विश्व मलेरिया दिवस हर साल 25 अप्रैल को विश्व स्तर पर मनाया जाता है. यह दिन दुनिया भर में मलेरिया के खिलाफ लड़ने के लिए लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है. इस दिन का उद्देश्य मलेरिया जैसी घातक बीमारी के नियंत्रण में तत्काल कार्रवाई करना है. भारत में भी हज़ारों लोग हर साल मच्छरों से होने वाली बीमारियों का शिकार होते हैं, जिनमें से एक मलेरिया भी है.
विश्व मलेरिया दिवस 2022: विषय
विश्व मलेरिया दिवस 2022 की थीम है, “Harness innovation to reduce the malaria disease burden and save lives” यानि मलेरिया रोग के बोझ को कम करने और जीवन बचाने के लिए नवाचार का उपयोग करें. इस साल का विश्व मलेरिया दिवस वैश्विक उन्मूलन लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले नवाचारों की ओर ध्यान आकर्षित करेगा।
विश्व मलेरिया दिवस का इतिहास:
विश्व मलेरिया दिवस की शुरुआत अफ्रीका मलेरिया दिवस के रूप में हुई थी, जिसे पहली बार साल 2008 में मनाया गया था। मूल रूप से यह मलेरिया के बारे जागरूक करने का एक अवसर है जो 2001 के बाद से अफ्रीकी सरकारों द्वारा मनाया जा रहा था। उन्होंने प्रगति के लक्ष्य को ध्याम में रखते हुए काम किया जिसका उद्देश्य मलेरिया को नियंत्रित करना और अफ्रीकी देशों में इसकी मृत्यु दर को घटाना था।
विश्व स्वास्थ्य सभा के 60वें सत्र में, 2007 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा प्रायोजित एक बैठक में प्रस्तावित किया गया कि दुनिया भर के देशों में मलेरिया के अस्तित्व की पहचान करने और लोगों में जागरूकता लाने के लिए अफ्रीका मलेरिया दिवस को विश्व मलेरिया दिवस में बदल दिया जाए ताकि मलेरिया जैसे रोग से विश्व स्तर पर लड़ने का प्रयास किया जा सके।
मलेरिया से जुड़े तथ्य
- मलेरिया प्लास्मोडियम परजीवी के कारण होता है।
- परजीवी को संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छरों (Anopheles mosquitoes) के काटने के माध्यम से मनुष्यों में हो सकता है जिन्हें ‘मलेरिया वैक्टर’ भी कहा जाता है. जब मच्छर के काटने से परजीवी खून में पंहुच जाता है.
- मलेरिया एक प्रकार बुखार (febrile illness) है, जिसके लक्षण आमतौर पर संक्रमित मच्छर के काटने के 10-15 दिनों बाद दिखाई देते हैं. प्रारंभिक अवस्था में, इसके लक्षण बुखार, सिरदर्द और ठंड लगना हैं।
उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-
- डब्ल्यूएचओ का मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्जरलैंड; डब्लूएचओ के महानिदेशक: टेड्रोस गेब्रेयेसस.