हिंदी और मराठी सिनेमा के दिग्गज कलाकार अच्युत पोतदार का 18 अगस्त 2025 को ठाणे के जुपिटर अस्पताल में 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया। फिल्म 3 इडियट्स में उनका प्रसिद्ध संवाद “कहना क्या चाहते हो?” आज भी दर्शकों की स्मृतियों में ताज़ा है। चार दशकों से अधिक लंबे करियर और 125 से अधिक फिल्मों में अपने अभिनय से उन्होंने भारतीय सिनेमा पर गहरी छाप छोड़ी।
अच्युत पोतदार का जीवन और करियर
पोतदार सिर्फ अभिनेता ही नहीं, बल्कि हर किरदार को गहराई और सच्चाई से निभाने वाले एक अनुभवी कलाकार थे। गंभीर नाटकों से लेकर बड़े व्यावसायिक फिल्मों तक, उनकी यात्रा उनके समर्पण और बहुमुखी प्रतिभा की गवाही देती है।
प्रारंभिक जीवन
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जन्म: जबलपुर, मध्य प्रदेश
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शिक्षा: अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर
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पेशा: फिल्मों में आने से पहले प्रोफेसर और फिर इंडियन ऑयल में कार्यरत
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अभिनय यात्रा: मराठी रंगमंच से शुरुआत और 1970 के दशक के अंत में हिंदी सिनेमा में प्रवेश
फिल्मोग्राफी की झलक
अच्युत पोतदार ने अक्सर पिता समान या अधिकारपूर्ण किरदार निभाए, लेकिन उनकी अदायगी कभी सीमित नहीं रही।
उनकी प्रमुख फ़िल्में:
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आक्रोश (1980)
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अल्बर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है (1980)
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अर्ध सत्य (1983)
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तेज़ाब (1988)
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परिंदा (1989)
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दिलवाले (1994)
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रंगीला (1995)
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हम साथ साथ हैं (1999)
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लगे रहो मुन्ना भाई (2006)
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दबंग 2 (2012)
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वेंटिलेटर (2016, मराठी)
विरासत
पोतदार के निधन की पुष्टि एक निजी चैनल के इंस्टाग्राम पोस्ट से हुई। हालाँकि, मृत्यु का कारण सामने नहीं आया है, लेकिन वे स्वास्थ्य समस्याओं के चलते अस्पताल में भर्ती थे। भारतीय सिनेमा में उनका योगदान और दर्शकों पर छोड़ी अमिट छाप उन्हें हमेशा यादगार बनाए रखेगी।


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