भारत ने ड्रोन निर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह पहल विमानों लिमिटेड (आरआरपी डिफेंस की एक रक्षा शाखा) और फ्रेंको-अमेरिकी कंपनी CYGR के बीच हुई नई साझेदारी के तहत की गई है। इस साझेदारी के तहत नवी मुंबई में एक अत्याधुनिक ड्रोन उत्पादन सुविधा स्थापित की जाएगी, जो रक्षा और औद्योगिक दोनों आवश्यकताओं को पूरा करेगी।
पृष्ठभूमि
विमानों लिमिटेड, आरआरपी डिफेंस की एक सहायक कंपनी है, जो उन्नत एयरोस्पेस और रक्षा समाधान पर केंद्रित है। वहीं, CYGR एक फ्रेंच-अमेरिकन तकनीकी कंपनी है जो अत्याधुनिक मानव-रहित हवाई वाहनों (UAV) के लिए जानी जाती है। यह साझेदारी उस समय पर हुई है जब भारत रक्षा क्षेत्र में खासकर निगरानी और सामरिक ड्रोन के क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को तेज़ी से आगे बढ़ा रहा है।
महत्व
यह साझेदारी भारत को UAV तकनीक में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। वैश्विक तनाव और निगरानी में मानव-रहित प्रणालियों के बढ़ते महत्व के बीच, यह संयुक्त प्रयास देश को स्वदेशी और उच्च प्रदर्शन वाले ड्रोन सिस्टम तक पहुंच सुनिश्चित करेगा। यह भारत की एक उच्च गुणवत्ता वाले रक्षा तकनीक निर्यात केंद्र के रूप में उभरती स्थिति को भी दर्शाता है।
उद्देश्य
उन्नत ड्रोन के लिए घरेलू निर्माण स्थापित करना।
भारत की भौगोलिक और परिचालन आवश्यकताओं के अनुसार सामरिक और निगरानी UAV का सह-विकास।
तकनीकी हस्तांतरण को बढ़ावा देना और भारत की ड्रोन निर्यात क्षमताओं को सशक्त बनाना।
रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर भारत मिशन को समर्थन देना।
मुख्य विशेषताएं
नवी मुंबई की सुविधा में हैंड-लॉन्च किए जाने वाले फिक्स्ड-विंग ड्रोन, नैनो ड्रोन और ISR ड्रोन का निर्माण किया जाएगा।
ये ड्रोन रक्षा, औद्योगिक और निगरानी कार्यों में काम आएंगे।
CYGR $20 मिलियन के रक्षा निर्यात अनुबंध की पेशकश करेगा, जिसके तहत हर साल सैकड़ों यूनिट्स का निर्माण लक्ष्य रखा गया है।
ये प्रणालियाँ कॉम्पैक्ट, फील्ड-डिप्लॉयेबल और जटिल परिस्थितियों में सटीकता से काम करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं।
प्रभाव
यह परियोजना भारत को UAV निर्माण में वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने में सहायक होगी। यह रोजगार सृजन, रक्षा तकनीक में नवाचार और ड्रोन निर्यात के नए अवसरों को भी बढ़ावा देगी। इसके साथ ही यह सहयोग सीमावर्ती और शहरी अभियानों में भारत की निगरानी और टोही क्षमताओं को भी सुदृढ़ करेगा।
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