतिबद्धता और वैश्विक स्तर पर उत्कृष्ट आयोजन क्षमता को दर्शाने जा रहा है।

समाचार में क्यों?

20 जून 2025 को नई दिल्ली में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप 2025 के आधिकारिक लोगो और शुभंकर का अनावरण किया गया। यह ऐतिहासिक अवसर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत पहली बार इस प्रतिष्ठित वैश्विक पैरा खेल प्रतियोगिता की मेज़बानी करने जा रहा है। अब इस भव्य आयोजन के लिए सिर्फ 100 दिन शेष हैं।

प्रतियोगिता का विवरण

  • घटना: विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप 2025

  • संस्करण: 12वां

  • तिथि: 27 सितंबर – 5 अक्टूबर 2025

  • स्थान: जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, नई दिल्ली

  • मेज़बान देश: भारत (पहली बार)

  • कुल स्पर्धाएं: 186 पदक स्पर्धाएं

  • प्रतिभागी देश: 100+ देशों के भाग लेने की संभावना

शुभंकर और लोगो का अनावरण

  • शुभंकर का नाम: विराज

  • स्वरूप: एक युवा हाथी जो ब्लेड प्रोस्थेसिस (कृत्रिम अंग) पहने हुए है

  • प्रतीकात्मक अर्थ: साहस, संकल्प, समावेशिता और पैरा खिलाड़ियों की अदम्य भावना

  • अनावरण किया: पैरालंपिक समिति ऑफ इंडिया (PCI) द्वारा

  • लोगो की थीम: औपचारिक रूप से वर्णित नहीं, लेकिन इसके पीछे समावेशन, दृढ़ता और भारतीय संस्कृति की झलक मानी जा रही है

तैयारियाँ और आयोजन स्थल की स्थिति

  • ट्रैक नवीनीकरण: जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम की एथलेटिक्स ट्रैक को नए सिरे से बिछाया जा रहा है

  • निर्धारित समयसीमा: प्रतियोगिता शुरू होने से एक माह पहले कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य

  • प्रगति की निगरानी: PCI अध्यक्ष ने कहा – तैयारियाँ समयबद्ध रूप से चल रही हैं

भारत के लिए आयोजन का महत्व

  • भारत पहली बार इस स्तर की पैरा एथलेटिक्स प्रतियोगिता का आयोजन कर रहा है

  • समावेशी और पहुंच योग्य खेलों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है

  • वैश्विक खेल मंच पर भारत की भूमिका को मज़बूत करेगा

  • पैरा खिलाड़ियों को प्रोत्साहन और समाज में विकलांगजनों के लिए जागरूकता एवं सुविधा विकास का अवसर

  • देश में सांस्कृतिक गौरव, तकनीकी क्षमता और सामाजिक समावेश को एक साथ जोड़ने वाली पहल

यादगिर में 39,000 से अधिक युवाओं को युवा निधि योजना के तहत ₹11.70 लाख मिले

कर्नाटक सरकार की ‘युवा निधि योजना’ ने यादगिर ज़िले में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है, जहाँ 39,132 पात्र बेरोज़गार युवाओं को कुल ₹11.70 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। यह योजना सरकार द्वारा वादा की गई पांच गारंटियों में से एक है और इसका सफल क्रियान्वयन डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से किया जा रहा है।

योजना की प्रमुख विशेषताएं

  • डिग्री / मास्टर डिग्री धारकों के लिए भत्ता: ₹3,000 प्रति माह
  • डिप्लोमा धारकों के लिए भत्ता: ₹1,500 प्रति माह
  • अवधि: कोर्स समाप्ति के 6 महीने बाद से 2 वर्षों तक
  • भुगतान का माध्यम: सीधे बैंक खाते में DBT के माध्यम से
  • समाप्ति: नौकरी प्राप्त होते ही लाभ बंद कर दिया जाएगा

यादगिर ज़िले में योजना का कवरेज

लाभार्थी: 39,132 बेरोज़गार युवा

कुल वितरित राशि: ₹11.70 लाख

संस्थानों की संख्या:

  • 89 डिग्री कॉलेज

  • 5 डिप्लोमा कॉलेज

  • 1 इंजीनियरिंग कॉलेज

अनुपालन और घोषणा नियम

  • नौकरी सूचना अनिवार्यता: लाभार्थी को नौकरी मिलते ही विभाग को सूचित करना होगा
  • मासिक स्व-घोषणा: अपनी रोजगार स्थिति की मासिक रिपोर्ट देना अनिवार्य है

