नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज (इंडिया) ने प्रिंसिपल साइंटिस्ट, डिवीजन ऑफ मॉलिक्यूलर पैरासिटोलॉजी एंड इम्यूनोलॉजी, (CSIR-CDRI) -लखनऊ, डॉ. सतीश मिश्रा को “डॉ. तुलसी दास चुघ अवार्ड 2020” के लिए चुना है. उन्हें मलेरिया परजीवी के जीवन चक्र पर उनके शोध कार्य के लिए सम्मानित किया गया है, जो दो मेजबानों और तीन आक्रामक चरणों को शामिल करने वाली एक जटिल प्रक्रिया है.
शोध कार्य:
स्तनधारियों और मच्छरों दोनों में आक्रमण को सफलतापूर्वक खेले जाने वाले घटनाओं के समन्वित अनुक्रम की आवश्यकता होती है. उनका उत्कृष्ट काम “बदले हुए थ्रोम्बोस्पोन्डिन रिपीट के साथ सीक्रेट प्रोटीन (Secreted Protein with Altered Thrombospondin Repeat -SPATR), जो एसेक्सुअल ब्लड स्टेज के लिए आवश्यक है, लेकिन मलेरिया परजीवी प्लास्मोडियम बर्घी द्वारा हेपेटोसाइट आक्रमण के लिए आवश्यक नहीं है” शामिल है. यह अध्ययन पी. बर्घी स्पोरोजोइट्स में SPATR की वितरण क्षमता और रक्त-चरण संक्रमण की स्थापना के लिए इसके महत्व पर केंद्रित है, इस प्रक्रिया के दौरान इसकी सटीक भूमिका को जानने के लिए आगे की जांच की आवश्यकता है.
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डॉ. सतीश मिश्रा को निम्न से भी सम्मानित किया गया है:
- 2019 में एक सदस्य निर्वाचित, नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेस, भारत.
- 2018 में एक सदस्य निर्वाचित, द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेस, भारत.
- 2018 में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद, भारत सरकार द्वारा शकुंतला अमीर चंद पुरस्कार.
- जैव प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा 2013 में रामलिंगस्वामी रि-एंट्री फेलोशिप.