HDFC बैंक ने गिग वर्कर्स के लिए लॉन्च की नए सेविंग अकाउंट, जानें सबकुछ

भारत के प्राइवेट सेक्टर के सबसे बड़े बैंक, HDFC बैंक ने GIGA लॉन्च किया है, जो खासकरके, गिग वर्कर्स और फ्रीलांसरों के लिए डिजाइन किया गया है। यह एक नए तरह का फाइनेंशियल सूट है। यह डिजिटल-फर्स्ट प्रोग्राम तेजी से बढ़ते वर्कफोर्स की अनूठी जरूरतों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किए गए प्रोडक्ट्स और सर्विसेज की एक सिरीज प्रदान करता है। गिग इकॉनमी में मैनेजमेंट कन्सल्टैंट्स और सॉफ्टवेयर डेवलपर्स से लेकर डिलीवरी पार्टनर और देखभाल करने वालों तक कई तरह के प्रोफेशनल्स शामिल हैं।

GIGA सेविंग अकाउंट के बारे में

फ्रीलांसर तिमाही बैलेंस (मेट्रो/शहरी क्षेत्रों के लिए 10,000 रुपये और अर्ध-शहरी/ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 5,000 रुपये) बनाए रखने या फिक्स्ड डिपॉजिट या रिकरिंग डिपॉजिट जैसी इन्वेस्टमेंट प्लान शुरू करने के बीच चयन कर सकते हैं।

GIGA बिजनेस डेबिट कार्ड: एक नजर में

यह कार्ड खर्चों पर कैशबैक प्रदान करता है और 10 लाख तक के निःशुल्क पर्सनल एक्सीडेंट डेथ कवर के साथ आता है।

GIGA बिजनेस क्रेडिट कार्ड

फ्रीलांसरों के लिए डिज़ाइन किया गया, यह कार्ड 55 दिनों की ब्याज-मुक्त क्रेडिट अवधि प्रदान करता है और इसमें एक्सीलरेटेड रिवॉर्ड प्रोग्राम की सुविधा है।

स्वास्थ्य बीमा

एचडीएफसी एर्गो के माध्यम से गिग श्रमिकों और उनके परिवारों के लिए 20 रुपये प्रतिदिन से शुरू होने वाले प्रीमियम पर स्वास्थ्य कवरेज उपलब्ध है।

स्मार्टहब व्यापार समाधान

यह डिजिटल भुगतान समाधान घरेलू संग्रह के लिए भुगतान मोड की एक विस्तृत श्रृंखला का समर्थन करता है, जिसमें फ्रीलांसरों के लिए भुगतान प्रबंधन को कारगर बनाने के लिए त्वरित ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया की सुविधा है।

 

 

अपर्णा यादव यूपी महिला आयोग की उपाध्यक्ष नियुक्त

उत्तर प्रदेश सरकार ने अपर्णा यादव को महिला आयोग का उपाध्यक्ष बनाया है जबकि बबिता चौहान यूपी महिला आयोग नई अध्यक्ष बनाई गई हैं। इसके अलावा चारु चौधरी को भी राज्य महिला आयोग में उपाध्यक्ष बनाया गया है। अधिसूचना के अनुसार, इन सभी की नियुक्ति एक साल या राज्य सरकार के अगले आदेश तक के लिए की गई है। बता दें, अपर्णा यादव जनवरी 2022 में बीजेपी में शामिल हुई थीं।

अपर्णा यादव की भूमिका

समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को यूपी सरकार ने राज्य महिला आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया है। वह सपा प्रमुख अखिलेश यादव की भाभी भी हैं और उनकी शादी प्रतीक यादव से हुई है, जो अखिलेश यादव के सौतेले भाई हैं। अपर्णा यादव, जो सपा के टिकट पर 2017 के विधानसभा चुनाव में असफल होने के बाद जनवरी 2022 में भाजपा में शामिल हुईं, चारू चौधरी के साथ उपाध्यक्ष के रूप में काम करेंगी।

राज्यपाल की भूमिका

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इन नियुक्तियों के लिए अपने अधिकार का प्रयोग किया है, जिसकी आधिकारिक अधिसूचना प्रमुख सचिव लीना जौहरी ने जारी की है।

भारतीय अल्कोहल का निर्यात एक अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य

