
जर्मनी ने हॉकी विश्व कप के फाइनल में बेल्जियम को हराकर खिताब जीत लिया। इसी के साथ जर्मनी ने बेल्जियम के पिछले पांच साल के दबदबे को खत्म कर दिया। दो गोल से पिछड़ने के बाद जर्मनी ने एक बार फिर शानदार वापसी की। चैंपियन बेल्जियम की टीम को पेनल्टी शूटआउट में हराकर तीसरी बार एफआईएच पुरुष हॉकी विश्व का खिताब जीत लिया।
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रोमांचक फाइनल में नियमित समय के बाद दोनों टीम 3-3 से बराबर थी, लेकिन इसके बाद जर्मनी की टीम ने खचाखच भरे कलिंगा स्टेडियम में सडन डेथ में 5-4 से जीत दर्ज की। जर्मनी के लिए नियमित समय में निकलास वेलेन (29वें मिनट), गोंजालो पेइलाट (41वें मिनट) और कप्तान मैट्स ग्रेमबुश (48वें मिनट) ने गोल दागे।
गत चैंपियन बेल्जियम की ओर से फ्लोरेंट वेन ओबेल फ्लोरेंट (10वें मिनट), टेंगास कोसिन्स (11वें मिनट) और टॉम बून (59वें मिनट) में गोल दागे। मौजूदा टूर्नामेंट में यह तीसरा मौका है जब जर्मनी ने 0-2 से पिछड़ने के बाद जीत दर्ज की जो टीम की मानसिक मजबूती की पहचान है। जर्मनी ने इससे पहले इंग्लैंड के खिलाफ क्वार्टर फाइनल और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में भी दो गोल से पिछड़ने के बाद जीत दर्ज की थी।
जर्मनी ने इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया और नीदरलैंड की बराबरी करते हुए अपने विश्व खिताब की संख्या को तीन तक पहुंचाया। जर्मनी ने इससे पहले 2002 और 2006 में भी खिताब जीते थे। पुरुष हॉकी विश्व कप में सर्वाधिक खिताब जीतने का रिकॉर्ड पाकिस्तान के नाम दर्ज है जिसने चार बार यह खिताब अपने नाम किया है।



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