प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का उद्घाटन कर दिया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का भी अनावरण किया। यह प्रतिमा 28 फुट ऊंची ग्रेनाइट पत्थर पर उकेरी गई है। 65 मीट्रिक टन यह प्रतिमा उसी जगह स्थापित की गई है जहां बीते 23 जनवरी को पराक्रम दिवस पर नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया गया था।
Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams
ये दोनों निर्माण कार्य सेंट्रल विस्टा रि-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं। इससे पहले जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन की छत पर बनाए गए अशोक स्तंभ का भी अनावरण कर चुके हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि नेताजी की 28 फीट ऊंची प्रतिमा भारत में सबसे ऊंची, यथार्थवादी, अखंड, हस्तनिर्मित मूर्तियों में से एक है। नेताजी की प्रतिमा 280 मीट्रिक टन वजन वाले ग्रेनाइट के एक अखंड ब्लॉक से उकेरा गया है।
सेंट्रल विस्टा क्या है?
नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक के 3.2 किमी लंबे क्षेत्र को सेंट्रल विस्टा कहते हैं। बंगाल में बढ़ते विरोध के बीच दिसंबर 1911 में किंग जॉर्ज पंचम ने भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित करने का घोषणा किया। दिल्ली में महत्वपूर्ण इमारतें बनाने का जिम्मा मिला एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर को। इन दोनों ने ही सेंट्रल विस्टा को डिजाइन किया। ये प्रोजेक्ट वॉशिंगटन के कैपिटल कॉम्प्लेक्स और पेरिस के शान्स एलिजे से प्रेरित था। ये तीनों प्रोजेक्ट नेशन-बिल्डिंग प्रोग्राम का हिस्सा थे।
सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का पुनर्विकास क्यों हुआ?
सेंट्रल विस्टा एवेन्यू सेंट्रल विस्टा मास्टर प्लान का हिस्सा है। राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट के बीच की सड़क और उसके दोनों ओर के इलाके को सेंट्रल विस्टा एवेन्यू कहते हैं। यह सड़क जो किंग्स वे के नाम से बनी थी। आजादी के बाद इसका नाम राजपथ हो गया। अब इसका नाम कर्तव्य पथ हो गया।