विश्व पुस्तक दिवस (World Book Day), जिसे विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस (World Book and Copyright Day) के रूप में भी जाना जाता है, प्रतिवर्ष 23 अप्रैल को मनाया जाता है। यह एक दिन पढ़ने, लिखने, अनुवाद करने, प्रकाशित करने और कॉपीराइट की सुरक्षा के लाभों को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस किताब पढ़ने वाले और उनके प्रकाशन करने वालों का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है।
विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस की थीम
विश्व पुस्तक दिवस हर साल एक नई थीम के साथ मनाया जाता है। इस साल 2023 की थीम है ‘इंडिजेनस लैंग्वेजेज’ यानी स्वदेशी भाषाएं। इस थीम को रखने का मकसद देश और दुनिया में मौजूद अलग-अलग भाषाओं का महत्व को समझना है। इस थीम को रखने की एक और वजह है स्वदेशी भाषा को मजाक न उड़ाएं उसकी कद्र करें और उन्हें विलुप्त होने से बचाएं।
विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस का महत्व
विश्व पुस्तक दिवस पर लोगों को पुस्तकों और लेखकों का सम्मान करना सिखाता है। ये दिवस उन लोगों के लिए तो बहुत ही खास होता है जिन्हें पढ़ने का शौक होता है। विश्व पुस्तक दिवस पर दुनिया भर में लोग पुस्तकों और लेखकों के सम्मान करने के बारे में सिखाता है। ये दिवस उन लोगों के लिए और भी खास होता है जिन्हें पढ़ने का शौक होता है और वह आनंद की खोज करने और अतीत के महान लेखकों को पुस्तकों को पढ़ उन्हें वर्तमान में भी महत्व देते हैं।
विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस का इतिहास
विश्व पुस्तक दिवस की शुरुआत सर्वेंट्स पब्लिशिंग हाउस के निर्देशन विसेंट क्लेवेल द्वारा साल 1922 में की गई थी। उन्होंने मिगुएल डे सर्वेंट्स को सम्मानित करने के मकसद के साथ इस दिन को मनाने की पहल की थी। उसके बाद ही 1926 में बार्सिलोना में पहला विश्व पुस्तक दिवस मनाया गया था। ये पुस्तक दिवस मिगुएल डे सर्वेंट्स की जन्मदिन 7 अक्टूबर को मनाया गया था। लेकिन बाद में इस दिवस को मनाने के लिए मिगुएल डे सर्वेंट्स की मृत्यु का दिन यानी कि 23 अप्रैल चुना गया।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:
- यूनेस्को मुख्यालय: पेरिस, फ्रांस;
- यूनेस्को की स्थापना: 16 नवंबर 1945, लंदन, यूनाइटेड किंगडम;
- यूनेस्को महानिदेशक, ऑड्रे अज़ोले।