भारत सरकार और मणिपुर सरकार ने 27 दिसंबर 2022 को नई दिल्ली में मणिपुर के एक विद्रोही गुट, जेलियांग्रोंग यूनाइटेड फ्रंट (जेडयूएफ) के साथ युद्ध विराम के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की उपस्थिति में केंद्रीय गृह मंत्रालय, मणिपुर सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और जेडयूएफ के प्रतिनिधियों ने समझौते पर हस्ताक्षर किए।
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समझौते के तहत जेडयूएफ ने हिंसा को त्यागने और शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल होने पर सहमति व्यक्त की है। यह समझौता जेडयूएफ के सशस्त्र संवर्गों के पुनर्वास और पुनर्स्थापन का प्रावधान करता है। समझौते के कार्यान्वयन के लिए एक संयुक्त निगरानी समूह का भी गठन किया जाएगा।
ज़ेलियानग्रोंग यूनाइटेड फ्रंट (जेडयूएफ) के बारे में
जेलियांग्रोंग यूनाइटेड फ्रंट (जेडयूएफ) की स्थापना साल 2011 में हुई थी। यह एक नागा समूह है जो मणिपुर में सक्रिय है। समूह का दावा है कि उसका उद्देश्य मणिपुर, असम और नागालैंड में ‘ज़ेलियनग्रोंग नागा जनजातियों’ के हितों की रक्षा करना है। इसका उद्देश्य मणिपुर, असम और नागालैंड में जेलियांग्रोंग नागा जनजाति क्षेत्र को शामिल करते हुए भारतीय संघ के भीतर एक ‘ज़ेलियानग्रोंग’ राज्य बनाना था।
मणिपुर में सक्रिय कुछ प्रमुख विद्रोही समूह
- कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (केसीपी)
- यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ),
- पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए)
- पीपल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ़ कांगलीपाक (प्रीपैक)
- नागालैंड की राष्ट्रीय समाजवादी परिषद – खापलांग (एनएससीएन-क)
- मणिपुर पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट (एमपीएलएफ)
- कुकी नेशनल फ्रंट (केएनएफ)
- कुकी नेशनल लिबरेशन फ्रंट (केएनएलएफ)
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