राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राज्य उपाध्यक्ष और प्रतिबद्ध समाजवादी नेता चारूपारा रवि का मंगलवार को 77 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे तिरुवनंतपुरम के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान अंतिम सांस ले रहे थे। समाजवादी विचारधारा के प्रति उनकी अटूट निष्ठा के लिए पहचाने जाने वाले रवि, अपने निधन के समय पार्टी की संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पद पर भी कार्यरत थे।
राजनीतिक संघर्ष को समर्पित एक जीवन
चारूपारा रवि ने अपना राजनीतिक जीवन बहुत ही कम उम्र में शुरू किया। महज 18 वर्ष की आयु से ही वे जनता दल संगठनों से सक्रिय रूप से जुड़े रहे और आम आदमी की आवाज़ बुलंद करते रहे। उन्होंने सबसे पहले इंडिपेंडेंट स्टूडेंट ऑर्गनाइज़ेशन (ISO) के सदस्य के रूप में पहचान बनाई और बाद में युवजनता नामक समाजवादी युवा संगठन के अध्यक्ष बने, जिसने 1977 में जनता पार्टी सरकार के गठन के दौरान अहम भूमिका निभाई थी।
पिछले कई दशकों में रवि एक जमीनी नेता के रूप में उभरे, जिन्होंने राज्य के युवा समाजवादियों में राजनीतिक चेतना और सक्रियता को मजबूत किया। वे केवल एक पदाधिकारी नहीं थे, बल्कि एक पूर्णकालिक पार्टी कार्यकर्ता थे, जिन्हें उनकी सादगी, सहजता और पार्टी आंदोलनों व जनसभाओं में निरंतर उपस्थिति के लिए हमेशा याद किया जाएगा।
संघर्ष और प्रतिबद्धता से भरा राजनीतिक जीवन
चारूपारा रवि ने केरल विधानसभा चुनावों में कई बार भाग लिया, जो उनके लोकतांत्रिक प्रक्रिया के प्रति समर्पण को दर्शाता है। उन्होंने निम्नलिखित निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ा:
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1980 में आर्यनाड से
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1996 में नेय्याटिंकारा से
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2011 में नेमोम से
हालाँकि वे कभी विधानसभा नहीं पहुंच पाए, लेकिन चुनावी राजनीति में उनकी लगातार भागीदारी ने उन्हें सहकर्मियों और जनता के बीच एक सम्मानित नेता के रूप में स्थापित किया।


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