अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस 2024: जानें इस साल की थीम

हर साल, 23 ​​सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस (International Day of Sign Languages) के रूप में मनाया जाता है। 23 सितंबर के दिन पुरे देश में विश्व स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस मनाया जाता है। दुनिया भर में ऐसे कई लोग है, जो बोल या सुन नहीं सकते है। वह अपनी बात करने के लिए अपने हाथों से चेहरे के हाव-भाव से बात करते है। इस भाषा को सांकेतिक भाषा (Sign Language) कहा जाता है।

हर साल सांकेतिक भाषा दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों को साइन लैंग्वेज के बारे में जागरूकता बढ़ाना और सांकेतिक भाषा को मजबूत बनाना है। इसलिए सितंबर का अंतिम पूरा सप्ताह अंतरराष्ट्रीय बधिरता सप्ताह (International Week of the Deaf) के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस 2018 से मनाया जा रहा है। इस दिवस का मुख्य काम लोगों के बीच संकेतिक भाषा के प्रति जागरूक करना है।

इस दिवस का उद्देश्य

इस दिवस का उद्देश्य सांकेतिक भाषाओं तक शीघ्र पहुंच प्रदान करना तथा सांकेतिक भाषाओं में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है। यह भाषाई और सांस्कृतिक विविधता के हिस्से के रूप में सांकेतिक भाषाओं को संरक्षित करने के महत्व को भी मान्यता देता है। सांकेतिक भाषाएं बधिर लोगों के मानवाधिकारों को हासिल करने के लिए जरूरी हैं।

इंटरनेशनल डे ऑफ साइन लैंग्वेज: थीम

हर साल एक नई थीम या विचार के साथ इंटरनेशनल डे ऑफ साइनल लैंग्वेज डे मनाया जाता है। इस साल भी नई थीम के साथ साइन लैंग्वेज डे सेलिब्रेट किया जा रहा है। इस साल की थीम ‘सांकेतिक भाषा अधिकारों के लिए पंजीकरण करें’ है।

 

अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस का इतिहास:

साल 1951 में 23 सितंबर को विश्व फेडरेशन ऑफ डेफ (World Federation of the Deaf) की याद में स्थापना की गई थी, जो जो बधिर लोगों के 135 राष्ट्रीय संघों का एक संघ है, जो विश्भवर में लगभग 70 मिलियन बधिर लोगों के मानवाधिकारों को बढ़ावा देने काम करता है। बधिरों का अंतर्राष्ट्रीय सप्ताह पहली बार सितंबर 1958 में मनाया गया था और तब से यह बधिर एकता के एक वैश्विक आंदोलन के रूप में विकसित हो गया है। अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस पहली बार साल 2018 में अंतरराष्ट्रीय बधिरता सप्ताह के भाग के रूप में मनाया गया। यह दिवस मनाने का उद्देश्य बधिर लोगों को उनके जीवन में आने वाले रोजमर्रा के विषयों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।

लैंडो नोरिस ने रोमांचक सिंगापुर ग्रैंड प्रिक्स 2024 में जीत हासिल की

लैंडो नोरिस ने सिंगापुर ग्रैंड प्रिक्स में अपनी पहली जीत दर्ज की, पोल पोजीशन से नियंत्रण हासिल किया और रेस के हर लैप में आगे रहे। मरीना बे में उनकी जीत ने चैंपियनशिप स्टैंडिंग को काफी प्रभावित किया है, जिससे मैक्स वर्स्टैपेन से उनका अंतर 51 अंक रह गया है। ब्रिटिश ड्राइवर ने वर्स्टैपेन से 20 सेकंड आगे रहकर प्रभावशाली प्रदर्शन किया, जो फॉर्मूला 1 में उनकी सबसे शानदार जीत में से एक है।

