न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और वरिष्ठ अधिवक्ता के वी विश्वनाथन को केंद्र सरकार द्वारा अधिवक्ताओं की नियुक्ति को मंजूरी देने के बाद सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के रूप में शपथ दिलाई जाएगी। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा केंद्र को उनके नामों की सिफारिश की गई थी।
केवी विश्वनाथन एक वरिष्ठ वकील हैं, जिन्होंने 30 से अधिक वर्षों तक सुप्रीम कोर्ट में वकालत की है। वह संवैधानिक कानून, आपराधिक कानून और वाणिज्यिक कानून सहित कई मामलों में दिखाई दिए हैं। वह बार काउंसिल ऑफ इंडिया और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के सदस्य भी हैं।
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न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश हैं। उन्हें 2013 में उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था और 2021 में इसके मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था। उन्होंने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में भी कार्य किया है।
पांच सदस्यीय कॉलेजियम ने कहा कि उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 34 है और वर्तमान में यह 32 न्यायाधीशों के साथ काम कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट के दो जज दिनेश माहेश्वरी और एमआर शाह हाल ही में रिटायर हुए हैं। कॉलेजियम ने विश्वनाथन और मिश्रा के नामों की सिफारिश करते हुए कहा कि जुलाई के दूसरे सप्ताह तक चार और रिक्तियां पैदा होने जा रही हैं और न्यायाधीशों की कार्य संख्या और कम हो जाएगी।