भारत वैश्विक मादक पेय बाजार में अपनी उपस्थिति को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाने के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित कर रहा है, जिसका लक्ष्य आने वाले वर्षों में 952.9 मिलियन अमेरिकी डॉलर (8,000 करोड़ रुपये) का निर्यात करना है। ‘मेक इन इंडिया’ पहल के हिस्से के रूप में, सरकार, कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) द्वारा समर्थित, वैश्विक मादक पेय निर्यात में भारत को अपने वर्तमान 40वें स्थान से ऊपर उठाना चाहती है। इसका उद्देश्य निर्यात राजस्व में 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर हासिल करना है।

मौजूदा निर्यात स्थिति और प्रमुख बाज़ार

वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का मादक पेय निर्यात 2,200 करोड़ रुपये (262.1 मिलियन अमेरिकी डॉलर) से ज़्यादा हो गया। प्रमुख बाज़ारों में यूएई, सिंगापुर, नीदरलैंड, तंजानिया, अंगोला, केन्या और रवांडा शामिल हैं।

उल्लेखनीय विकास

इस रणनीति में एक महत्वपूर्ण विकास ‘गोडावन’ का लॉन्च है, जो कि डियाजियो इंडिया (यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड) द्वारा राजस्थान में निर्मित एक सिंगल-माल्ट व्हिस्की है, जिसे यूके में पेश किया जाएगा। इस उत्पाद से प्रीमियम व्हिस्की के लिए भारत की प्रतिष्ठा बढ़ने की उम्मीद है।

निर्यात संभावना और संस्तुतियाँ

भारत के ब्रुअर्स एसोसिएशन के महानिदेशक विनोद गिरी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सिंगल-माल्ट व्हिस्की भारत की वैश्विक छवि को बढ़ावा देगी, लेकिन निर्यात की अधिकांश मात्रा प्रीमियम भारतीय व्हिस्की और रम से आएगी। उन्होंने अमेरिका, अफ्रीका और यूरोप को पर्याप्त निर्यात क्षमता वाले प्रमुख क्षेत्रों के रूप में पहचाना। गिरी ने सिफारिश की कि सरकार राज्यों को अपनी उत्पाद शुल्क नीतियों में निर्यात प्रोत्साहन को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित करे ताकि इस क्षमता को साकार करने और अंतरराष्ट्रीय स्पिरिट्स बाजार का बड़ा हिस्सा हासिल करने में मदद मिल सके।

सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में भारत और सिंगापुर के बीच हुई अहम समझौता

भारत और सिंगापुर ने सेमीकंडक्टर परिवेश तंत्र के क्षेत्र में साझेदारी तथा सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) का आदान-प्रदान किया है। सिंगापुर सरकार की ओर से बृहस्पतिवार को जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गया। वोंग के निमंत्रण पर मोदी अभी दो दिन की सिंगापुर की यात्रा पर हैं।

सिंगापुर और भारत ने सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में साझेदारी तथा सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया। इस एमओयू का मकसद भारत के बढ़ते सेमीकंडक्टर उद्योग का समर्थन करना, साथ ही सिंगापुर की सेमीकंडक्टर कंपनियों तथा संबंधित आपूर्ति श्रृंखलाओं के परिवेश तंत्र को तेजी से बढ़ते भारतीय बाजार में हिस्सा लेने की सुविधा प्रदान करना है।

इस समझौते पर उप प्रधानमंत्री एवं व्यापार व उद्योग मंत्री गान किम योंग और भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 26 अगस्त, 2024 को भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन में हस्ताक्षर किए थे।

सेमीकंडक्टर विनिर्माण का वैश्विक केंद्र

  • इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रिक वाहन और विनिर्माण क्षेत्रों में मजबूत घरेलू मांग के कारण भारत सेमीकंडक्टर विनिर्माण का वैश्विक केंद्र बनने की आकांक्षा रखता है।
  • दूसरी ओर, सिंगापुर ने एक सेमीकंडक्टर परिवेश तंत्र स्थापित किया है। उसने सेमीकंडक्टर कंपनियों का एक मजबूत समूह तैयार किया है, जो भारत के सेमीकंडक्टर उद्योग की वृद्धि में हिस्सा लेने को उत्सुक हैं।
  • एमओयू के तहत, सिंगापुर तथा भारत अपने सेमीकंडक्टर परिवेश तंत्र में पूरक विशेषज्ञताओं का लाभ उठाएंगे और अपनी सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाओं को जुझारू बनाने के लिए अवसरों का इस्तेमाल करेंगे।
  • समझौते के तहत पहल में परिवेश तंत्र विकास, आपूर्ति श्रृंखला को जुझारू बनाना और कार्यबल विकास पर सरकार के नेतृत्व में नीतिगत आदान-प्रदान शामिल होंगे।
  • व्यापार एवं उद्योग मंत्रालय (एमटीआई) और भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) विचार-विमर्श को सुविधाजनक बनाने, सहयोग के क्षेत्रों की प्रगति की निगरानी करने और सर्वोत्तम व्यवहार का आदान-प्रदान करने के लिए एक ‘नीति वार्ता’ स्थापित करेंगे।