मैक्लेरेन के लिए खेल-परिवर्तक

इस जीत ने मैकलारेन की कंस्ट्रक्टर्स चैंपियनशिप में जगह को और मजबूत किया है, जिसमें नॉरिस ने दमदार प्रदर्शन किया है। उनके साथी ऑस्कर पियास्ट्री भी तीसरे स्थान पर पोडियम पर रहे, जिससे मैकलारेन की 2024 में सबसे मजबूत टीमों में से एक के रूप में स्थिति मजबूत हुई है। मैकलारेन रेसिंग लिमिटेड के निवेशकों को यह निरंतरता एक रोमांचक संभावना लग सकती है, क्योंकि टीम अग्रणी रेड बुल को चुनौती देना जारी रखती है।

बिना सेफ्टी कार के सिंगापुर ग्रैंड प्रिक्स

दिलचस्प बात यह है कि इस साल की रेस सिंगापुर ग्रैंड प्रिक्स में पहली बार हुई जिसमें एक भी सेफ्टी कार तैनात नहीं की गई। रेस के दौरान नॉरिस ने बैरियर को टक्कर मार दी, लेकिन वह किसी भी गंभीर नुकसान से बचने में सफल रहे और अपनी बढ़त बनाए रखी, जिससे रेस की साफ-सुथरी परिस्थितियों का पूरा फायदा उठाया जा सका। वेरस्टैपेन पर अपनी बढ़त को 23 सेकंड तक बढ़ाने की उनकी क्षमता मैकलारेन द्वारा इस सीजन में प्रदर्शित की गई रणनीतिक श्रेष्ठता को रेखांकित करती है।

फॉर्मूला 1 की बढ़ती लोकप्रियता से निवेशकों को लाभ

फॉर्मूला 1 अपने वैश्विक दर्शकों की संख्या में वृद्धि कर रहा है, पिछले वर्ष की तुलना में सिंगापुर सहित एशियाई बाजार में 22% की रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। F1 के साथ सिंगापुर का आर्थिक जुड़ाव महत्वपूर्ण है – स्थानीय पर्यटन और बुनियादी ढांचे के निवेश में लाखों का योगदान देता है। 2024 ग्रैंड प्रिक्स से 100 मिलियन डॉलर से अधिक का आर्थिक प्रभाव आने की उम्मीद है, जो प्रायोजन, मीडिया अधिकार और टीम भागीदारी सहित F1 से संबंधित उपक्रमों में निवेशकों के लिए मजबूत क्षमता को दर्शाता है।

चैम्पियनशिप की दौड़ में एक महत्वपूर्ण बिंदु

2024 के सीज़न में छह रेस और तीन स्प्रिंट बचे हैं, सिंगापुर में नॉरिस की जीत ने उन्हें वेरस्टैपेन से अंतर कम करने का मौका दिया है। मोटरस्पोर्ट निवेश में रुचि रखने वालों के लिए, यह परिणाम नॉरिस और मैकलारेन दोनों की रणनीतिक क्षमता को दर्शाता है, जो उन्हें F1 पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर मूल्यवान संपत्ति बनाता है। नॉरिस की जीत 2024 के खिताब के लिए एक करीबी लड़ाई की शुरुआत हो सकती है। यह संचार केवल सूचनात्मक उद्देश्य के लिए है। डेमालियन ने अवसरों और चुनौतियों की पहचान करके धन संरक्षण के लिए परिवारों को सलाह देने पर ध्यान केंद्रित किया।

भारत-भूटान के बीच खाद्य सुरक्षा सहयोग

भारत और भूटान के बीच खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक नई पहल के तहत, भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने भूटान खाद्य एवं औषधि प्राधिकरण (BFDA) के साथ द्विपक्षीय बैठक का आयोजन किया। यह बैठक वैश्विक खाद्य विनियामक शिखर सम्मेलन के दौरान हुई, जिसमें दोनों देशों ने खाद्य सुरक्षा समझौते को लागू करने के लिए अपने कदमों की समीक्षा की। यह सहयोग खाद्य सुरक्षा मानकों को बढ़ाने और खाद्य व्यापार को सुगम बनाने के लिए महत्वपूर्ण है।