उद्देश्य और प्रभाव

  • शिक्षित लेकिन बेरोज़गार युवाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना
  • शिक्षा और रोजगार के बीच की खाई को भरना
  • स्व-घोषणा के माध्यम से ईमानदारी और जवाबदेही को बढ़ावा देना
  • युवाओं में कौशल विकास और रोजगार तत्परता को बढ़ावा देना
  • समावेशी और उत्तरदायी कल्याणकारी शासन का परिचायक

युवा निधि योजना, कर्नाटक सरकार की रोजगार उन्मुख और पारदर्शी नीति को दर्शाती है, जो राज्य के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक सार्थक प्रयास है।

Tax Collection: शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 1.39 फीसदी गिरा

इस वित्त वर्ष में शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह में गिरावट आई है। सरकारी आंकड़ें के अनुसार चालू वित्त वर्ष में अब तक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 4.59 लाख करोड़ रुपये रहा। यह पिछले वर्ष की तुलना में 1.39 प्रतिशत कम है। 2024 में शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 4.65 लाख करोड़ रुपये था। इसमें कहा गया कि इस गिरावट का मुख्य कारण अग्रिम कर संग्रह की रफ्तार में आई कमी है।

समाचार में क्यों?

21 जून 2025 को जारी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 1 अप्रैल से 19 जून 2025 तक की अवधि में शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रहण ₹4.59 लाख करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के ₹4.65 लाख करोड़ से 1.39% कम है। यह गिरावट मुख्यतः कॉर्पोरेट अग्रिम कर संग्रहण में मंदी के कारण दर्ज की गई है।

प्रमुख बिंदु और आंकड़े

शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रहण (1 अप्रैल – 19 जून 2025):

₹4.59 लाख करोड़ (1.39% की गिरावट)

सकल प्रत्यक्ष कर संग्रहण:

₹5.45 लाख करोड़ (वर्ष दर वर्ष 4.86% की वृद्धि)

अग्रिम कर संग्रहण:

  • ₹1.55 लाख करोड़ (3.87% की वृद्धि)
  • पिछले वर्ष (2024): 27% की बढ़ोतरी
  • कॉर्पोरेट अग्रिम कर: ₹1.22 लाख करोड़ (5.86% वृद्धि)
  • गैर-कॉर्पोरेट अग्रिम कर: ₹33,928 करोड़ (2.68% की गिरावट)
  • व्यक्तिगत आयकर संग्रहण: ₹2.73 लाख करोड़ (0.7% की वृद्धि)
  • कॉर्पोरेट कर संग्रहण (कुल): ₹1.73 लाख करोड़ (5% से अधिक गिरावट)
  • सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (STT): ₹13,013 करोड़ (12% की वृद्धि)
  • जारी किए गए टैक्स रिफंड: ₹86,385 करोड़ (58% की वृद्धि)

उद्देश्य और निहितार्थ

अग्रिम कर का उद्देश्य:
आय अर्जन के साथ-साथ समय पर कर संग्रह सुनिश्चित करना और वर्ष के अंत में एकमुश्त कर बोझ से बचना।

रिफंड की अधिकता का प्रभाव:
उच्च रिफंड जारी होने के कारण शुद्ध कर संग्रह में गिरावट देखी गई, भले ही सकल संग्रह बढ़ा हो।

आर्थिक संकेत:
शुरुआती संकेत बताते हैं कि कॉर्पोरेट कमाई में गिरावट या कंपनियों द्वारा सतर्कता के साथ कर अनुमान लगाया जा रहा है।

नीतिगत महत्व:
यह आंकड़े राजकोषीय निर्णयों और कर अनुपालन की प्रवृत्तियों की समीक्षा को प्रभावित कर सकते हैं।

समग्र महत्व

यह वित्तीय संकेत बताता है कि सकल कर संग्रह बढ़ रहा है, लेकिन शुद्ध संग्रह में गिरावट रिफंड और कॉर्पोरेट अग्रिम कर में मंदी के कारण हो रही है। यह कॉर्पोरेट भारत में सतर्क रुख को दर्शाता है और राजकोषीय संतुलन बनाए रखने हेतु सक्रिय नीतिगत समीक्षा की आवश्यकता को इंगित करता है।

