केंद्र सरकार, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) मुआवजे की कमी को पूरा करने के लिए स्पेशल विंडो के तहत 1.1 लाख करोड़ रुपये उधार लेगी। स्पेशल विंडो के तहत, उपयुक्त किश्त में अनुमानित कमी को पूरा करने के लिए, भारत सरकार द्वारा 1.1 लाख करोड़ रुपये (सभी राज्यों को मिलाकर) का उधार लिया जायेगा। जीएसटी मुआवजा के बदले में उधार ली गई राशि को राज्यों को बैक-टू-बैक ऋण के रूप में पारित किया जाएगा। इससे भारत सरकार के राजकोषीय घाटे पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
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राशियों को राज्य सरकारों की पूंजी प्राप्तियों के रूप में और इसके संबंधित राजकोषीय घाटे के वित्तपोषण के हिस्से के रूप में दिखाया जाएगा। यह उन ब्याज दरों में अंतर से बचने में मदद करेगा, जो अलग-अलग राज्यों द्वारा अपने संबंधित एसडीएल के लिए, लिए जा सकते हैं और प्रशासनिक रूप से यह एक आसान व्यवस्था होगी। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि इस कदम से सामान्य सरकार (राज्य + केंद्र) की उधारी नहीं बढ़ेगी। जिन राज्यों को विशेष विंडो से लाभ मिलता है, उनके लिए एटीएम निर्भर पैकेज के तहत GSDP के 2% (3% से 5%) की अतिरिक्त उधार सुविधा से काफी कम राशि उधार लेने की संभावना है।