द्विपक्षीय बैठक का आयोजन

भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने शनिवार को भूटान खाद्य एवं औषधि प्राधिकरण (BFDA) के साथ एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक की। यह बैठक भारत मंडपम में वैश्विक खाद्य विनियामक शिखर सम्मेलन के दौरान हुई और इसका मुख्य उद्देश्य 21 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूटान यात्रा के दौरान हस्ताक्षरित खाद्य सुरक्षा समझौते का कार्यान्वयन था।

समझौते का उद्देश्य

इस समझौते का प्राथमिक लक्ष्य भूटान में खाद्य व्यापार संचालकों पर BFDA द्वारा आधिकारिक नियंत्रण को मान्यता देना है, ताकि भारत और भूटान के बीच व्यापार को सुगम बनाया जा सके। साथ ही, यह FSSAI और BFDA के बीच तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देने का भी प्रयास है।

क्षमता निर्माण और तकनीकी सहयोग

बैठक में क्षमता निर्माण पहलों पर चर्चा की गई, जिसका उद्देश्य BFDA अधिकारियों को खाद्य सुरक्षा मानकों को बनाए रखने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान प्रदान करना है। FSSAI के CEO, जी. कमला वर्धन राव ने इस साझेदारी के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह उच्च गुणवत्ता मानकों को बनाए रखने के लिए साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद

भूटान के BFDA निदेशक ग्येम बिधा ने भी भारत के नेतृत्व की सराहना की और सुरक्षित खाद्य व्यापार को सुविधाजनक बनाने में इस समझौते की महत्ता को बताया। इस बैठक में दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे, जिन्होंने सहयोग की दिशा में नए कदम उठाने का संकल्प लिया।

संग्राम सिंह ने MMA मुकाबले में शानदार जीत दर्ज करने वाले पहले भारतीय पुरुष पहलवान बने

अंतर्राष्ट्रीय पहलवान संग्राम सिंह ने त्बिलिसी में गामा इंटरनेशनल फाइटिंग चैंपियनशिप में अपना पहला मुकाबला जीतकर मिश्रित मार्शल आर्ट (एमएमए) की दुनिया में अपनी पहचान बनाई। संग्राम सिंह ने मात्र एक मिनट तीस सेकंड में पाकिस्तानी फाइटर अली रजा नासिर को हराया, जो उनसे सत्रह साल छोटे हैं। ग्यारह प्रतिस्पर्धी देशों में, यह अविश्वसनीय उपलब्धि 93 किलोग्राम वर्ग में किसी भारतीय पहलवान द्वारा दर्ज की गई सबसे तेज जीत का प्रतिनिधित्व करती है।

कुश्ती से मिश्रित मार्शल आर्ट में सहज बदलाव की उम्मीद करते हुए, राष्ट्रमंडल हैवीवेट कुश्ती चैंपियन संग्राम सिंह का प्रदर्शन भारत बनाम पाकिस्तान मैच के लिए एमएमए में अपने पदार्पण मैच में उम्मीदों से बढ़कर रहा। सिंह ने अपनी कुश्ती कौशल और रणनीतिक सूझबूझ का प्रदर्शन करके स्पष्ट जीत हासिल की। सिंह की पृष्ठभूमि पारंपरिक कुश्ती में है और प्रशिक्षण के प्रति उनका समर्पण अटूट है।

एमएमए की तरफ से जारी विज्ञप्ति में क्या कहा गया?

एमएमए की तरफ से जारी विज्ञप्ति में सिंह के हवाले से कहा गया कि भारत के लिए यह जीत हासिल करके मुझे बेहद गर्व महसूस हो रहा है। मुझे उम्मीद है कि वैश्विक स्तर पर मिली मान्यता भारत सरकार को मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स (एमएमए) को समर्थन देने वाले कार्यक्रमों को लागू करने के लिए प्रेरित करेगी और युवाओं को इस खेल को अपनाने के लिए प्रेरित करेगी। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि इससे युवा एथलीटों को अपनी आंतरिक शक्ति खोजने, महानता के लिए प्रयास करने और मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स की दुनिया में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।

