भारत की पहली No-Permission No-Takeoff (NPNT) A200 रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम (RPAS) कंप्लेंट ड्रोन उड़ान को क्विडिच इनोवेशन लैब्स और एस्टेरिया एयरोस्पेस द्वारा सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। यह NPNT ड्रोन उड़ान नागरिक उड्डयन MoCA और DGCA की व्यापक नीति के तहत मानवरहित एरियल व्हीकल (UAV) के उपयोग पर आधारित है, जो 1 दिसंबर 2018 को लागू हुई थी।
क्विड ने ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीएफआई) के सहयोग से, कई राज्यों के पुलिस विभागों के लिए अपनी सेवाओं का विस्तार किया है, जो वर्तमान में चल रहे कोविड -19 संकट के दौरान भीड़ की निगरानी और नियंत्रण कार्यों के लिए ड्रोन प्रदान करता हैं।
No Permission No Takeoff के बारे में:
यह डीजीसीए इंडिया द्वारा जारी किए गए डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म का एक भाग है। इसमें पायलट के पास मानवरहित विमान ऑपरेटर परमिट (UAOP) और ड्रोन के लिए यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर (UIN) होना अनिवार्य है। हर उड़ान से पहले NPNT क्लीयरेंस की जरूरत होती है। यह यूएवी उपयोग और यातायात को नियंत्रित करने के लिए शुरू की गई एक नई पहल है।
यह डीजीसीए इंडिया द्वारा जारी किए गए डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म का एक भाग है। इसमें पायलट के पास मानवरहित विमान ऑपरेटर परमिट (UAOP) और ड्रोन के लिए यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर (UIN) होना अनिवार्य है। हर उड़ान से पहले NPNT क्लीयरेंस की जरूरत होती है। यह यूएवी उपयोग और यातायात को नियंत्रित करने के लिए शुरू की गई एक नई पहल है।
उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-
- नागरिक उड्डयन मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार): हरदीप सिंह पुरी.