 

सरकार ने विश्वस्य-ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी स्टैक का लोकार्पण किया

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई), भारत सरकार द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में एमईआईटीवाई के सचिव एस कृष्णन ने भौगोलिक रूप से वितरित अवसंरचना के साथ विभिन्न अनुमति प्राप्त ब्लॉकचैन आधारित अनुप्रयोगों का समर्थन करने के लिए डिज़ाइन किए गए ब्लॉकचेन-एज़-ए-सर्विस की पेशकश करने के लिए विश्वस्य-ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी स्टैक का लोकार्पण किया।

इसके अलावा एमईआईटीवाई के सचिव ने एनबीएफलाइट-लाइटवेट ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म, प्रमाणिक – मोबाइल ऐप की उत्पत्ति की पुष्टि के लिए एक अभिनव ब्लॉकचेन-सक्षम समाधान और राष्ट्रीय ब्लॉकचेन पोर्टल का भी अनावरण किया।

डिजिटल प्लेटफॉर्म का निर्माण

एमईआईटीवाई ने विश्वसनीय डिजिटल प्लेटफॉर्म का निर्माण करने के दृष्टिकोण के साथ अनुसंधान एवं अनुप्रयोग विकास को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय ब्लॉकचेन फ्रेमवर्क (एनबीएफ) की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य लोगों को अत्याधुनिक, पारदर्शी, सुरक्षित एवं विश्वसनीय डिजिटल सेवा प्रदान करना है।

ब्लॉकचेन प्लेटफार्मों का समर्थन

नेशनल ब्लॉकचैन फ्रेमवर्क टेक्नोलॉजी स्टैक को वितरित अवसंरचना, कोर फ्रेमवर्क कार्यक्षमता, स्मार्ट अनुबंध और एपीआई गेटवे, सुरक्षा, गोपनीयता और पारस्परिकता और एप्लिकेशन विकास के साथ ब्लॉकचै एक सेवा (बीएएएस) के रूप में प्रस्तुत किया गया है। वर्तमान समय में एनबीएफ दो अनुमति प्राप्त ब्लॉकचेन प्लेटफार्मों का समर्थन करता है और विस्तार करने योग्य है। टेक्नोलॉजी स्टैक को एनआईसी डेटा केंद्रों यानी भुवनेश्वर, पुणे, हैदराबाद में भौगोलिक रूप से वितरित अवसंरचना पर आयोजित किया गया है।

ब्लॉकचेन सैंडबॉक्स

एनबीएफलाइट, एक ब्लॉकचेन सैंडबॉक्स प्लेटफॉर्म, जिसे विशेष रूप से स्टार्टअप/शिक्षाविदों के लिए अनुप्रयोगों की त्वरित प्रतिकृति, अनुसंधान एवं क्षमता निर्माण के लिए विकसित किया गया है। इन प्रौद्योगिकियों को एमईआईटीवाई समर्थन के अंतर्गत सी-डैक, एनआईसी, आईडीआरबीटी हैदराबाद, आईआईटी हैदराबाद, आईआईआईटी हैदराबाद और एसईटीएस चेन्नई के सहयोग से विकसित किया गया है।

शासन परिवर्तन में ब्लॉकचेन की भूमिका

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव भुवनेश कुमार ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी में देश की सार्वजनिक सेवाओं को ज्यादा पारदर्शी, कुशल एवं जवाबदेह बनाकर शासन परिवर्तन करने की अपार क्षमता है। उन्होंने विभिन्न राज्यों और विभागों में एनबीएफ पर अनुप्रयोगों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया और एनबीएफ स्टैक पर नए अनुप्रयोगों/प्लेटफॉर्मों/नवीनतम घटकों को शामिल करने का सुझाव भी दिया।

एनबीएफ का लक्ष्य

एनबीएफ शुरू करने का उद्देश्य चुनौतियों का समाधान करने के लिए वितरित बुनियादी ढांचे पर ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी स्टैक के साथ एक विस्तार योग्य संरचना विकसित करना है, जिनमें ब्लॉकचैन आधारित अनुप्रयोगों के निर्माण के लिए कुशल जनशक्ति की आवश्यकता, विक्रेता लॉक-इन और सुरक्षा, पारस्परिकता, प्रदर्शन और अन्य पहलुओं से संबंधित अनुसंधान चुनौतियां शामिल हैं।