ऐतिहासिक जीत

यह ऐतिहासिक जीत न केवल सिंह की व्यक्तिगत उपलब्धि पर जोर देती है, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय मिश्रित मार्शल आर्ट समुदाय में भारतीय सेनानियों के प्रति बढ़ती जागरूकता की ओर भी इशारा करती है। मिश्रित मार्शल आर्ट में प्रवेश करने और जीतने वाले भारत के पहले पुरुष पहलवान होने के नाते, संग्राम सिंह आगामी एथलीटों का नेतृत्व करने के लिए अच्छी स्थिति में हैं।

गामा इंटरनेशनल फाइटिंग चैंपियनशिप

गामा इंटरनेशनल फाइटिंग चैंपियनशिप अपनी प्रतिस्पर्धी भावना और दुनिया भर के फाइटर्स की विविधतापूर्ण लाइनअप के लिए जानी जाती है। संग्राम सिंह की जीत ने इस प्रतिष्ठित आयोजन के उत्साह और गति को और बढ़ा दिया है, जो लड़ाकू खेलों में भारतीय एथलीटों की क्षमता को दर्शाता है।

चेस ओलंपियाड 2024 में भारत ने रचा इतिहास, पुरुष और महिला टीमों ने जीते गोल्ड मेडल

हंगरी के बुडापेस्ट में 2024 में होने वाला शतरंज ओलंपियाड भारतीय खेल इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है। एक अभूतपूर्व उपलब्धि के रूप में, भारत ने पुरुष और महिला दोनों ही टीम वर्गों में स्वर्ण पदक हासिल किए, जो देश में शतरंज के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण था।

भारत ने चेस ओलंपियाड 2024 में इतिहास रच दिया है। 45वें शतरंज ओलंपियाड में पुरुष और महिला दोनों कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीतकर भारत ने यह इतिहास रचा है। देश के चेस इतिहास में अब एक नया अध्याय जुड़ गया है। 45वां शतरंज ओलंपियाड बुडापेस्ट में आयोजित किया गया था। यह पहली बार है जब भारत ने एक ही ओलंपियाड में दोनों कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीते हैं।

भारतीय पुरुष टीम का दिखा जलवा

पुरुष टीम ने स्लोवेनिया के खिलाफ 11वें और अंतिम राउंड में शानदार प्रदर्शन किया। वर्ल्ड चैंपियनशिप चैलेंजर डी. गुकेश ने व्लादिमीर फेडोसेव के खिलाफ काले मोहरों से खेलते हुए अपनी तकनीकी कुशलता का परिचय दिया। 18 वर्षीय ग्रैंडमास्टर ने मुश्किलों को पार करते हुए जीत हासिल की, जिसमें उनकी रणनीतिक क्षमता ने अहम भूमिका निभाई।

अर्जुन एरिगैसी ने भी अपने खेल में शानदार प्रदर्शन किया और तीसरे बोर्ड पर जान सुबेल्ज को हराया। उनकी जीत एक शानदार सेंटर काउंटर डिफेंस गेम में आई। इसके अलावा, आर. प्रग्गनानंद ने एंटोन डेमचेंको के खिलाफ शानदार जीत दर्ज करके भारत को स्लोवेनिया के खिलाफ 3-0 से जीत दिलाई।

भारतीय पुरुष टीम ने कुल 22 में से 21 पॉइंट्स अपने नाम किये, जिसमें उज्बेकिस्तान के साथ 2-2 से ड्रा भी शामिल है, जबकि उसने अन्य सभी प्रतिद्वंद्वियों को हराया।

भारतीय महिला टीम ने छोड़ी अपनी गोल्ड की छाप

भारतीय महिला टीम ने भी शानदार प्रदर्शन किया। हरिका द्रोणावली, वैशाली रमेशबाबू, दिव्या देशमुख, वंतिका अग्रवाल, तानिया सचदेव और कप्तान अभिजीत कुंटे की टीम ने 11वें राउंड में अजरबैजान को हराकर गोल्ड मेडल जीता। भारतीय महिला टीम के लिए भी यह बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि उन्होंने अपनी बेहतरीन रणनीति और धैर्य के साथ पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया।

