राष्ट्र ने दिल्ली के राजपथ में आयोजित एक भव्य सैन्य परेड और अपने इतिहास, सांस्कृतिक विविधता और रणनीतिक हथियारों की प्रदर्शनी के साथ अपना 72 वां गणतंत्र दिवस को मनाया। यह दिन देश में सभी नागरिकों द्वारा मनाया जाता है, जिसे भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय अवकाश के रूप में घोषित किया गया है। गणतंत्र दिवस परेड समारोह की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय समर स्मारक (National War Memorial) पर जाकर करेंगे। 21 तोपों की सलामी के साथ राष्ट्रगान के बाद राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया गया।
भारतीय गणतंत्र दिवस पूरे भारत में देशभक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाता है। राजपथ पर, दिल्ली में, भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों की रेजिमेंटों द्वारा शानदार परेड की जाती हैं। इसमें नवीनतम मिसाइलों, विमानों और हथियार प्रणालियों के साथ भारत की रक्षात्मक प्रगति का भी प्रदर्शन किया जाता है। परेड के दौरान भारत के सभी राज्यों की विशिष्टता का प्रतिनिधित्व करने वाली सुंदर झांकी भी दिखाई जाती हैं। इस परेड का समापन आमतौर पर भारतीय बलों द्वारा कई एयर शो और फ्लाईपास्ट के साथ होता है।
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भारत का गणतंत्र दिवस: महत्व
- भारत 15 अगस्त, 1947 को स्वतंत्र हुआ था, लेकिन स्वतंत्रता के बाद भी, देश के पास अपना संविधान नहीं था.
- संविधान लागू होने से पहले के कानून, भारत सरकार अधिनियम 1935 (Government of India Act 1935) के आधार पर चल रहे थे। एक स्थायी संविधान और अपने स्वयं के शासी निकाय की जरुरत को महसूस करते हुए, भारत सरकार ने 28 अगस्त 1947 को एक ड्राफ्ट समिति का गठन किया था। डॉ, बीआर अंबेडकर को मसौदा समिति का अध्यक्ष बनाया गया था।
- लगभग 3 वर्षों के बाद, सभा के 308 सदस्यों के कई परामर्शों और कुछ संशोधनों के बाद आखिरकार 24 जनवरी 1950 को एक संविधान पर हस्ताक्षर किए गए, जो 26 जनवरी 1950 से प्रभाव में आया.
- उसी दिन को तब से भारत में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। यह दिन एक उचित संविधान होने के महत्व को परिभाषित करता है जिसे सभी नागरिकों को पालन करना चाहिए.