 

जानें कौन हैं हरविंदर, जिन्होंने भारत को Paralympics 2024 में गोल्ड जिताकर रचा इतिहास

तीरंदाज हरविंदर सिंह ने पुरुष रिकर्व के फाइनल में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। अब पेरिस पैरालंपिक में भारत के 22 पदक हो गए हैं। इनमें चार स्वर्ण, आठ रजत और 10 कांस्य हैं। इसी के साथ भारत पैरालंपिक की पदक तालिका में 15वें स्थान पर पहुंच गया है।

हरविंदर ने फाइनल में पोलैंड के लुकास सिसजेक को 6-0 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। यह तीरंदाजी में भारत का पहला पैरालंपिक स्वर्ण पदक है और साथ ही उनका दूसरा पैरालंपिक पदक भी है।

हरविंदर सिंह कौन हैं?

हरविंदर सिंह का जन्म 25 फरवरी 1991 को हरियाणा के कैथल में हुआ था। अजीत नगर के किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले हरविंदर जब डेड़ साल के थे तो उन्हें डेंगू हो गया था और इसके उपचार के लिए उन्हें इंजेक्शन लगाए गए थे। दुर्भाग्य से इन इंजेक्शन के कुप्रभावों से उनके पैरों की गतिशीलता चली गई।

शुरुआती चुनौतियों के बावजूद वह तीरंदाजी में आ गए और 2017 पैरा तीरंदाजी विश्व चैंपियनशिप में डेब्यू में सातवें स्थान पर रहे। फिर 2018 जकार्ता एशियाई पैरा खेलों में स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे और कोविड 19 महामारी के कारण लगे लॉकडाउन में उनके पिता ने अपने खेत को तीरंदाजी रेंज में बदल दिया ताकि वह ट्रेनिंग कर सकें।

कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा

हरविंदर ने तीन साल पहले टोक्यो पैरालंपिक में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया था। यह भारत का पहला तीरंदाजी पदक था। तीरंदाजी में सफलता के साथ वह अर्थशास्त्र में पीएचडी की डिग्री भी ले रहे हें। जून 2024 में पैरा तीरंदाजी विश्व रैंकिंग स्पर्धा में उन्होंने चेक गणराज्य में कांस्य पदक जीता था। इससे पहले अप्रैल 2024 में विश्व तीरंदाजी ओशिनिया 2024 पैरा ग्रैंड प्रिक्स में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में कांस्य पदक जीता था।

हरविंदर सिंह ने टोक्यो पैरालंपिक में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया था। यह तीरंदाजी में भारत का पैरालंपिक का पहला पदक था। उन्होंने कोरियाई तीरंदाज को शूट ऑफ में 6-5 से पीछा छोड़ा और पदक अपने नाम किया था।

सचिन सरजेराव ने पुरुषों की गोला फेंक स्पर्धा में जीता रजत

भारत ने पदकों का खाता पुरुषों की F46 गोला फेंक स्पर्धा में खोला। सचिन सरजेराव खिलाड़ी ने 16.32 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ रजत पदक अपने नाम किया। सचिन बस 0.06 मीटर से स्वर्ण पदक चूक गए। सचिन ने दूसरे प्रयास में ही 16.32 मीटर का थ्रो किया था। हालांकि, वह इससे ऊपर निकलन में कामयाब नहीं हो सके। कनाडा के ग्रेग स्टीवर्ट ने 16.38 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इस स्पर्धा में भारत के मोहम्मद यासेर आठवें और रोहित कुमार नौवें स्थान पर रहे।

भारत का पेरिस पैरालंपिक 2024 में 21वां पदक

गोला फेंक के फाइनल में सचिन का पहला प्रयास 14.72 मीटर, दूसरा प्रयास 16.32 मीटर, तीसरा प्रयास 16.15 मीटर, चौथा प्रयास 16.31 मीटर, पांचवां प्रयास 16.03 मीटर और छठा (आखिरी) प्रयास 15.95 मीटर का रहा। उन्होंने 16.32 मीटर के थ्रो के साथ एरिया रिकॉर्ड भी बनाया। यह भारत का पेरिस पैरालंपिक 2024 में 21वां पदक रहा। सचिन ने 2023 विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पुरुषों की शॉट पुट एफ46 स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने 16.21 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ पदक अपने नाम किया था। उन्होंने 2024 विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी भाग लिया , जिसमें उन्होंने इसी स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था।

