होम्योपैथी और चिकित्सा की दुनिया में इसके योगदान के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 10 अप्रैल को विश्व होम्योपैथी दिवस (World Homeopathy Day) मनाया जाता है। यह दिन डॉ क्रिश्चियन फ्राइडरिक सैम्यूल हैनीमेन (Christian Friedrich Samuel Hahnemann) की जयंती के उपलक्ष्य में भी मनाया जाता है। 1755 में पेरिस में पैदा हुए हैनीमेन ने चिकित्सा की इस शाखा की स्थापना की और उन्हें होम्योपैथी का जनक माना जाता है।
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दिन का विषय:
इस वर्ष, भारत में विश्व होम्योपैथी दिवस 2022 की थीम ‘पीपुल्स चॉइस फॉर वेलनेस (People’s Choice For Wellness)’ है। हर साल की तरह इसकी थीम भी आयुष मंत्रालय तय करता है। इस दिन होम्योपैथी, इसके लाभ और चिकित्सा में इसके योगदान पर बनी डॉक्युमेंट्री का विमोचन किया जाएगा।
महत्व:
यह दिन उस मजबूत और स्थिर आधार का प्रतीक है जिस पर यह शाखा खड़ी है, जिसके कारण, विशेष रूप से एलोपैथिक समुदाय द्वारा प्रश्नों और शंकाओं से भरे होने के बावजूद, शाखा अभी भी जनता के बीच पर्याप्त विश्वास प्राप्त करती है। होम्योपैथी के जनक की जयंती पर मनाए जाने वाले दिन का उद्देश्य लोगों में वैकल्पिक चिकित्सा की छद्म वैज्ञानिक प्रणाली के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
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