भारत का तीसरा स्वदेशी परमाणु रिएक्टर उत्पादन क्षमता हासिल करने के स्तर पर पहुंचा

भारत का 700 मेगावाट क्षमता वाला तीसरा स्वदेशी परमाणु ऊर्जा रिएक्टर उत्पादन क्षमता हासिल करने के स्तर तक पहुंच गया है और इससे जल्द ही वाणिज्यिक स्तर पर ऊर्जा का उत्पादन शुरू होने की संभावना है। भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

उत्पादन क्षमता हासिल करने के स्तर तक पहुंचने वाला परमाणु ऊर्जा रिएक्टर, रावतभाटा में राजस्थान परमाणु ऊर्जा परियोजना के तहत निर्मित होने वाले दाबयुक्त स्थूल जल रिएक्टरों (पीएचडब्ल्यूआर) की नयी श्रृंखला का पहला रिएक्टर है।

इससे पहले, गुजरात के काकरापार परमाणु विद्युत स्टेशन (केएपीएस) में 700 मेगावाट की दो पीएचडब्ल्यूआर का वाणिज्यिक परिचालन शुरू हो चुका है। एनपीसीआईएल ने एक बयान में कहा कि रावतभाटा स्थित परमाणु रिएक्टर ने 19 सितंबर, 2024 को रात 22:42 बजे महत्वपूर्ण उपलब्धि (नियंत्रित विखंडन अभिक्रिया की शुरुआत) हासिल कर ली है।

एनपीसीआईएल वर्तमान में 8,180 मेगावाट क्षमता वाले 24 रिएक्टरों का संचालन कर रहा है और 6,800 मेगावाट क्षमता वाली आठ इकाइयां (आरएपीपी-7 सहित) निर्माणाधीन हैं। इसके अतिरिक्त, 7,000 मेगावाट की कुल क्षमता वाले 10 और रिएक्टर पूर्व-परियोजना चरण में हैं और इनके 2031-32 तक पूरा हो जाने की उम्मीद है।

केरल लगातार दूसरे वर्ष भारतीय खाद्य सूचकांक में शीर्ष स्थान पर बरकरार

केरल ने एक बार फिर राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक (एसएफएसआई) 2024 में पहला स्थान हासिल किया है, यह लगातार दूसरा वर्ष है जब दक्षिणी राज्य ने यह स्थान प्राप्त किया है। यह रिपोर्ट एफएसएसएआई ग्लोबल फूड रेगुलेटर्स समिट 2024 के उद्घाटन सत्र में जारी की गई।

राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक (एसएफएसआई) के बारे में

  • यह सूचकांक भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा जारी किया जाने वाला एक वार्षिक मूल्यांकन है।
  • देश में खाद्य सुरक्षा पारिस्थितिकी तंत्र में प्रतिस्पर्धात्मक और सकारात्मक बदलाव लाने के उद्देश्य से इसे 2018-19 से शुरू किया गया था।
  • यह सूचकांक हमारे नागरिकों को सुरक्षित और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने में मदद करेगा।

एसएफएसआई के पैरामीटर

यह सूचकांक पांच महत्वपूर्ण मापदंडों पर राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के प्रदर्शन पर आधारित है।

  • मानव संसाधन और संस्थागत डेटा,
  • अनुपालन,
  • खाद्य परीक्षण – बुनियादी ढांचा और निगरानी,
  • प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण
  • उपभोक्ता सशक्तिकरण।

2023 के सूचकांक में, ‘एसएफएसआई रैंक में सुधार’ नामक एक नया पैरामीटर जोड़ा गया।

सामान्य जानकारी

सूचकांक एक गतिशील मात्रात्मक और गुणात्मक बेंचमार्किंग मॉडल है जो सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में खाद्य सुरक्षा के मूल्यांकन के लिए एक वस्तुनिष्ठ ढांचा प्रदान करता है।

राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को 3 श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है, अर्थात्

  • बड़े राज्य
  • छोटे राज्य
  • केंद्र शासित प्रदेश (केंद्र शासित प्रदेश)

रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष

शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्य

  • केरल
  • तमिलनाडु
  • जम्मू कश्मीर
  • गुजरात
  • नागालैंड

केरल की प्रगति

  • FSSAI ने उल्लेख किया कि केरल ने वित्त वर्ष 24 में अपने निरीक्षण लक्ष्य का 100 प्रतिशत से अधिक हासिल किया है, और अपने खाद्य-परीक्षण बुनियादी ढांचे में सुधार किया है।
  • लाइसेंस धारकों और पंजीकरणों की संख्या बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाए गए, साथ ही अन्य उपलब्धियाँ भी हासिल कीं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की टिप्पणी

  • FSSAI खाद्य सुरक्षा मानकों को अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों के अनुरूप बनाने और कीटनाशकों के लिए अधिकतम अवशेष सीमा को वैश्विक मानकों कोडेक्स के अनुरूप बनाने पर काम कर रहा है।
  • उन्होंने पौधों पर आधारित प्रोटीन, कीट प्रोटीन और प्रयोगशाला में उगाए गए मांस जैसे नवीन खाद्य रुझानों को संबोधित करने के लिए कठोर खाद्य सुरक्षा मानक और अनुकूलनीय नियामक ढांचे की आवश्यकता पर बल दिया।

FSSAI ने खाद्य सुरक्षा के लिए पोर्टल जारी किया

FSSAI ने खाद्य आयात अस्वीकृति अलर्ट (FIRA) लॉन्च किया, जो भारतीय सीमाओं पर खाद्य आयात अस्वीकृतियों के बारे में जनता और संबंधित खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को सूचित करने के लिए डिज़ाइन किया गया एक ऑनलाइन पोर्टल है।

इसने खाद्य आयात निकासी प्रणाली का एक उन्नत संस्करण भी लॉन्च किया, जिसे खाद्य आयात निकासी प्रणाली 2.0 (FICS 2.0) कहा जाता है, जो अन्य प्रासंगिक पोर्टलों के साथ नई सुविधाओं, स्वचालन और एकीकरण के साथ एक पूर्ण ऑनलाइन समाधान प्रदान करके तेजी से प्रसंस्करण और पारदर्शिता के लिए खाद्य आयात निकासी प्रणाली का एक उन्नत संस्करण है।

बुमराह के इंटरनेशनल क्रिकेट में 400 विकेट पूरे, जानें सबकुछ

भारतीय टीम के प्रमुख तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने बांग्‍लादेश के खिलाफ चेन्‍नई में जारी पहले टेस्‍ट में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। बुमराह ने हसन महमूद को आउट करके अपने अंतरराष्‍ट्रीय करियर का 400वां शिकार किया। बुमराह इंटरनेशनल करियर में 400 या ज्‍यादा विकेट लेने वाले 10वें भारतीय गेंदबाज बने।

बुमराह ने पारी के 37वें ओवर में हसन महमूद को विराट कोहली के हाथों कैच आउट कराकर अपना 400वां विकेट पूरा किया। वैसे, मैच में यह बुमराह का तीसरा विकेट रहा। इससे पहले उन्‍होंने ओपनर शादमन इस्लाम (2) और मुश्फिकुर रहीम (8) को अपना शिकार बनाया था। बुमराह 400 या ज्‍यादा अंतरराष्‍ट्रीय विकेट लेने वाले पांचवें भारतीय तेज गेंदबाज बने।

बुमराह ने भारत के लिए अभी तक 196 इंटरनेशनल मैच खेले हैं। इस दौरान 227 पारियों में खबर लिखने तक 400 विकेट झटके। बुमराह का एक पारी में 19 रन देकर 6 विकेट लेना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है। बुमराह ने बांग्लादेश के खिलाफ चेन्नई में भी घातक गेंदबाजी की है।

हरभजन सिंह का रिकॉर्ड

बुमराह ने हरभजन सिंह का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। उन्होंने भारत के लिए सबसे कम पारियों में 400 विकेट लेने के मामले में हरभजन सिंह को पीछे छोड़ दिया है। बुमराह ने 227 पारियों में यह कारनामा किया है। जबकि हरभजन ने 237 पारियों में यह उपलब्धि हासिल की थी। इस लिस्ट में रविचंद्रन अश्विन टॉप पर हैं। उन्होंने 216 पारियों में 400 विकेट ले लिए थे। जबकि कपिल देव ने 220 पारियों में 400 विकेट पूरे किए थे।

