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निर्मला सीतारमण द्वारा बजट 2025 में घोषित 5 आयकर राहत उपाय

केंद्रीय बजट 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने करदाताओं को राहत देने के लिए कई आयकर छूट उपायों की घोषणा की। इन बदलावों का उद्देश्य कर भार को कम करना, फाइलिंग प्रक्रिया को सरल बनाना और बचत को बढ़ावा देना है। सरकार ने कर स्लैब बढ़ाए हैं, कर-मुक्त सीमा में वृद्धि की है और छोटे व्यवसायों के लिए लाभ प्रदान किए हैं। इन उपायों से विभिन्न आय समूहों में न केवल डिस्पोजेबल इनकम बढ़ेगी बल्कि आर्थिक वृद्धि को भी बढ़ावा मिलेगा।

बजट 2025 में घोषित 5 प्रमुख आयकर छूट उपाय

1 फरवरी 2025 को संसद में केंद्रीय बजट प्रस्तुत करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वेतनभोगी व्यक्तियों, पेंशनभोगियों और छोटे करदाताओं को कई आयकर लाभ देने की घोषणा की। नीचे बजट 2025 में घोषित प्रमुख आयकर राहत उपाय दिए गए हैं:

₹12 लाख तक की आय पर कोई कर नहीं

सबसे बड़ी राहत यह है कि जिन व्यक्तियों की वार्षिक आय ₹12 लाख तक है, उन्हें अब कोई आयकर नहीं देना होगा। इससे मध्यवर्गीय और निम्न-आय वर्ग के लोगों की बचत बढ़ेगी।

नए कर स्लैब की घोषणा

सरकार ने बजट 2025 में नए आयकर स्लैब पेश किए हैं:

  • ₹0 – ₹4 लाख : कोई कर नहीं
  • ₹4 लाख – ₹8 लाख : 5% कर
  • ₹8 लाख – ₹12 लाख : 10% कर
  • ₹12 लाख – ₹16 लाख : 15% कर
  • ₹16 लाख – ₹20 लाख : 20% कर
  • ₹20 लाख – ₹24 लाख : 25% कर
  • ₹24 लाख से अधिक : 30% कर

यह नई कर संरचना कर गणना को आसान बनाएगी और करदाताओं को राहत देगी।

विभिन्न आय समूहों के लिए कर लाभ

नई कर प्रणाली के तहत अलग-अलग आय वर्ग को निम्नलिखित बचत मिलेगी:

  • ₹12 लाख कमाने वाले करदाता को ₹80,000 की कर बचत होगी।
  • ₹18 लाख कमाने वाले करदाता को ₹70,000 की कर बचत होगी।
  • ₹25 लाख कमाने वाले करदाता को ₹1.10 लाख की कर बचत होगी।

वेतनभोगी और पेंशनभोगियों के लिए उच्च मानक कटौती

सरकार ने नए कर प्रणाली में मानक कटौती (स्टैंडर्ड डिडक्शन) को बढ़ाकर ₹75,000 कर दिया है। इसका मतलब है कि वेतनभोगी और पेंशनभोगी अपने कर योग्य आय से ₹75,000 घटा सकते हैं।

इससे वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए कर-मुक्त आय सीमा ₹12.75 लाख हो जाती है।

जो लोग पुरानी कर व्यवस्था का चुनाव करेंगे, उनके लिए मानक कटौती ₹50,000 बनी रहेगी, लेकिन वे अभी भी निम्नलिखित कटौती का लाभ उठा सकते हैं:

  • धारा 80C (₹1.5 लाख तक की कटौती)
  • धारा 80D (स्वास्थ्य बीमा कटौती)
  • एचआरए (गृह किराया भत्ता) लाभ

किराए पर टीडीएस सीमा में वृद्धि

सरकार ने किराए पर टीडीएस (Tax Deducted at Source) की सीमा ₹2.4 लाख से बढ़ाकर ₹6 लाख प्रति वर्ष कर दी है।

इसका मतलब है कि यदि कोई किराएदार सालाना ₹6 लाख से कम किराया देता है, तो उसे मकान मालिक को भुगतान करने से पहले टीडीएस काटने की आवश्यकता नहीं होगी। यह छोटे मकान मालिकों और किरायेदारों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत होगी।

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