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मध्य प्रदेश का कौन सा जिला सफेद बाघों के शहर के रूप में जाना जाता है?

मध्य प्रदेश अपनी समृद्ध वन्यजीव संपदा, प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक धरोहर के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है। इन्हीं विशेषताओं के बीच राज्य का एक जिला ऐसे अनोखे सम्मान से जुड़ा है, जिसने उसे राष्ट्रीय स्तर पर एक विशिष्ट पहचान दिलाई है। यह जिला एक दुर्लभ और अद्भुत प्रजाति के सिंह से अपनी विशेष नातेदारी के कारण पूरे भारत में मशहूर है — ऐसे सिंह, जो दुनिया में कहीं और सामान्य रूप से नहीं पाए जाते। इसी अनूठे संबंध ने इस जिले को वन्य पर्यटन और जैव-विविधता संरक्षण के मानचित्र पर एक खास स्थान प्रदान किया है।

मध्य प्रदेश का एक संक्षिप्त परिचय

मध्य प्रदेश भारत के मध्य भाग में स्थित एक बड़ा राज्य है, इसी कारण इसे “भारत का हृदय” भी कहा जाता है। इसकी राजधानी भोपाल है। यह राज्य उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान से घिरा हुआ है। मध्य प्रदेश अपनी प्राचीन और समृद्ध इतिहास, महत्वपूर्ण खनिज संपदा और प्रसिद्ध सांस्कृतिक स्थलों के लिए जाना जाता है। देश में सबसे बड़े हीरा और तांबे के भंडार इसी राज्य में पाए जाते हैं। साथ ही यहाँ खजुराहो मंदिरों जैसे विश्व-प्रसिद्ध धरोहर स्थल भी स्थित हैं।

मध्य प्रदेश में सफेद बाघों का शहर

मध्य प्रदेश के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित रीवा जिला “सफेद शेरों का शहर” या “सफेद बाघों की भूमि” के नाम से प्रसिद्ध है। यह उपाधि उसे दुनिया के पहले दर्ज किए गए सफेद बाघ की खोज के कारण मिली। यह सफेद बाघ, जिसका नाम मोहान था, वर्ष 1951 में रीवा क्षेत्र के जंगलों में पाया गया था।

मोहान – पहले सफेद बाघ की कहानी

मोहान की खोज और पकड़ रीवा के महाराजा मार्तंड सिंह ने की थी। उन्होंने बाद में सफेद बाघों के संरक्षण और प्रजनन की एक विशेष योजना शुरू की। आज दुनिया भर के अधिकांश सफेद बाघ मोहान की ही वंश रेखा से जुड़े हैं। इस कारण रीवा का स्थान सफेद बाघों के इतिहास में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।

मुकुंदपुर में व्हाइट टाइगर सफारी

इस अनोखी विरासत को संरक्षित रखने के लिए रीवा और सतना की सीमा पर स्थित एमएमएसजे व्हाइट टाइगर सफारी और जू की स्थापना की गई। यहाँ पर्यटक सफेद बाघों को नज़दीक से देख सकते हैं। यह स्थान रीवा की वन्यजीव धरोहर का प्रमुख प्रतीक और एक महत्वपूर्ण पर्यटन केंद्र है।

रीवा जिले का परिचय

रीवा जिला विंध्याचल के पठारी क्षेत्र में स्थित है और यहाँ टोंस नदी तथा उसकी सहायक नदियाँ बहती हैं। यह जिला इन कारणों से जाना जाता है:

  • बघेल राजवंश की राजधानी के रूप में समृद्ध इतिहास

  • कृषि तथा सीमेंट उद्योग जैसी प्रमुख औद्योगिक गतिविधियाँ

  • महत्वपूर्ण शैक्षणिक संस्थान

  • खूबसूरत झरने और प्राकृतिक स्थल

  • दुनिया के सबसे बड़े सौर ऊर्जा संयंत्रों में से एक का घर

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