बुमराह छठे नंबर पर

टीम इंडिया के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले तेज गेंदबाजों की लिस्ट में बुमराह छठे नंबर पर आ गए हैं। कपिल देव इस लिस्ट में टॉप पर हैं। उन्होंने 687 विकेट झटके हैं। जहीर खान 610 विकेट के साथ दूसरे नंबर पर हैं। जवागल श्रीनाथ तीसरे नंबर पर हैं। उन्होंने 551 विकेट लिए हैं।

भारत ने वैश्विक साइबर सुरक्षा सूचकांक 2024 में टियर 1 का दर्जा हासिल किया

भारत ने साइबर सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किया है, जिसमें ग्लोबल साइबर सुरक्षा इंडेक्स (जीसीआई) 2024 में शीर्ष टियर यानी टियर 1 का दर्जा प्राप्त किया है, जो अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) द्वारा प्रकाशित किया गया है। 100 में से उत्कृष्ट स्कोर 98.49 के साथ, भारत ‘रोल-मॉडलिंग’ देशों की श्रेणी में शामिल हो गया है, जो विश्व स्तर पर साइबर सुरक्षा प्रयासों के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने वैश्विक साइबर सुरक्षा सूचकांक (जीसीआई) 2024 में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली नोडल एजेंसी के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। माननीय संचार मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम सिंधिया ने इस उपलब्धि को भारत के लिए गौरवपूर्ण क्षण बताया। उन्होंने कहा कि यह शानदार उपलब्धि साइबर सुरक्षा के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है और भारत के दूरसंचार क्षेत्र की उल्लेखनीय वृद्धि को उजागर करती है।

पांच स्तंभों पर आधारित

जीसीआई 2024 ने पांच स्तंभों पर आधारित राष्ट्रीय प्रयासों का मूल्यांकन किया: कानूनी, तकनीकी, संगठनात्मक, क्षमता विकास और सहयोग। व्यापक प्रश्नावली में 83 प्रश्न शामिल हैं, जो 20 संकेतकों, 64 उप-संकेतकों और 28 माइक्रो-संकेतकों को कवर करते हैं, जिससे प्रत्येक देश के साइबर सुरक्षा परिदृश्य का विस्तृत मूल्यांकन सुनिश्चित होता है।

भारत का साइबर सुरक्षा

भारत का साइबर सुरक्षा में बेहतर प्रदर्शन भारत सरकार द्वारा साइबर रेजिलिएंस बढ़ाने और साइबर अपराध के लिए कानूनी ढांचे और साइबर सुरक्षा मानकों को स्थापित करने के लिए की गई एक श्रृंखला की पहलों और उपायों से प्रेरित है। देश की कानूनी संस्थाएं साइबर सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने और साइबर अपराध से लड़ने के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं, जिससे अपनी डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा सुनिश्चित होती है। इसके अलावा, सेक्टोरल कंप्यूटर इंसिडेंट रेस्पॉन्स टीम्स (सीएसआईआरटी) सेक्टर-विशिष्ट तकनीकी सहायता और घटना की रिपोर्टिंग प्रदान करती है, जिससे भारत की साइबर सुरक्षा क्षमताओं को और मजबूती मिलती है।

शिक्षा और जागरूकता भारत की साइबर सुरक्षा रणनीति का केंद्र बिंदु रही है। लक्षित अभियान और शैक्षिक पहलों ने निजी उद्योग, सार्वजनिक संस्थानों, नागरिक समाज और अकादमिक क्षेत्रों सहित विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षित ऑनलाइन प्रथाओं को बढ़ावा दिया है। प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा पाठ्यक्रम में साइबर सुरक्षा को शामिल करने से देश की डिजिटल नागरिकों को जागरूक और तैयार करने की प्रतिबद्धता को और मजबूती मिलती है।

