मानसून सत्र के पहले ही दिन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने 21 जुलाई 2025 की शाम अचानक पद से इस्तीफे की घोषणा कर दी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को भेजे गए पत्र में धनखड़ ने इस्तीफे के लिए खराब स्वास्थ्य को कारण बताया है। राज्यसभा के पदेन सभापति होने के नाते, उप-राष्ट्रपति की भूमिका संसद के संचालन में अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। उनके इस्तीफ़े से न केवल संवैधानिक रूप से नया उप-राष्ट्रपति चुनने की प्रक्रिया शुरू हुई है, बल्कि राज्यसभा की कार्यप्रणाली में भी अस्थायी बदलाव आया है। यह घटनाक्रम प्रतियोगी परीक्षाओं के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें कई संवैधानिक अनुच्छेद, चुनावी प्रक्रिया और संसदीय नियमों का प्रत्यक्ष उल्लेख है।
उप-राष्ट्रपति का संवैधानिक पद
भारत के उप-राष्ट्रपति का पद देश का दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक पद होता है। संविधान के अनुच्छेद 63 से 71 के तहत उप-राष्ट्रपति का चुनाव पांच वर्ष के लिए किया जाता है। वह राज्यसभा के पदेन सभापति भी होते हैं और कार्यपालिका तथा विधायिका के बीच एक महत्त्वपूर्ण सेतु की भूमिका निभाते हैं।
इस्तीफ़ा और अनुच्छेद 67(क)
जगदीप धनखड़ ने अनुच्छेद 67(क) के तहत राष्ट्रपति को अपना इस्तीफ़ा सौंपा, जिसमें यह प्रावधान है कि उप-राष्ट्रपति राष्ट्रपति को लिखित रूप में इस्तीफ़ा दे सकते हैं। उनके इस्तीफ़े के बाद उप-राष्ट्रपति का पद रिक्त हो गया है, और संविधान के अनुसार, 60 दिनों के भीतर नए उप-राष्ट्रपति का चुनाव अनिवार्य है।
अब राज्यसभा की अध्यक्षता कौन करेगा?
अनुच्छेद 91 के अनुसार, उप-राष्ट्रपति का पद रिक्त होने पर राज्यसभा के उपसभापति अस्थायी रूप से सभापति की जिम्मेदारियाँ निभाते हैं। वर्तमान में जनता दल (यू) के सांसद हरिवंश नारायण सिंह राज्यसभा के उपसभापति हैं और मानसून सत्र के दौरान कार्यकारी सभापति के रूप में कार्य करेंगे, जब तक कि नया उप-राष्ट्रपति नहीं चुन लिया जाता।
उप-राष्ट्रपति का चुनाव प्रक्रिया
उप-राष्ट्रपति का चुनाव संविधान के अनुच्छेद 63 से 71 तथा Vice-President (Election) Rules, 1974 के तहत होता है। इस चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्य (वर्तमान में कुल 788 सांसद) मतदान करते हैं। मतदान गुप्त बैलेट द्वारा एकल संक्रमणीय मत प्रणाली (Single Transferable Vote) से होता है। चुनाव आयोग चुनाव की अधिसूचना जारी करेगा और यह चुनाव 19 सितंबर 2025 से पहले संपन्न कराना आवश्यक है।
योग्यता की शर्तें
संविधान के अनुसार, कोई भी व्यक्ति उप-राष्ट्रपति बनने के लिए पात्र है यदि:
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वह भारत का नागरिक हो,
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उसकी आयु कम से कम 35 वर्ष हो,
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वह राज्यसभा का सदस्य चुने जाने के योग्य हो,
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वह केंद्र या राज्य सरकार के अधीन कोई लाभ का पद न रखता हो (राष्ट्रपति, राज्यपाल या मंत्री पद अपवाद हैं)।
राजनीतिक और प्रशासनिक महत्व
मानसून सत्र के दौरान उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफ़ा राजनीतिक और संसदीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनके कार्यकाल में विपक्ष के साथ कई बार तीखे टकराव और विवादित टिप्पणियाँ चर्चा में रहीं। उनका यह कदम भाजपा संगठन में संभावित बदलावों जैसे नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के साथ मेल खा रहा है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि अगला उप-राष्ट्रपति कोई वरिष्ठ नेता, पूर्व राज्यपाल या वर्तमान उपसभापति हो सकते हैं।


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