दुनियाभर में हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस (World AIDS Day 2023) के रूप में मनाया जाता है। खतरनाक बीमारी के बारे में विश्व के लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल यह दिवस सेलिब्रेट किया जाता है। इसके तहत, कई प्रोगाम आयोजित किए जाते हैं, जिससे लोगों को इस बारे में जागरूक किया जा सके।
ह्यूमन इम्यूनोडेफिशियेंसी वायरस (HIV) के कारण एड्स जैसी घातक बीमारी पैदा हो सकती है। इस बीमारी पर कैसे काबू पाया जाए इसके लिए यूएन लगातार प्रयास कर रहा है। लोगों के एड्स के बारे में जागरूक किया जा रहा है। पीड़ित लोगों को सपोर्ट किया जाता है।
39 मिलियन लोग एचआईवी से पीड़ित
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हाल ही में यूएनएड्स ने अपनी वार्षिक विश्व एड्स दिवस रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट में यह बात कही गई कि साल 2030 तक “एड्स को अभी खत्म किया जाना संभव है, बशर्ते कि इस दिशा में सही से प्रयास किए जाएं। रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया भर में 39 मिलियन लोग एचआईवी से पीड़ित हैं।
विश्व एड्स दिवस 2023: थीम
यह हर वर्ष एक नई थीम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है। इसके तहत, इस साल साल 2023 की थीम है Let Communities Lead है। इसका आशय है कि बीमारी से प्रभावित समुदायों को नेतृत्व करने की भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करना है।
एड्स रोग क्या है?
एड्स, एचआईवी वायरस से संक्रमण के कारण होने वाली बीमारी है। आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचाकर, एचआईवी वायरस शरीर के संक्रमण और बीमारी से लड़ने की क्षमता को काफी कमजोर कर देता है। यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) के अलावा ये संक्रमण संक्रमित रक्त के चढ़ाने, संक्रमित व्यक्ति को लगे इंजेक्शन के उपयोग से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। गर्भावस्था, प्रसव या स्तनपान के दौरान मां से इसके बच्चे में भी होने का खतरा देखा जाता रहा है।
विश्व एड्स दिवस का महत्व
पिछले कई सालों से दुनियाभर में एड्स दिवस मनाया जा रहा है। यह एक जानलेवा बीमारी है। ऐसे में लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करने के लिए इसे मनाया जाता है। इस दिवस का उद्देश्य दुनियाभर से इसे जड़ से खत्म करना है। साथ ही, सरकार को इस बीमारी के लिए दवाइयों और मौतों की संख्या को कम करना है।
विश्व एड्स दिवस का इतिहास
हर साल 1 दिसबंर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। पहली बार विश्व एड्स दिवस 1988 में मनाया गया था। 35 वर्षों से दुनियाभर में एड्स दिवस मनाया जा रहा है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य एचआईवी संक्रमण के प्रति लोगों को जागरूक करना होता है। यह एक जानलेवा बीमारी है और दुनियाभर में कई लोगों की जान जा चुकी है।