इसके अलावा, प्रोत्साहन और अनुदान ने कौशल विकास को बढ़ावा दिया है और भारत के साइबर सुरक्षा उद्योग के भीतर अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा दिया है। द्विपक्षीय और बहुपक्षीय समझौतों के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग ने भारत के क्षमता-निर्माण और सूचना-साझाकरण प्रयासों को और मजबूत किया है, जिससे साइबर सुरक्षा में वैश्विक नेता के रूप में इसकी भूमिका मजबूत हुई है।

जीसीआई 2024 में

जीसीआई 2024 में टियर 1 पर भारत की छलांग देश की उन्नत साइबर सुरक्षा प्रतिबद्धताओं का एक स्पष्ट संकेतक है। यह उपलब्धि न केवल अपने डिजिटल डोमेन को सुरक्षित करने के लिए भारत सरकार के समर्पण को दर्शाती है बल्कि अन्य देशों के लिए एक मानक भी स्थापित करती है। DoT वैश्विक मंच पर अपने डिजिटल बुनियादी ढांचे को सुरक्षित करने में भारत के प्रयासों का नेतृत्व कर रहा है।

दूसरा वैश्विक खाद्य विनियामक शिखर सम्मेलन 2024

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा (जेपी नड्डा) ने नई दिल्ली में वैश्विक खाद्य नियामक शिखर सम्मेलन 2024 के दूसरे संस्करण का उद्घाटन किया। दूसरा वैश्विक खाद्य नियामक शिखर सम्मेलन 2024 तीसरे विश्व खाद्य भारत 2024 के साथ 20-21 सितंबर 2024 को आयोजित किया गया। दूसरे वैश्विक खाद्य नियामक शिखर सम्मेलन 2024 के समापन सत्र को 21 सितंबर 2024 को केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह, जिन्हें लल्लन सिंह के नाम से भी जाना जाता है, संबोधित करेंगे।

पहला वैश्विक खाद्य नियामक शिखर सम्मेलन 2023 जी20 शिखर सम्मेलन के साथ सह-ब्रांडेड कार्यक्रम के रूप में नई दिल्ली में आयोजित किया गया था। यह शिखर सम्मेलन खाद्य विनियमन और सुरक्षा आवश्यकताओं के पहलुओं पर जानकारी का आदान-प्रदान करने के लिए देशों के खाद्य नियामकों को एक साथ लाता है। यह विभिन्न देशों के खाद्य नियामकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने का अवसर भी प्रदान करता है।

दूसरे वैश्विक खाद्य नियामक शिखर सम्मेलन 2024 के आयोजक

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफ़एसएसएआई ), जो केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त निकाय है, 20-21 सितंबर 2024 को नई दिल्ली में दूसरा वैश्विक खाद्य नियामक शिखर सम्मेलन 2024 आयोजित का रहा है।

दूसरे वैश्विक खाद्य नियामक शिखर सम्मेलन 2024 के प्रतिभागी

50 से अधिक देशों के खाद्य नियामक निकायों, जोखिम मूल्यांकन प्राधिकरणों और अनुसंधान संस्थानों के प्रतिनिधि दूसरे वैश्विक खाद्य नियामक शिखर सम्मेलन 2024 में भाग ले रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और खाद्य और कृषि संगठनों (एफएओ) का एक अंतर सरकारी निकाय, कोडेक्स एलिमेंटेरियस आयोग भी शिखर सम्मेलन में भाग ले रहा है। डबल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनोम घेब्रेयेसस ने दूसरे वैश्विक खाद्य नियामक शिखर सम्मेलन 2024 के उद्घाटन सत्र को वस्तुतः संबोधित किया।

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफ़एसएसएआई)

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफ़एसएसएआई) एक वैधानिक निकाय है जिसे 2008 में खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के प्रावधानों के तहत स्थापित किया गया था। एफ़एसएसएआई, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में है। एफएसएसएआई का कार्य देश में भोजन के लिए विज्ञान-आधारित मानक स्थापित करना और मानव उपभोग के लिए सुरक्षित और पौष्टिक भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए इसके विनिर्माण, भंडारण, वितरण, बिक्री और आयात को विनियमित करना है।

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