DRDO ने गाइडेड पिनाका वेपन सिस्टम के लिए एक श्रृंखला में सफल उड़ान परीक्षण पूरे किए, जो प्रोविजनल स्टाफ क्वालिटेटिव रिक्वायरमेंट्स (PSQR) सत्यापन परीक्षणों का हिस्सा थे। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि में तीन चरणों में अलग-अलग फील्ड फायरिंग रेंज पर परीक्षण किए गए, जो प्रणाली की संचालनात्मक क्षमता, सटीकता और उन्नत क्षमताओं को प्रदर्शित करते हैं।
सामान्य जानकारी
परीक्षणों का उद्देश्य
- भारतीय सेना में शामिल करने के लिए संचालनात्मक तैयारी को सत्यापित करना।
- PSQR सत्यापन परीक्षणों के हिस्से के रूप में आयोजित।
परीक्षण चरण
- तीन चरणों में कई फील्ड फायरिंग रेंज पर परीक्षण।
- PSQR मानकों जैसे रेंज, सटीकता, निरंतरता और साल्वो मोड में फायर की दर का मूल्यांकन किया गया।
परीक्षण के दौरान मूल्यांकन किए गए प्रमुख मानक
- रेंज: विस्तारित दूरी पर लक्ष्य को भेदने की क्षमता।
- सटीकता: विभिन्न रेंज पर सटीक हमले।
- निरंतरता: निर्दिष्ट लक्ष्यों को बार-बार सटीकता से भेदने की क्षमता।
- फायर की दर: साल्वो मोड में एक साथ कई लक्ष्यों पर हमला करने का प्रदर्शन।
परीक्षण विनिर्देश
- रॉकेट की संख्या: प्रत्येक उत्पादन एजेंसी से 12 रॉकेट का परीक्षण।
- लॉन्चर्स: दो उन्नत, सेवा में शामिल पिनाका लॉन्चर का उपयोग।
विकास और डिजाइन में योगदानकर्ता
मुख्य डिजाइन एजेंसियां
- आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (ARDE)
- रिसर्च सेंटर इमारत (RCI)
- डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट लेबोरेटरी (DRDL)
- हाई एनर्जी मटेरियल्स रिसर्च लेबोरेटरी (HEMRL)
- प्रूफ एंड एक्सपेरिमेंटल एस्टेब्लिशमेंट (PXE)
उत्पादन एजेंसियां
- गोलाबारूद: म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड और इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड।
- लॉन्चर और बैटरी कमांड पोस्ट: टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड और लार्सन एंड टुब्रो।
अधिकारियों के बयान
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह
- DRDO और भारतीय सेना को सफल PSQR परीक्षणों के लिए बधाई।
- गाइडेड पिनाका को सशस्त्र बलों की तोपखाना शक्ति बढ़ाने वाला बताया।
डॉ. समीर वी. कामत, सचिव, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग और DRDO अध्यक्ष
- उड़ान परीक्षण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए टीमों को बधाई दी।
- गाइडेड पिनाका को भारतीय सेना में शामिल करने के लिए तैयार बताया।
महत्व
- स्वदेशी विकास: पूरी तरह भारत में विकसित, उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता को दर्शाता है।
- बढ़ी हुई मारक क्षमता: सटीक हमले की क्षमता भारतीय सेना की संचालनात्मक प्रभावशीलता को मजबूत करती है।
- उन्नत विशेषताएँ:
- स्वदेशी घटकों के साथ मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम (MLRS)।
- बेहतर सटीकता, दक्षता और रणनीतिक लचीलापन।
Summary/Static | Details |
चर्चा में क्यों? | डीआरडीओ द्वारा निर्देशित पिनाका हथियार प्रणाली का सफल पीएसक्यूआर सत्यापन परीक्षण |
द्वारा संचालित | रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) |
परीक्षणों का उद्देश्य | भारतीय सेना में भर्ती की तैयारी के लिए अनंतिम स्टाफ गुणात्मक आवश्यकताओं (पीएसक्यूआर) का सत्यापन |
Phases of Testing | विभिन्न फील्ड फायरिंग रेंजों में तीन चरण |
मूल्यांकित प्रमुख पैरामीटर | – रेंज
– सटीकता – स्थिरता – साल्वो मोड में फायर की दर |
रॉकेट परीक्षण | – प्रत्येक उत्पादन एजेंसी से 12 रॉकेट
– दो उन्नत, सेवा में मौजूद पिनाका लांचर के साथ परीक्षण किया गया |
विकास योगदानकर्ता | – आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (ARDE)
– अनुसंधान केंद्र इमारत (RCI) – रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (DRDL) – HEMRL और PXE |
उत्पादन एजेंसियां | – गोला-बारूद: म्यूनिशन इंडिया लिमिटेड, इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड
– लॉन्चर और कमांड पोस्ट: टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड, लार्सन एंड टुब्रो |
महत्व | – भारतीय सेना के लिए उन्नत तोपखाने की क्षमताएँ
– रक्षा प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता की ओर कदम – परिचालन लचीलापन और मारक क्षमता में सुधार |