शिवसुब्रमण्यम रमण ने PFRDA के अध्यक्ष का पदभार संभाला

शिवसुब्रमण्यम रमण ने पेंशन निधि नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के चेयरपर्सन का पदभार हाल ही में संभाला लिया। पीएफआरडीए ने बयान में कहा, भारत सरकार ने आठ अप्रैल 2025 की अधिसूचना के तहत उन्हें पांच साल के कार्यकाल के लिए नियुक्त किया है। उनकी नियुक्ति इसी तारीख से प्रभावी हो गई और यह उनके 65 वर्ष के होने या अगले आदेश तक (जो भी पहले हो) प्रभावी रहेगी।

समाचार में क्यों?

शिवसुब्रमण्यम रमण ने 20 जून 2025 को औपचारिक रूप से पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया। भारत सरकार ने 8 अप्रैल 2025 की अधिसूचना के माध्यम से उनकी नियुक्ति की थी। वे दीपक मोहंती का स्थान ले रहे हैं और उनका कार्यकाल 5 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक (जो भी पहले हो) रहेगा। यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब भारत राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) और वत्सल्य योजना जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से पेंशन कवरेज को औपचारिक और अनौपचारिक दोनों क्षेत्रों में गहराई से विस्तारित करने की दिशा में प्रयासरत है।

शिवसुब्रमण्यम रमण का व्यावसायिक अनुभव

पूर्व पद:

  • अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, SIDBI

  • प्रबंध निदेशक और सीईओ, नेशनल ई-गवर्नेंस सर्विसेज लिमिटेड (NeSL)

  • भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) कार्यालय में उप CAG और CTO

  • SEBI में मुख्य महाप्रबंधक और कार्यकारी निदेशक

  • प्रधान महालेखा परीक्षक, झारखंड

शैक्षणिक योग्यताएं:

  • BA (अर्थशास्त्र) और MBA — दिल्ली विश्वविद्यालय
  • MSc (वित्तीय विनियमन) — लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स
  • LLB
  • सर्टिफाइड इंटरनल ऑडिटर — IIA फ्लोरिडा
  • सर्टिफाइड चीफ डिजिटल ऑफिसर — ISB
  • पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा इन सिक्योरिटीज लॉ

नियुक्ति से जुड़ी प्रमुख बातें

पदभार ग्रहण: 20 जून 2025

कार्यकाल: 5 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक

वेतन: ₹5,62,500 प्रतिमाह (घर या गाड़ी की सुविधा नहीं)

नियुक्ति का माध्यम: भारत सरकार की अधिसूचना (8 अप्रैल 2025)

स्थानापन्न: दीपक मोहंती (मार्च 2023 में नियुक्त हुए थे)

PFRDA के बारे में

स्थापना: 2003

उद्देश्य:

  • भारत में पेंशन क्षेत्र का प्रचार, विनियमन और विकास

  • राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) और अटल पेंशन योजना (APY) का पर्यवेक्षण

  • असंगठित और स्वरोज़गार वाले क्षेत्रों में पेंशन कवरेज का विस्तार

वर्तमान प्राथमिकताएं

  • NPS वत्सल्य योजना: माता-पिता को बच्चों के भविष्य के लिए पेंशन बचत की सुविधा
  • पेंशन परिसंपत्ति आवंटन में वृद्धि: वर्तमान में केवल 5.7% भारतीय घरेलू संपत्ति ही पेंशन क्षेत्र में लगी है

रमण की नियुक्ति का महत्व

  • दशकों का नियामक, लेखा परीक्षण और विकास वित्त का अनुभव
  • तकनीकी एकीकरण, रिटायरमेंट समावेशन और वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने की क्षमता
  • SIDBI और SEBI में अनुभव के जरिए माइक्रो-पेंशन कवरेज को नई दिशा देने की उम्मीद
  • ऐसे समय में कार्यभार संभाला है जब महत्वपूर्ण पेंशन सुधार, डिजिटल विस्तार और जनसंख्या वृद्धावस्था की ओर बढ़ रही है

यह नियुक्ति भारत की पेंशन प्रणाली को अधिक समावेशी, आधुनिक और तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

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