पैरा एथलेटिक्स स्पर्धाओं में

यासेर का सर्वश्रेष्ठ प्रयास 14.21 मीटर का और रोहित का सर्वश्रेष्ठ प्रयास 14.10 मीटर का रहा। पैरा एथलेटिक्स स्पर्धाओं में एफ46 श्रेणी उन लोगों के लिए है जिनकी एक या दोनों भुजाओं की गतिविधि मामूली रूप से प्रभावित है या जिनके हाथ-पैर नहीं हैं। इन एथलीटों को कूल्हों और पैरों की ताकत से थ्रो करना होता है।

शरत कमल आईटीटीएफ फाउंडेशन का राजदूत नियुक्त

जवाहरलाल नेहरू इंडोर स्टेडियम में अल्टीमेट टेबल टेनिस (यूटीटी) सीजन पांच के 11वें दिन टेबल टेनिस समुदाय में एक महत्वपूर्ण घोषणा की गई। भारत के शीर्ष पैडलर शरत कमल को अंतर्राष्ट्रीय टेबल टेनिस महासंघ (आईटीटीएफ) फाउंडेशन का पहला भारतीय राजदूत नामित किया गया।

विशिष्ट उपस्थितगण

यह घोषणा दो उल्लेखनीय हस्तियों की उपस्थिति में की गई:

  1. उनकी महारानी ज़ेना शबान: जॉर्डन की राजकुमारी और दो बार की ओलंपियन
  2. वीटा दानी: यूटीटी की अध्यक्ष

शबान और दानी दोनों ही आईटीटीएफ फाउंडेशन के बोर्ड सदस्य के रूप में काम करते हैं, जो समारोह को अतिरिक्त महत्व देते हैं।

शरथ कमल: एक विशिष्ट कैरियर

ओलंपिक प्रतिनिधित्व

शरथ की नियुक्ति कई करियर मील के पत्थरों के बाद हुई है:

  • पांच बार के ओलंपियन
  • हाल ही में पेरिस ओलंपिक में भारत के लिए पुरुष ध्वजवाहक

आईटीटीएफ में भागीदारी

शरथ का आईटीटीएफ के साथ यह पहला जुड़ाव नहीं है:

  • नवंबर 2022 में आईटीटीएफ के एथलीट आयोग के लिए चुने गए।

राष्ट्रमंडल खेलों में सफलता

शरथ की उपलब्धियाँ ओलंपिक भागीदारी से परे हैं:

  • राष्ट्रमंडल खेलों के इतिहास में टेबल टेनिस में सबसे ज़्यादा पदक जीतने का रिकॉर्ड
  • कुल 13 पदक, जिनमें शामिल हैं: 3 स्वर्ण पदक और 1 रजत पदक (2022 बर्मिंघम खेलों में जीता गया)

राजदूत की भूमिका

आईटीटीएफ का दृष्टिकोण

आईटीटीएफ ने पिछले हफ़्ते इस प्रतिष्ठित पद के बारे में शरथ से संपर्क किया।

ज़िम्मेदारियाँ और अपेक्षाएँ

शरथ ने बताया कि उनकी भूमिका में क्या-क्या शामिल हो सकता है:

  • कुछ यात्राएँ शामिल होंगी
  • राजदूत के तौर पर कार्यक्रमों में भाग लेना
  • प्रचार क्षमता में टेबल टेनिस खेलना

उन्होंने टेबल टेनिस को एक खेल के तौर पर विकसित करने और व्यापक विकास के लिए टेबल टेनिस को एक उपकरण के तौर पर इस्तेमाल करने के बीच के अंतर पर ज़ोर दिया।

सामाजिक विकास के प्रति शरत की प्रतिबद्धता

कोविड से पहले की पहल

इस नियुक्ति से पहले भी शरत टेबल टेनिस के माध्यम से सामाजिक विकास में शामिल थे:

  • मद्रास सेवा सदन के साथ सहयोग किया
  • दिहाड़ी मजदूरों के बच्चों को टेबल टेनिस सिखाया
  • इन बच्चों को जीवन में “दिशा बोध” प्रदान करने का लक्ष्य

