हर साल 2 सितंबर को पूरी दुनिया में विश्व नारियल दिवस मनाया जाता है। प्रकृति के सबसे बहुमुखी उत्पादों में से एक, नारियल का इस्तेमाल खाने-पीने और कॉस्मेटिक से लेकर सजावट तक हर चीज में किया जाता है। नारियल का इस्तेमाल कई भारतीय और विदेशी व्यंजनों में किया जाता है। इस दिन को एशियाई और प्रशांत नारियल समुदाय द्वारा उत्साह के साथ मनाया जाता है। नारियल दिवस को मनाने का उद्देश्य दुनियाभर में नारियल की खेती के बारे में लोगों को जागरुक करना है। नारियल हमारे शरीर के लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है।
गर्मी के दिनों में बहुत लोग खुद को हाइड्रेटेड रखने के लिए नारियल पानी पीना पसंद करते हैं। बता दें कि नारियल पानी केवल बॉडी को हाइड्रेटेड ही नहीं रखता है बल्कि कई तरह की बीमारियों से बचाने में भी अहम भूमिका निभाता है। दरअसल नारियल पानी बहुत तरह के न्यूट्रिएंट्स से भरपूर होता है, जो कई तरह की प्रॉब्लम को दूर रखने का काम करते हैं।
विश्व नारियल दिवस का महत्व
विश्व नारियल दिवस किसानों और नारियल उगाने के व्यवसाय में हितधारकों द्वारा मनाया जाता है। विश्व नारियल दिवस नारियल के कई लाभों का जश्न मनाने और स्थायी नारियल खेती प्रथाओं को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
नारियल दिवस मनाने का उद्देश्य
नारियल दिवस मनाने का उद्देश्य नारियल के प्रति जागरूकता बढ़ाना, अहमियत बताना और इस फसल की ओर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित करना है। सालों से, इस दिन को नारियल के लाभों और इसके व्यापक उपयोग को बढ़ावा देने और फैलाने के लिए मनाया जा रहा है।
विश्व नारियल दिवस का इतिहास
हर साल 2 सितम्बर को नारियल उत्पादक देशों के अंतर सरकारी संगठन ‘अंतर्राष्ट्रीय नारियल समुदाय (ICC)’ की स्थापना को चिह्नित करने के लिए विश्व नारियल दिवस मनाया जाता है। इस दिन को पहली बार एशिया प्रशांत नारियल समुदाय ने 2 सितंबर 2009 को मनाया था।
इंटरनेशनल कोकोनट कम्युनिटी (ICC) की स्थापना साल 1969 में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक व सामाजिक आयोग (UN-ESCAP) के तत्वावधान में हुई थी। उस समय इसे एशियाई और प्रशांत नारियल समुदाय के रूप में जाना जाता था।