कुछ ग्रह अपनी यात्रा पूरी करने में बहुत समय लेते हैं, जबकि कुछ बहुत तेज़ चलते हैं। उनकी गति इस बात पर निर्भर करती है कि वे सूर्य से कितनी दूर हैं और सूर्य का गुरुत्वाकर्षण उन पर कितना प्रभाव डालता है। इन अंतर को समझने से हमें ग्रहों की कक्षा और पूरे सौर मंडल के काम करने का तरीका जानने में मदद मिलती है।
सबसे तेज़ ग्रह कौन-सा है?
बुध (Mercury) सौर मंडल का सबसे तेज़ ग्रह है। यह सूर्य के बहुत निकट होने के कारण तेज़ी से परिक्रमा करता है। इसकी कक्षा छोटी है और सूर्य का गुरुत्वाकर्षण उस पर बेहद मजबूत होता है, जिससे यह अन्य ग्रहों की तुलना में बहुत तेज़ घूमता है।
बुध इतनी तेज़ी से क्यों चलता है?
बुध सूर्य के सबसे नजदीक स्थित ग्रह है। सूर्य का गुरुत्वाकर्षण इस पर बहुत अधिक खिंचाव डालता है, जिससे बुध को अपनी कक्षा में बने रहने के लिए तेज़ गति से घूमना पड़ता है। उसका छोटा आकार और हल्का द्रव्यमान उसे बिना अधिक प्रतिरोध के तेजी से चलने में मदद करता है।
बुध सूर्य की परिक्रमा कितनी तेज़ करता है?
बुध लगभग 47 किलोमीटर प्रति सेकंड (करीब 1,70,000 किमी/घंटा) की गति से घूमता है। यह गति पृथ्वी की तुलना में लगभग डेढ़ गुना अधिक है। इसी कारण बुध का साल सबसे छोटा होता है — यह केवल 88 पृथ्वी दिनों में सूर्य की एक परिक्रमा पूरी कर लेता है।
बुध का छोटा वर्ष
बुध पर एक वर्ष केवल 88 दिनों का होता है। जब पृथ्वी एक परिक्रमा में 365 दिन लेती है, तब बुध उसी समय में सूर्य की चार से भी अधिक परिक्रमा कर सकता है। इस कारण बुध सौर मंडल का सबसे तेज़ परिक्रमा करने वाला ग्रह कहलाता है।
बुध की कक्षा (Orbit Path)
बुध की कक्षा एकदम गोल नहीं, बल्कि अंडाकार (elliptical) होती है। इस वजह से यह सूर्य के पास आने पर और भी तेज़ हो जाता है और दूर जाने पर थोड़ी धीमी गति से चलता है। इन गति-परिवर्तनों के कारण बुध की गति वैज्ञानिकों के लिए काफी रोचक है।
बुध से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
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सबसे छोटा ग्रह: बुध पृथ्वी के चंद्रमा से भी छोटा है, फिर भी इसकी गुरुत्वाकर्षण शक्ति काफी मजबूत है।
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अत्यधिक तापमान: दिन में तापमान 400°C से ऊपर जा सकता है, जबकि रात में जमाव बिंदु से नीचे चला जाता है।
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कोई मोटा वायुमंडल नहीं: इसका वायुमंडल बहुत पतला (exosphere) है, जिससे गर्मी तेजी से निकल जाती है।
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एक दिन एक साल से लंबा: बुध को एक बार घूमने में 58 पृथ्वी दिन लगते हैं, जबकि एक वर्ष 88 दिनों का होता है — इसलिए बुध पर एक दिन लगभग 176 पृथ्वी दिनों के बराबर होता है।
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पिघला हुआ कोर: बुध के अंदर तरल धातु का कोर है जो चुंबकीय क्षेत्र बनाता है — यह इतनी छोटी ग्रह के लिए असामान्य है।


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