अजय रात्रा भारतीय क्रिकेट चयन समिति में शामिल

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा की, जिसने भारतीय क्रिकेट की चयन प्रक्रिया के परिदृश्य को नया रूप दिया। पूर्व भारतीय विकेटकीपर अजय रात्रा को पुरुष क्रिकेट टीम का चयनकर्ता नियुक्त किया गया है, जिससे राष्ट्रीय टीम की चयन समिति में एक नए युग की शुरुआत हुई है।

नियुक्ति

एक रणनीतिक कदम

बीसीसीआई द्वारा रात्रा की नियुक्ति का फैसला क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने और चयन पैनल में नया दृष्टिकोण लाने के लिए एक रणनीतिक कदम है।

सलिल अंकोला की जगह

की नियुक्ति से उन्हें पांच सदस्यीय चयन पैनल में सलिल अंकोला की जगह लेते हुए देखा गया है। यह बदलाव समिति की संरचना में उत्पन्न हुई एक अनूठी स्थिति को संबोधित करता है।

चयन समिति संरचना

क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व

बीसीसीआई एक परंपरा का पालन करता है, जहां सभी पांच चयनकर्ता भारत भर में विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह विभिन्न क्षेत्रों से प्रतिभाओं के विविध दृष्टिकोण और व्यापक प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करता है।

रात्रा की भूमिका

इस परंपरा के अनुसार, अजय रात्रा चयन समिति में उत्तरी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगे। यह नियुक्ति क्षेत्रीय संतुलन को पुनः स्थापित करती है जो समिति के कामकाज के लिए महत्वपूर्ण है।

समिति नेतृत्व

चयन समिति का नेतृत्व वर्तमान में अजीत अगरकर कर रहे हैं, जिन्हें पिछले साल मुख्य चयनकर्ता नियुक्त किया गया था। अगरकर की नियुक्ति के कारण समिति की संरचना में असामान्य स्थिति पैदा हो गई थी।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने पोषण ट्रैकर के लिए 2024 ई-गवर्नेंस गोल्ड जीता

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को अपनी डिजिटल पहल पोषण ट्रैकर के लिए ई-गवर्नेंस 2024 (गोल्ड) के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। मिशन पोषण 2.0 का हिस्सा यह उपकरण 0-6 वर्ष की आयु के बच्चों पर ध्यान केंद्रित करते हुए बच्चों के विकास की वास्तविक समय पर निगरानी करने में सक्षम बनाता है। डब्ल्यूएचओ ग्रोथ चार्ट का उपयोग करते हुए, कार्यक्रम ऊंचाई और वजन सहित प्रमुख मानवजनित डेटा को ट्रैक करता है, जिससे आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को पोषण संबंधी विचलन को जल्दी पहचानने और तुरंत हस्तक्षेप करने में मदद मिलती है। कार्यक्रम ने 8.9 करोड़ बच्चों को कवर करते हुए महत्वपूर्ण मील के पत्थर हासिल किए हैं, जिसमें से 8.57 करोड़ की माप सिर्फ एक महीने में की गई है।

पोषण ट्रैकर पहल

पोषण ट्रैकर, एक आईसीटी-आधारित प्रणाली है, जो बच्चों में विकास संबंधी समस्याओं की समय पर पहचान सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हर आंगनवाड़ी केंद्र (AWC) पर विकास मापने वाले उपकरण (GMD) उपलब्ध होने के कारण, लक्षित पोषण हस्तक्षेप प्रदान करने के लिए सटीक डेटा प्रविष्टि और निरंतर निगरानी की जाती है। इस पहल ने प्रभावशाली परिणाम दिखाए हैं, जिससे लाखों बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण संबंधी परिणामों में सुधार हुआ है।

मिशन पोषण 2.0

मिशन पोषण 2.0, जिसका मुख्य उद्देश्य पोषण ट्रैकर है, बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार ला रहा है, इसके लिए शुरुआती स्वास्थ्य समस्याओं की पहचान, पोषण संबंधी आकलन और विकासात्मक मील के पत्थरों पर नज़र रखने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। इसकी व्यापक पहुँच भारत के सबसे युवा नागरिकों के लिए स्वस्थ भविष्य को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

पोषण माह और पोषण पखवाड़ा

पोषण ट्रैकर के साथ-साथ पोषण माह (सितंबर) और पोषण पखवाड़ा (मार्च) जैसे जागरूकता अभियान पोषण को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किए जाते हैं। 2018 से अब तक इन अभियानों के तहत 100 करोड़ से ज़्यादा पोषण-केंद्रित गतिविधियों की रिपोर्ट की गई है, जिससे कार्यक्रम का प्रभाव और भी बढ़ गया है।

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